यूरोबास्केट 2025: सितारों की चमक और टीमों की रणनीति – ग्रुप ए और बी का रोमांचक दूसरा दिन

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यूरोबास्केट 2025 का रोमांच अपने चरम पर है, और दूसरे दिन के मुकाबले ने इस बात पर मुहर लगा दी कि दिग्गज खिलाड़ी बड़े मंच पर अपनी चमक बिखेरने के लिए तैयार हैं। ग्रुप ए और बी में टीमों की स्थिति लगभग साफ होती दिख रही है, जिसमें कुछ स्थापित नामों ने अपनी धाक जमाई, वहीं कुछ ने अपने पहले कदम मजबूती से रखे। यह दिन सिर्फ जीत-हार का नहीं, बल्कि असाधारण व्यक्तिगत प्रदर्शन और रणनीतिक कुशलता का गवाह बना। खेल प्रेमियों के लिए यह दिन एक शानदार बास्केटबॉल दावत से कम नहीं था, जहाँ हर शॉट, हर पास और हर डिफेंसिव मूव ने उत्साह बढ़ाया।

ग्रुप ए: जोकिक का जादू और लातविया की संघर्षपूर्ण जीत

ग्रुप ए के मुकाबलों ने साबित कर दिया कि जब कोर्ट पर सुपर स्टार होते हैं, तो वे अपनी टीम को किसी भी मुश्किल से बाहर निकाल सकते हैं। सर्बिया और लातविया ने अपने-अपने मैच जीतकर अंक तालिका में अपनी स्थिति मजबूत की, लेकिन दोनों की जीत की कहानियां काफी अलग थीं।

निकोल जोकिक: कोर्ट पर एक मास्टरक्लास

सर्बियाई टीम के स्तंभ, NBA के तीन बार के MVP, **निकोल जोकिक** ने पुर्तगाल के खिलाफ 80-69 की जीत में एक बार फिर अपने कौशल का प्रदर्शन किया। जोकिक ने 23 अंक और 10 रिबाउंड्स के साथ डबल-डबल दर्ज किया, और उन्होंने ऐसा तब किया जब वह चौथे क्वार्टर में खेले भी नहीं! यह एक तरह से उनका विनम्र निवेदन था कि `कृपया मुझे परेशान न करें, मैं अपना काम कर चुका हूं।` उनके खेल को देखकर ऐसा लगता है मानो वह बास्केटबॉल के कोर्ट पर शतरंज खेल रहे हों, जहां हर चाल सोची-समझी होती है और विरोधियों को सिर्फ दर्शक बना देती है। सर्बिया ने तुर्की के साथ ग्रुप ए में शीर्ष स्थान साझा किया, और जोकिक ने दिखाया कि क्यों उन्हें बास्केटबॉल के सबसे चतुर खिलाड़ियों में गिना जाता है।

लातविया और पोरज़िंगिस: पहली जीत का स्वाद

लातविया के लिए यह दिन कुछ अलग ही भावनाओं वाला रहा। कोच **लुका बैंची** की टीम ने एस्टोनिया के खिलाफ 72-70 की कांटे की टक्कर में आखिरकार अपनी पहली जीत दर्ज की। पूरा मैच पिछड़ने के बाद, लातविया ने अंतिम पलों में पासा पलटा और जीत हासिल की। इस जीत के शिल्पकार रहे **क्रिस्टाप्स पोरज़िंगिस**, जिन्होंने 26 अंक बनाए और अपनी टीम के लिए एकमात्र दोहरे अंकों वाले खिलाड़ी रहे। ऐसा लगा जैसे पूरी लातवियाई टीम ने पोरज़िंगिस से कहा, `आज हमारी नाव तुम्हें ही चलानी है!` और उन्होंने बखूबी यह जिम्मेदारी निभाई। यह सिर्फ एक जीत नहीं थी, यह टूर्नामेंट में उनके आत्मविश्वास की एक नई चिंगारी थी, जिसने दिखाया कि संघर्ष के बाद मिली जीत का स्वाद कितना मीठा होता है।

तुर्की की दमदार शुरुआत

दिन की शुरुआत तुर्की ने चेक गणराज्य पर 92-78 की आसान जीत के साथ की। दूसरे क्वार्टर में 24-10 के प्रभावशाली प्रदर्शन ने तुर्की को बढ़त दिलाई, जिसे उन्होंने अंत तक बनाए रखा। **सेंगुन** ने ट्रिपल-डबल के करीब प्रदर्शन किया, जबकि **ओसमान** ने 21 अंकों के साथ उनका शानदार साथ दिया। यह एक पेशेवर जीत थी जिसने उनकी टीम की गहराई को दिखाया और यह संकेत दिया कि तुर्की इस टूर्नामेंट में एक मजबूत दावेदार बन सकता है।

ग्रुप बी: मार्क्कनेन का जलवा और जर्मनी की निरंतरता

टाम्पेरे में ग्रुप बी के मैच ने भी रोमांच की कोई कमी नहीं छोड़ी। जर्मनी, लिथुआनिया और फिनलैंड ने अपने शत-प्रतिशत रिकॉर्ड बरकरार रखे, लेकिन एक खिलाड़ी ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया और अपने अद्भुत प्रदर्शन से सबका दिल जीत लिया।

लॉरी मार्क्कनेन शो: एक व्यक्ति, एक टीम

फिनलैंड और ग्रेट ब्रिटेन के बीच का मैच असल में **लॉरी मार्क्कनेन** का एकल प्रदर्शन था। जैज़ के स्टार ने 43 अंक बटोरे (जिसमें से 29 तो पहले हाफ में ही थे!), और फिनलैंड ने ग्रेट ब्रिटेन को 109-79 से रौंद दिया। इसे सिर्फ जीत कहना शायद मार्क्कनेन के प्रदर्शन का अपमान होगा; यह तो एक `मार्क्कनेन मास्टरक्लास` थी, जहाँ उन्होंने विरोधियों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या उन्होंने बास्केटबॉल की जगह किसी और खेल में करियर बनाना चाहिए था। उनके प्रदर्शन ने साबित कर दिया कि कभी-कभी एक खिलाड़ी पूरे मैच का रुख बदल सकता है और अपनी टीम को अकेले दम पर जीत दिला सकता है। यह प्रदर्शन निसंदेह टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत प्रदर्शनों में से एक है।

जर्मनी: एक सुचारु मशीन

जर्मनी की टीम ने पहले दिन के प्रदर्शन को दोहराते हुए स्वीडन पर 105-83 से शानदार जीत दर्ज की। **श्रोडर** (23 अंक) और **वैगनर** (21 अंक) की जोड़ी ने कुल 44 अंक बनाए, यह दिखाते हुए कि जर्मन टीम सिर्फ व्यक्तिगत प्रतिभा पर नहीं, बल्कि टीम वर्क और तालमेल पर भी निर्भर करती है। वे एक सुचारु रूप से चलने वाली मशीन की तरह हैं, जहाँ हर पुर्जा अपना काम बखूबी करता है और कोई भी एक खिलाड़ी दूसरे पर पूरी तरह से हावी नहीं होता। उनकी यह निरंतरता उन्हें टूर्नामेंट में एक खतरनाक टीम बनाती है।

लिथुआनिया की जोरदार वापसी

लिथुआनिया ने मोंटेनेग्रो को 94-67 से हराकर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। **जकुबैतिस** ने 21 अंक और 12 रिबाउंड्स के साथ डबल-डबल किया, जबकि **वालानसियस** ने हमेशा की तरह अपना योगदान दिया। मैच का पहला हाफ खत्म होने तक ही लिथुआनिया ने जीत की नींव रख दी थी, जिससे पता चलता है कि वे इस टूर्नामेंट में एक गंभीर दावेदार हैं और नॉकआउट चरणों में किसी भी टीम को कड़ी टक्कर दे सकते हैं।

यूरोबास्केट 2025 का दूसरा दिन उम्मीदों पर खरा उतरा, जिसमें स्थापित टीमों ने अपनी स्थिति मजबूत की और दिग्गज खिलाड़ियों ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। जोकिक की शांत प्रभुत्व, पोरज़िंगिस का निर्णायक प्रदर्शन, और मार्क्कनेन का अविश्वसनीय स्कोरिंग शो – इन सभी ने बास्केटबॉल प्रशंसकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। आने वाले दिनों में और भी रोमांचक मुकाबले देखने को मिलेंगे, क्योंकि टीमें नॉकआउट चरण में जगह बनाने के लिए संघर्ष करेंगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सी टीम अपने सितारों के दम पर आगे बढ़ती है, और कौन सी टीम टीम वर्क से सबको चौंकाती है। यह सिर्फ एक शुरुआत है, और असली रोमांच अभी बाकी है!