सर्बिया के दिग्गज खिलाड़ी निकोला जोकिक मैदान में अपनी टीम का नेतृत्व करते हुए।
यूरोबास्केट 2025 का रोमांच अपने चरम पर है, और इस टूर्नामेंट में कुछ टीमों ने अपनी बादशाहत इस कदर स्थापित की है कि बाकी टीमें उन्हें रोकने के लिए रणनीति बनाते-बनाते थक रही हैं। सर्बिया, जर्मनी और तुर्की – ये वो तीन नाम हैं, जिन्होंने अब तक एक भी मैच नहीं हारा है और पूरे टूर्नामेंट में एक अजेय ताकत बनकर उभरे हैं। ऐसा लगता है, इन्होंने बाकी प्रतिद्वंद्वियों को बस यह बताने के लिए मैदान पर उतारा है कि असली खेल कैसे खेला जाता है!
छठे दिन के मैचों ने भी इस बात पर मुहर लगा दी है। सर्बिया ने चेक गणराज्य को 22 अंकों से, जर्मनी ने ग्रेट ब्रिटेन को लगभग दोगुने अंकों से और तुर्की ने एस्टोनिया को 20 अंकों के भारी अंतर से रौंदकर यह साबित कर दिया कि ट्रॉफी की दौड़ में वे ही सबसे आगे हैं। लेकिन सिर्फ जीतना ही काफी नहीं, बल्कि किस तरह से जीतना है, यह इन टीमों से सीखा जा सकता है।
ग्रुप ए: तुर्की का बेरोकटोक कारवां और सर्बियाई दबदबा
ग्रुप ए में तुर्की का कारवां बेरोकटोक जारी है। एस्टोनिया के खिलाफ उनकी 84-64 की जीत सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि उनके दृढ़ संकल्प का प्रमाण है। अलपेरेन शेनगून (Alperen Şengün) ने अपनी शानदार फॉर्म जारी रखते हुए 21 अंक, 8 रिबाउंड और 5 असिस्ट के साथ टीम को जीत दिलाई। उनके खेल में वह सहजता दिखती है, मानो वह सिर्फ अभ्यास कर रहे हों!
सर्बिया ने भी अपनी अजेय बढ़त बरकरार रखी है। चेक गणराज्य को 82-60 से हराकर, उन्होंने दिखा दिया कि निकोला जोकिक (Nikola Jokic) को हर रात अपना `एमवीपी जादू` दिखाने की ज़रूरत नहीं पड़ती, उनकी टीम की गहराई ही दुश्मनों के लिए काफी है। अवारामोविक (Avramovic) ने 14 अंक और 8 असिस्ट के साथ जोकिक की अनुपस्थिति में भी टीम को बखूबी संभाला। क्या कहने, टीम वर्क हो तो ऐसा!
इस ग्रुप से लातविया ने भी पुर्तगाल को 78-62 से हराकर नॉकआउट चरण में जगह बनाई। पुर्तगाल के लिए दूसरा क्वार्टर तो किसी दुःस्वप्न से कम नहीं था, जहाँ वे केवल 7 अंक ही बना पाए। और जब सामने क्रिस्टैप्स पोरज़िंगिस (Kristaps Porziņģis) जैसा `लंबी दूरी का शिकारी` हो, जिसने 5 थ्री-पॉइंटर्स के साथ कुल 21 अंक और 9 रिबाउंड बटोरे, तो हार तो निश्चित ही थी।
ग्रुप बी: जर्मन मशीन और लिथुआनियाई संकल्प
ग्रुप बी में, मोंटेनेग्रो ने स्वीडन के खिलाफ 87-81 की जीत के साथ अपने अभियान की शुरुआत की। निकोलस वूसविक (Nikola Vučević) ने 23 अंक और 15 रिबाउंड के साथ डबल-डबल का प्रदर्शन किया। ऑलमैन ने अंतिम क्वार्टर में आकर खेल का रुख ही बदल दिया, मानो वह चौथे क्वार्टर के लिए ही अपनी सारी ऊर्जा बचाकर रखे हों!
जर्मनी के लिए यह मैच किसी वॉकओवर से कम नहीं था। उन्होंने ग्रेट ब्रिटेन को 120-57 के भारी अंतर से धो डाला। यह सिर्फ एक जीत नहीं थी, बल्कि एक चेतावनी थी कि `जर्मन मशीन` पूरे गियर में है। ट्रिस्टन दा सिल्वा (Tristan Da Silva) टॉप स्कोरर रहे, और कोच मुम्ब्रू को यह देखकर खुशी हुई होगी कि उनकी टीम के पांच खिलाड़ी डबल डिजिट में स्कोर कर रहे थे। यह तो `ऑल-स्टार` प्रदर्शन था!
लिथुआनिया ने भी फ़िनलैंड को 81-78 से हराकर राउंड ऑफ 16 में अपनी जगह पक्की कर ली। जोकुबाइटिस-ब्लेज़ेविक (Jokubaitis-Blazevic) की जोड़ी ने मिलकर 30 अंक बनाए और टीम को जीत दिलाई। कभी-कभी एक मजबूत जोड़ी ही काफी होती है, बाकी सब तो बस इतिहास रचने के लिए होता है।
अगले मैचों पर सबकी निगाहें: इटली और स्पेन के बीच होने वाला मुकाबला एक असली `क्लैश ऑफ टाइटन्स` होगा। क्या कोई इन अजेय दिग्गजों को रोक पाएगा, या फिर ये यूरोबास्केट 2025 में अपनी जीत का सिलसिला यूँ ही जारी रखेंगे? जानने के लिए बने रहें!