यूरोबास्केट 2025: फिनलैंड ने सर्बिया को धोबी पछाड़ दी, उलटफेरों से भरा प्री-क्वार्टर फाइनल!

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यूरोपियन बास्केटबॉल चैंपियनशिप (यूरोबास्केट) 2025 के प्री-क्वार्टर फाइनल ने खेल प्रेमियों को दांतों तले उंगलियां दबाने पर मजबूर कर दिया। `विशेषज्ञों` के सभी अनुमानों को धता बताते हुए, कुछ ऐसे परिणाम सामने आए जिन्होंने टूर्नामेंट का पूरा नक्शा ही बदल दिया। सबसे बड़ा झटका तब लगा जब टूर्नामेंट की प्रबल दावेदार मानी जा रही सर्बियाई टीम को एक अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा।

असंभव को संभव बनाया: फिनलैंड ने सर्बिया को हराया

जब टूर्नामेंट शुरू हुआ था, तो सबकी निगाहें सर्बिया पर थीं। निकोला जोकिक जैसे सुपरस्टार से सजी यह टीम कागज़ पर सबसे मज़बूत दिख रही थी। लेकिन बास्केटबॉल का खेल केवल कागज़ पर नहीं, कोर्ट पर खेला जाता है। और फिनलैंड ने यह साबित कर दिया कि दृढ़ संकल्प और टीम वर्क किसी भी बड़ी टीम को धूल चटा सकता है।

मार्क्कन (Markkanen) नाम के तूफानी खिलाड़ी की अगुवाई में फिनलैंड ने सर्बिया के गढ़ में सेंध लगा दी। मैच की शुरुआत से ही फिनलैंड ने आक्रामक खेल दिखाया और सर्बिया को दबाव में ला दिया। जोकिक जैसे धुरंधर भी उनके सामने कुछ हद तक बेबस दिखे। हालांकि, निकोला जोकिक ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की और 33 अंक बटोरे, लेकिन फिनलैंड की एकजुटता और एलिएस वाल्टोनन के निर्णायक समय के तीरों ने सर्बिया को चारों खाने चित्त कर दिया। अंतिम स्कोर: सर्बिया 86 – फिनलैंड 92। यह हार सर्बिया के लिए एक सबक है कि बास्केटबॉल में केवल नाम नहीं, काम बोलता है। इस उलटफेर ने टूर्नामेंट में रोमांच का एक नया अध्याय लिख दिया है।

अन्य रोमांचक मुकाबले और अहम परिणाम

प्री-क्वार्टर फाइनल के अन्य मुकाबलों में भी एक्शन और ड्रामा भरपूर था:

तुर्की बनाम स्वीडन: शेंगुन का जलवा (85-79)

तुर्की ने भले ही सर्बिया को पहले राउंड में हराया हो, लेकिन स्वीडन के खिलाफ उन्हें जीत के लिए पसीना बहाना पड़ा। स्वीडन ने पहले हाफ में तुर्की को कड़ी टक्कर दी, लेकिन तीसरे क्वार्टर में तुर्की ने वापसी की। शेंगुन (Sengun) के शानदार 24 अंक, 16 रिबाउंड और 6 असिस्ट ने तुर्की को मुश्किल से बाहर निकाला। यह मैच दर्शाता है कि बास्केटबॉल में कोई भी टीम हल्की नहीं होती और जीत के लिए हर अंक पर संघर्ष करना पड़ता है।

जर्मनी बनाम पुर्तगाल: जर्मनी की धमाकेदार जीत (85-58)

जर्मनी ने भले ही बड़े अंतर से जीत हासिल की हो, लेकिन पुर्तगाल ने पहले हाफ में उन्हें कड़ी टक्कर दी। पुर्तगाल की टीम ने अपनी पूरी जान लगा दी, लेकिन वे लगातार दबाव बनाए रखने में असफल रहे। अंतिम क्वार्टर में जर्मनी ने 33-7 का एकतरफा स्कोर करते हुए मैच पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली। वॉग्नर (Wagner), श्रोडर (Schroder) और बोंगा (Bonga) की तिकड़ी ने जर्मनी को क्वार्टर फाइनल में पहुंचाया। पुर्तगाल की टीम काउंटर-अटैक में एक भी बास्केट नहीं कर पाई, जो उनकी हार का एक बड़ा कारण बना।

लिथुआनिया बनाम लातविया: घरेलू मैदान पर निराशा (88-79)

लातविया के लिए अपने घरेलू मैदान पर मिली यह हार काफी निराशाजनक रही। लिथुआनिया ने मैच की शुरुआत से ही बढ़त बना ली और उसे अंत तक कायम रखा। वेलिका (Velicka) ने 21 अंक और 12 असिस्ट के साथ शानदार प्रदर्शन किया, जिसने लिथुआनिया को जीत की राह दिखाई। लातविया के लिए पोर्ज़िंगिस (Porzingis) ने अकेले दम पर 34 अंक बटोरे, लेकिन उनका यह शानदार प्रयास भी टीम को हार से नहीं बचा सका। यह अनुभव लातविया के कोच लुका बान्ची के लिए भी कड़वा रहा।

अब आगे क्या? क्वार्टर फाइनल का इंतज़ार

अब सभी की निगाहें आने वाले क्वार्टर फाइनल पर टिकी हैं। कल, इटली की टीम स्लोवेनिया के खिलाफ मैदान में उतरेगी, जहाँ उन्हें लुका डोनसिक (Luka Doncic) जैसे जादूगर का सामना करना होगा। यह मुकाबला भी कम रोमांचक नहीं होने वाला, क्योंकि डोनसिक किसी भी मैच का पासा पलटने की क्षमता रखते हैं।

प्री-क्वार्टर फाइनल ने साबित कर दिया कि यूरोबास्केट 2025 केवल खेल नहीं, बल्कि भावनाओं का एक ऐसा महासागर है जहाँ हर लहर एक नई कहानी कहती है। बड़े नाम, बड़े खिलाड़ी, और बड़ी टीमें – सब पर उलटफेर का खतरा मंडराता रहता है। असली चुनौती अब क्वार्टर फाइनल में है, जहाँ हर टीम अपनी पूरी जान लगा देगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सी टीम दबाव को झेलकर आगे बढ़ती है और कौन सी टीम इतिहास में एक और अप्रत्याशित हार के रूप में दर्ज हो जाती है। बास्केटबॉल के प्रशंसक अब और अधिक रोमांचक मुकाबलों की उम्मीद कर सकते हैं!