यूरोबास्केट 2025: इटली ने स्पेन को रोमांचक मुकाबले में 67-63 से हराया – एक अविस्मरणीय वापसी!

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बास्केटबॉल एक ऐसा खेल है जहाँ हर पल बाजी पलट सकती है, और इटली तथा स्पेन के बीच का हालिया मुकाबला इस बात का जीता-जागता प्रमाण है। यूरोबास्केट 2025 में, इटली ने अपने दृढ़ संकल्प और युवा जोश के दम पर स्पेन को 67-63 से हराकर एक ऐसी जीत दर्ज की, जिसे खेल प्रेमी लंबे समय तक याद रखेंगे। यह सिर्फ एक जीत नहीं थी, बल्कि संघर्ष, वापसी और जीतने की अदम्य इच्छाशक्ति का प्रतीक थी।

इटली के मुहममत डिउफ स्पेन के विली हर्नांगोमेज़ के खिलाफ एक्शन में

यूरोबास्केट 2025 में इटली और स्पेन के बीच रोमांचक मुकाबले का एक क्षण।

एक भयानक शुरुआत और फिर चमत्कारिक वापसी

मैच की शुरुआत इटली के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं थी। स्पेन ने आते ही दबदबा बनाना शुरू किया और देखते ही देखते 10-0 की बढ़त बना ली, जो जल्द ही 13-0 हो गई। इटली के खिलाड़ी अपने ही पाले में संघर्ष करते दिखे, उनके शॉट्स निशाने पर नहीं लग रहे थे। ऐसा लग रहा था कि स्पेन आसानी से मैच अपनी मुट्ठी में कर लेगा। पहले क्वार्टर के अंत तक स्कोर 10-18 था, स्पेन आगे था। लेकिन यही वह बिंदु था जहाँ से इटली के अंदर का योद्धा जागा।

युवा जोश और नायक का उदय

इटली की वापसी में युवा खिलाड़ियों का योगदान अतुलनीय था। विशेष रूप से, नियांग (Niang) ने मैदान पर उतरते ही खेल का रुख बदल दिया। उनकी ऊर्जा, रीबाउंड और काउंटर-अटैक पर शानदार डंक ने इटली को शून्य से बाहर निकाला और एक महत्वपूर्ण 6-0 की रन दी। नियांग, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि उनके खेल में एक अलग ही जुनून है, ने टीम को वह चिंगारी दी जिसकी उसे सबसे ज्यादा जरूरत थी।

लेकिन जैसे ही इटली मैच में वापस आ रहा था, एक अप्रत्याशित घटना हुई। नियांग, जो टीम के लिए ऊर्जा का स्रोत बन गए थे, दुर्भाग्यवश अपनी दाहिनी टखने पर गिर गए। मैच के 7 मिनट और 6 सेकंड शेष रहते उन्हें मैदान छोड़ना पड़ा, जिससे इटली खेमे में और प्रशंसकों के बीच चिंता की लहर दौड़ गई। उनकी चोट की गंभीरता का पता बुधवार को मेडिकल जांच के बाद चलेगा, लेकिन उनके बिना भी टीम ने हार नहीं मानी।

डिफ (Diouf) ने 14 अंकों के साथ शानदार प्रदर्शन किया, हर तरफ अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। वहीं, युवा और निडर प्रोसिडा (Procida) ने अपने डेब्यू मैच में ही कमाल कर दिखाया। उनके निर्णायक थ्री-पॉइंटर ने मैच को 47-47 से बराबरी पर ला खड़ा किया, यह दर्शाता है कि दबाव में भी कुछ युवा खिलाड़ी कैसे चमक सकते हैं। मार्को स्पिसू और गेब्रियल रिची ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिससे टीम एक इकाई के रूप में खड़ी रही।

स्पेन की रणनीति और अंत में नाटकीय मोड़

स्पेन ने पूरे मैच में थ्री-पॉइंटर्स पर काफी हद तक निर्भरता दिखाई, लेकिन उनके प्रयास उतने प्रभावी नहीं रहे। यह एक रणनीतिक भूल साबित हुई, क्योंकि इटली ने हर अंक के लिए संघर्ष किया। तीसरा क्वार्टर इटली के लिए धैर्य और चरित्र का प्रदर्शन था, जहां उन्होंने पिछड़ने के बावजूद स्कोर को 49-47 तक पहुंचाकर बढ़त बना ली।

चौथा और अंतिम क्वार्टर तो पूरी तरह से रोमांच से भरा था। डिउफ ने बास्केट के नीचे अपना दबदबा बनाए रखा, जबकि प्रोसिडा ने हर गेंद पर अपनी ऊर्जा झोंक दी। इटली ने बढ़त बढ़ाई, लेकिन स्पेन ने भी हार नहीं मानी। अल्डमा ने 1 मिनट 55 सेकंड शेष रहते हुए स्कोर को 62-62 से बराबर कर दिया। मैच किसी भी टीम के पाले में जा सकता था।

और फिर आया वह नाटकीय पल: मैच के मात्र 14 सेकंड शेष थे जब स्पेन के पार्रा ने एक बेतुका अनस्पोर्ट्समैनलाइक फाउल कर दिया। स्पिसू ने उन दो फ्री थ्रो को सफलता में बदला, जिससे इटली को 3 अंकों की बढ़त मिली। इसके बाद रिची के एक और फ्री थ्रो ने इटली की जीत को 67-63 पर मोहर लगा दी। यह एक ऐसी गलती थी जिसकी कीमत स्पेन को मैच हारकर चुकानी पड़ी।

जीत का महत्व और आगे का सफर

इस जीत के साथ, इटली अब ग्रीस के साथ अपने ग्रुप में शीर्ष स्थान पर पहुंच गया है, जो यूरोबास्केट में उसके आगे के सफर के लिए एक बड़ा मनोवैज्ञानिक बढ़ावा है। यह मैच सिर्फ अंकों का खेल नहीं था, बल्कि यह इटली की टीम भावना, युवा प्रतिभाओं पर विश्वास और हर चुनौती का सामना करने के उनके संकल्प को दर्शाता है। यह दिखाता है कि कैसे एक टीम, मुश्किलों से जूझते हुए भी, एकजुट होकर एक अविश्वसनीय जीत हासिल कर सकती है। इटली ने न केवल स्पेन को हराया, बल्कि अपने प्रशंसकों के दिलों में भी एक खास जगह बना ली है। यह जीत आने वाले समय में इटली के बास्केटबॉल के लिए एक नई उम्मीद और प्रेरणा का स्रोत बनेगी।