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वॉट्सऐप यूजर्स अब इंस्टाग्राम की तरह बना सकते हैं पर्सनल चैनल।
WhatsApp gives Instagram like channel feature: वॉट्सऐप दुनिया भर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला मैसेजिंग ऐप्लिकेशन है। यूजर्स के एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने के लिए कंपनी नए नए अपडेट्स और फीचर्स समय समय पर लाती रहती है। अब कंपनी ने अपने मोस्ट अवेटेड फीचर चैनल को लंबे समय के बाद यूजर्स के लिए रोल आउट कर दिया है। वॉट्सऐप का चैनल फीचर ठीक उसी तरह से काम करेगा जैसा कि इंस्टाग्राम का चैनल फीचर काम करता है।
वॉट्सऐप ने करीब 150 देशों के यूजर्स के लिए चैनल फीचर को रोलआउट किया है। इस फीचर का अपडेट कंपनी अलग अलग फेज में रिलीज कर रही है। अगर आपको इसका अपडेट नहीं मिला है तो कुछ दिन का और इंतजार करना पड़ सकता है। वॉट्सऐप ने चैनल फीचर को ब्रॉडकॉस्ट टूल के तौर पर जारी किया है। यूजर्स को चैनल फीचर का ऑप्शन अपडेट टैब में मिलेगा।
आपको बता दें कि कंपनी ने स्टेटस टैब का नाम बदलकर अब अपडेट टैब कर दिया है। इसी टैब के अंदर ही यूजर्स को लेटेस्ट स्टेटस और चैनल का फीचर मिलेगा। यहां आपको आपके कॉन्टैक्ट्स के द्वारा लगाए गए स्टेटस देखने को मिलेंगे और साथ ही यहां आपके द्वारा फॉलो किए गए चैनल भी मिलेंगे।
एंड टू एंड एन्क्रिप्टेड नहीं होगा
वॉट्सऐप का नया चैनल फीचर प्लेटफॉर्म में पहले से मौजूद ग्रुप्स और कम्यूनिटी फीचर से बहुत ज्यादा अलग है। वॉट्सऐप के दूसरे फीचर की तरह यह एंड टू एंड एन्क्रिप्टेड नहीं होगा। अगर कोई यूजर चैनल क्रिएट करता है तो कंपनी एडमिन को कई तरह के राइट्स भी देती है जिन्हें एडमिन अपने चैनल पर जोड़ सकता है। चैनल में कौन कौन ऐड हो सकता है इसका राइट भी एडमिन के ही पास होगा।
वॉट्सऐप ने इस फीचर को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच बनाने के उद्देश्य से क्रिएट किया है। कंपनी का यह फीचर ठीक उसी तरह से काम करता है जैसे इंस्टाग्राम का चैनल फीचर, इसमें एडमिन अपने फॉलोअर्स के लिए फोटो, वीडियो, वॉयस नोट और इमोजी पोस्ट कर सकता है। चैनल में एडमिन और फॉलोअर्स दोनों को एक दूसरे की डिटेल दिखेगी नहीं। एडमिन्स 30 दिन तक अपने पोस्ट को एडिट कर पाएंगे।
वॉट्सऐप ग्रुप से अलग होगा चैनल
बता दें कि वॉट्सऐप ग्रुप्स से चैनल फीचर बहुत ही अलग है। जहां वॉट्सऐप ग्रुप में सिर्फ 1024 लोगों को जोड़ा जा सकता है लेकिन चैनल में अभी तक ऐसी कोई लिमिट नहीं है। इसके साथ ही इसमें आपको वीडियो शेयर करने के लिए इंस्टाग्राम या फिर फेसबुक लिंक की जरूरत नहीं होगी। आप डायरेक्ट अपने वीडियो को चैनल में शेयर कर सकते हैं और साथ ही दूसरे लोग इसे देखकर डायरेक्ट डाउनलोड भी कर सकते हैं।
खुदकुशी करने वाले शख्स की पहचान सुदर्शन देवराय के रूप में की है। देवराय ने नांदेड़ जिले की हिमायतनगर तहसील में रविवार आधी रात के बाद कथित तौर पर खुदकुशी कर ली।
कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक रिश्ते बुरे दौर में जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत पर अनर्गल आरोपों के बाद कनाडा ने भारतीय राजनयिक को बर्खास्त कर दिया था। अब इस कदम के जवाब में भारत सरकार ने भी कनाडा के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। भारत सरकार ने भी एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को बर्खास्त कर दिया है और उन्हें 5 दिनों में देश छोड़ने का आदेश दिया है।
उच्चायुक्त तलब
कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के भारत विरोधी कदमों के बाद भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने विरोध जताने के लिए भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैकेई को तलब किया था। ऐसा माना जा रहा था कि कनाडा को जवाब देने के लिए भारत सरकार भी कड़ा कदम उठा सकती है।
विदेश मंत्रालय का बयान
भारतीय विदेश मंत्रालय ने जारी किए गए बयान में कहा है कि भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैकेई को आज तलब किया गया। उन्हें भारत में रह रहे एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के भारत सरकार के फैसले के बारे में सूचित किया गया। संबंधित राजनयिक को अगले पांच दिनों के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह निर्णय हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है।
क्यों तल्ख हुए रिश्ते?
G-20 समिट में फटकार खाने के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत विरोधी कदमों में जुट गए हैं। ट्रू़डो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का कनेक्शन भारत से जोड़ते हुए भारत के एक राजनयिक को निकाल दिया था। हालांकि, भारत सरकार ने कनाडाई पीएम के आरोपों को बेबुनियाद और आधारहीन करार दिया है। भारत ने साथ ही कनाडा से आतंकी तत्वों पर कार्रवाई करने की मांग की है। भारत ने कहा है कि इस तरह के बयान खालिस्तानियों से ध्यान हटाने के लिए दिए गए हैं।
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महिला आरक्षण बिल को लेकर स्थिति लगभग साफ होती नजर आ रही है। खबर है कि सरकार मंगलवार को ही संसद में बिल पेश कर सकती है। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। सोमवार को कैबिनेट बैठक में विधेयक पर मुहर लगा दी गई थी। इधर, महिला आरक्षण का श्रेय लेने के लिए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में होड़ लगती नजर आ रही है।
खास बात है कि मंगलवार से ही विशेष सत्र नए संसद भवन में पहुंच रहा है। ऐसे में अगर सरकार महिला आरक्षण बिल आज पेश कर देती है, तो नई संसद में पेश होने वाला यह पहला बिल होगा। हालांकि, यह बिल करीब 27 सालों से लंबित है और कांग्रेस की अगुवाई वाली UPA सरकार ने साल 2010 में इसे राज्यसभा में पास करा लिया था।