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White House Diwali Celebration
Highlights
अमेरिका में मनाया गया दिवाली का जश्न
व्हाइट हाउस में आयोजित हुआ कार्यक्रम
बाइडेन ने बच्चों को बताया रोशनी का प्रतीक
White House Diwali Celebration: भारत की तरह दुनिया भर में दिवाली का त्योहार धूमधाम से मनाया गया है। अमेरिकी सरकार ने भी इस दौरान शानदार समारोह का आयोजन किया। यहां व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दिवाली के मौके पर दिया जलाया। जिसके बाद दिवाली का जश्न शुरू हुआ। समारोह में बाइडेन प्रशासन के भारतीय मूल के नेता और अधिकारी शामिल हुए। सभी ने धूमधाम से दिवाली का त्योहार मनाया। इस दौरान पारंपरिक नृत्य का आयोजन भी किया गया। व्हाइट हाउस के इस कार्यक्रम की कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं।
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व्हाइट हाउस में दिवाली समारोह में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंच पर दो बच्चों को आमंत्रित किया और उन्हें ‘रोशनी का प्रतीक’ बताया, जो समारोह में उपस्थित लोगों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा।
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व्हाइट हाउस ने बाद में कहा कि दिवाली समारोह में देश भर से भारतीय समुदाय के करीब 200 सदस्यों के साथ सांसद रो खन्ना के बच्चे सोरेन और जारा भी शामिल हुए।
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सोरेन और जारा को मंच पर आमंत्रित करने से हैरान दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच बाइडन ने पूछा, ‘(सोरेन और जारा) आप लोग कैसे हैं? क्या हाल है? आप यहां आना चाहते हैं? आप ऊपर आना चाहते हैं? आप आ सकते हैं।’
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उन्होंने अपने एक सहयोगी से उन्हें मंच पर लाने में मदद करने को कहा। बाइडेन ने कहा, ‘ये मेरी उम्मीद की किरण हैं।’ खन्ना ने स्वागत समारोह के बाद कहा, ‘यह एक अभूतपूर्व सम्मान की बात थी कि उन्हें व्हाइट हाउस में पहले बड़े दिवाली उत्सव और समारोह में राष्ट्रपति ने मंच पर बुलाया और वे 25 मिनट तक मंच पर रहे।’
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बाद में एक ट्वीट में खन्ना ने कहा कि राष्ट्रपति ने ‘हमारे बच्चों को उत्सव के दौरान मंच पर शामिल होने के लिए आमंत्रित किया’ जिससे वह और उनकी पत्नी ऋतु बहुत अभिभूत हुए। उन्होंने कहा, ‘यह भविष्य के प्रति राष्ट्रपति के विश्वास की एक गवाही है। राष्ट्रपति सही कहते हैं। मैंने विवाह किया और बच्चे हमारी रोशनी हैं।’ कुछ मेहमानों को यह कहते हुए सुना गया कि यह समारोह का सबसे अच्छा पल था।
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इस दौरान जो बाइडेन ने कहा कि व्हाइट हाउस में दिवाली मनाने की परंपरा की शुरुआत जॉर्ज बुश के प्रशासन ने की थी। जिसके बाद से यह अब तक का सबसे बड़ा आयोजन है। आयोजन ईस्ट रूम में किया गया था, जिसमें 200 से अधिक भारतीय अमेरिकी लोग आए।
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ईस्ट रूम भारत-अमेरिका रिश्तों से संबंधित विभिन्न ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है, जिनमें 2008 में परमाणु करार पर हस्ताक्षर किया जाना और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और उस समय भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का संवाददाता सम्मेलन होना शामिल है।
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दिवाली समारोह के दौरान कुछ आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम देखे गए, जिसमें सितारवादक ऋषभ शर्मा और नृत्य मंडली ‘द सा डांस कंपनी’ की प्रस्तुतियां शामिल रहीं। साड़ी, लहंगा और शेरवानी जैसे पारंपरिक भारतीय परिधान पहने मेहमानों ने भारतीय व्यंजनों का लुत्फ उठाया।
‘यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल’ के अध्यक्ष अतुल केशप ने समारोह के दौरान कहा, ‘भारतीय अमेरिकी समुदाय ने अमेरिका में जो हासिल किया है, यह उसका जश्न है। दिवाली पर हमारी मेजबानी के लिए हम राष्ट्रपति और व्हाइट हाउस के आभारी हैं। मैं एक भारतीय अमेरिकी के रूप में यहां आकर बहुत ही भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं।’
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अमेरिका के सबसे बड़े दक्षिण एशियाई टेलीविजन चैनल ‘टीवी एशिया’ के चेयरमैन और सीईओ एच आर शाह ने कहा, ‘दिवाली मनाने यहां आना एक सम्मान और सौभाग्य की बात है। भारतीय अमेरिकी इसके लिए राष्ट्रपति और प्रथम महिला के आभारी हैं।’
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इससे पहले मेहमानों का स्वागत करते हुए बाइडेन ने कहा कि व्हाइट हाउस में इतने बड़े पैमाने पर आयोजित होने वाला यह पहला दिवाली समारोह है। उन्होंने कहा, ‘दक्षिण एशियाई समुदाय ने देश को महामारी से बाहर निकालने में मदद की है। साथ ही एक ऐसी अर्थव्यवस्था का निर्माण किया है, जिसमें सभी के लिए काम किया जाता है।’
थिंपू : भूटान के प्रधानमंत्री इन दिनों चीन के सुर में सुर मिला रहे हैं। एक इंटरव्यू में भूटानी पीएम लोटे शेरिंग ने कहा कि डोकलाम विवाद को हल करने में चीन की भी समान भूमिका है। उनके हालिया बयान इस विवादित और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र पर भूटान के बदलते पक्ष को दिखाते हैं। इससे पहले भूटान ने दावा किया था कि चीन ने उसकी सीमा में कोई गांव नहीं बसाया है। डोकलाम भारत, चीन और भूटान तीनों देशों को जोड़ने वाला केंद्र बिंदु है। साल 2017 के डोकलाम गतिरोध के बाद से यह तीनों देशों के बीच तनाव का प्रमुख कारण रहा है। बेल्जियन अखबार La Libre को दिए एक हालिया इंटरव्यू में शेरिंग ने कहा, ‘समस्या को हल करना अकेले भूटान के हाथ में नहीं है। हम तीन देश हैं। कोई मुल्क बड़ा या छोटा नहीं है, तीनों समान हैं, प्रत्येक की गिनती एक तिहाई के रूप में होती है।’ चीन ने डोकलाम के पास भूटान के क्षेत्र में गांवों और सड़कों का निर्माण किया है जो क्षेत्र में भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं। भारत डोकलाम में चीन के विस्तार का विरोध करता है और अपने रणनीतिक सिलीगुड़ी कॉरिडोर के लिए इसे सबसे बड़ा खतरा मानता है।
शेरिंग का बयान दिखाता है कि भूटान भारत और चीन के साथ डोकलाम की स्थिति पर बातचीत करने और विवाद को हल करने में इच्छुक है। चीन का लक्ष्य ट्राई-जंक्शन को दक्षिण की ओर शिफ्ट करना है जिससे पूरा डोकलाम कानूनी रूप से चीन का हिस्सा बन जाएगा। भारत इस कदम का विरोध करता है। एक तरफ भूटानी पीएम दावा कर रहे हैं कि चीन उनकी सीमा में नहीं घुसा है तो वहीं सैटेलाइट तस्वीरें बताती हैं कि चीन ने भूटान के क्षेत्र में 10 गांव बसा लिए हैं।
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‘सिलीगुड़ी कॉरिडोर’ तक पहुंचना चाहता है चीन
साल 2017 में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच दो महीने से अधिक समय तक तनावपूर्ण गतिरोध चला था। भारतीय सैनिकों ने डोकलाम पठार में प्रवेश किया था ताकि चीन को माउंट जिपमोची और आसपास के झम्फेरी रिज की ओर अवैध रूप से निर्मित सड़क का विस्तार करने से रोका जा सके। भारतीय सेना का दावा है कि चीनी सेना को झम्फेरी तक पहुंचने दिया गया तो उन्हें सिलीगुड़ी कॉरिडोर के लिए एक ‘साफ रास्ता’ मिल जाएगा।
मास्को: यूक्रेन में चल भीषण युद्ध के बीच रूस की सेना ने अपनी महाविनाशक यार्स अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल के साथ अभ्यास शुरू किया है। इस मिसाइल की रेंज 12 हजार किमी है और यह अमेरिका तक तबाही मचा सकती है। यह रूसी यार्स इतना खतरनाक है कि केवल एक मिसाइल अपने साथ कई परमाणु बम ले जा सकती है। इस अभ्यास में रूस के हजारों की तादाद में सैनिक भी हिस्सा ले रहे हैं। माना जा रहा है कि इस अभ्यास के जरिए रूस अपनी परमाणु ताकत का प्रदर्शन कर रहा है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा, ‘कुल 3000 सैनिक और 300 हथियार इस अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं।’ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का इरादा है कि यार्स मिसाइल सिस्टम को रूस के ‘अपराजेय हथियारों’ में शामिल किया जाए। यह यार्स मिसाइल टोपोल सिस्टम की जगह लेगी और जमीनी रास्ते से परमाणु हमला करने का मुख्य हथियार बनाने का इरादा है। इसके दौरान यार्स मोबाइल सिस्टम के साथ रूस के तीन इलाकों में अभ्यास किया जाएगा। रूस ने यह नहीं बताया कि किस इलाके में यह अभ्यास किया जाएगा। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रणनीतिक मिसाइल को संभालने वाले सैनिक इसे छिपाकर करेंगे और इस बात के प्रत्येक कदम उठाए जाएंगे जिससे उसकी अंतरिक्ष से निगरानी नहीं की जा सके। इसमें एयरोस्पेस फोर्स का भी इस्तेमाल किया जाएगा। यह मिसाइल 12000 किमी तक कई परमाणु बमों के साथ हमला कर सकती है जिससे रूसी परमाणु प्रतिरोधक क्षमता काफी बढ़ गई है। इसे ट्रक पर लेकर कहीं भी ले जाया जा सकता है या फिर उसे मिसाइल साइलो में रखा जा सकता है।
यूक्रेन पर पिछले साल हमला करने के बाद रूस ने या तो खुद से या फिर चीन तथा दक्षिण अफ्रीका के साथ कई सैन्य अभ्यास किया है। यही नहीं रूस ने अपने करीबी बेलारूस के साथ भी कई जोरदार युद्धाभ्यास किए हैं। ये अभ्यास यूक्रेन की सीमा पर आयोजित किए गए हैं। रूस ने पिछले दिनों ऐलान किया है कि वह बेलारूस में परमाणु हथियार तैनात करने जा रहा है। इन हथियारों की तैनाती से नाटो देशों के साथ रूस और बेलारूस की टेंशन बढ़ गई है। बेलारूस लगातार यूक्रेन को चेतावनी दे रहा है।
Curated by योगेश मिश्रा | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 29 Mar 2023, 10:22 am
Planet Parade in Sky : यूं तो धरती से सौर मंडल के ग्रहों को देखने के लिए बड़े-बड़े उपकरणों की जरूरत पड़ती है। लेकिन मंगलवार रात भारत में सौर मंडल के पांच ग्रह नग्न आंखों से चंद्रमा के साथ एक सीधी कतार में नजर आए। दुनिया के कुछ हिस्सों में यह नजारा सोमवार को ही दिखाई दिया था। इस दौरान आसमान में बुध, बृहस्पति, शुक्र, यूरेनस और मंगल ग्रह दिखाई दिए।