वेस्टइंडीज दौरे से पहले टीम इंडिया के ‘रेस ट्रैक’ पर कौन दौड़ा, कौन फिसला?

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क्रिकेट की दुनिया में, किसी भी बड़े दौरे से पहले `ए` टीम के मुकाबले किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होते। यह वो मंच है जहाँ खिलाड़ी खुद को साबित करते हैं, चयनकर्ताओं की नज़र में आते हैं, और राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह पक्की करते हैं। वेस्टइंडीज के महत्वपूर्ण टेस्ट दौरे से पहले, भारतीय क्रिकेट टीम के चयनकर्ताओं की निगाहें भी इंडिया ए बनाम ऑस्ट्रेलिया ए के मुकाबलों पर टिकी थीं। लेकिन, इस `मिनी-ऑडिशन` के कुछ नतीजों ने ज़रूर उनकी भौंहें चढ़ा दी होंगी। यह सिर्फ प्रदर्शन की बात नहीं है, बल्कि उम्मीदों, दबाव और कभी-कभी किस्मत के खेल की भी है, खासकर जब टीम इंडिया में जगह बनाने की होड़ अपने चरम पर हो।

केएल राहुल: वापसी की उम्मीद और निराशा का मेल

बात करें भारतीय टीम के अनुभवी बल्लेबाज केएल राहुल की, तो उनके लिए यह सीरीज लाल गेंद क्रिकेट में अपनी वापसी और फॉर्म साबित करने का एक सुनहरा मौका था। चोट के बाद वापसी कर रहे राहुल से बड़ी पारी की उम्मीद थी, खासकर वेस्टइंडीज टेस्ट सीरीज में अपनी जगह फिर से पक्की करने के लिए। भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को उनसे शतक या कम से कम एक ठोस अर्धशतक की उम्मीद थी, जो चयनकर्ताओं को यह संदेश दे सके कि वह पूरी तरह से फिट और तैयार हैं।

लेकिन, लखनऊ में ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ दूसरे अनौपचारिक टेस्ट में, वह सिर्फ 11 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। विल सदरलैंड की गेंद पर उनका जल्दी आउट होना, उनकी वापसी को `शानदार` बनाने के मौके पर एक बड़ा सवालिया निशान लगा गया। अब, जब चयनकर्ता स्क्वाड की घोषणा करने वाले हैं, तो यह प्रदर्शन यकीनन उनके माथे पर चिंता की लकीरें खींच देगा। क्या `ए` टीम का यह प्रदर्शन, मुख्य टीम में उनकी दावेदारी को और मजबूत करेगा, या एक और सवालिया निशान लगा देगा? यह देखना दिलचस्प होगा कि चयनकर्ता उनकी पिछली प्रतिष्ठा और इस हालिया प्रदर्शन के बीच कैसे संतुलन साधते हैं।

ऐसा लगता है कि राहुल ने चयनकर्ताओं के लिए फैसला लेने का काम थोड़ा और “रोमांचक” बना दिया है। कभी-कभी कम स्कोर भी बहुत कुछ कह जाते हैं, है ना?

युवा बल्लेबाजों की चूक: मौका हाथ से फिसला

सिर्फ राहुल ही नहीं, कुछ और युवा चेहरे भी इस मौके को भुनाने में नाकाम रहे। देवदत्त पडिक्कल, ध्रुव जुरेल और नीतीश कुमार रेड्डी, जो राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने की दौड़ में शामिल थे, सिंगल-डिजिट स्कोर पर ही सिमट गए। `ए` टीम के स्तर पर ऐसे महत्वपूर्ण मौकों पर बड़े स्कोर न बना पाना, चयनकर्ताओं को एक कड़ा संदेश देता है। जब मुख्य टीम में जगह बनाने के लिए इतनी प्रतिस्पर्धा हो, तो हर पारी मायने रखती है। शायद, यह किस्मत का खेल है, या फिर दबाव का असर, जो उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने से रोक गया।

प्रसिद्ध कृष्णा: चोट की अड़चन और चयन की पहेली

गेंदबाजी में, तेज गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा के साथ हुई घटना ने तो और भी चिंता बढ़ा दी है। लखनऊ में मैच के दौरान उनके हेलमेट पर गेंद लगने से उन्हें चोट लग गई और उन्हें कनकशन सब्स्टीट्यूट (यश ठाकुर) के तौर पर बाहर होना पड़ा। अब, उनकी चोट की गंभीरता और वेस्टइंडीज दौरे पर उनकी उपलब्धता पर सवालिया निशान लग गया है। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब प्रसिद्ध भारतीय टीम में तेज गेंदबाजी आक्रमण को मजबूती देने के दावेदार थे।

प्रसिद्ध ने इंग्लैंड में अपने पिछले `ए` सीरीज में अच्छा प्रदर्शन किया था, जहाँ उन्होंने 14 विकेट लेकर अपनी काबिलियत साबित की थी। लेकिन इस मौजूदा सीरीज में उनका प्रदर्शन थोड़ा फीका रहा है – पहले मैच में 0/90 और दूसरे की पहली पारी में 1/76। चोट के इस अप्रत्याशित मोड़ ने उनकी दावेदारी को और भी पेचीदा बना दिया है, खासकर जब टीम इंडिया को जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज के साथ एक मजबूत तेज गेंदबाजी आक्रमण की तलाश है। एक तरफ प्रदर्शन का दबाव, दूसरी तरफ चोट का ग्रहण – प्रसिद्ध की किस्मत को शायद यहीं आराम करना था, ठीक महत्वपूर्ण घोषणा से पहले।

चयनकर्ताओं की उलझन: फॉर्म, फिटनेस और भविष्य

इन सब घटनाओं के बाद, भारतीय चयनकर्ताओं का काम आसान नहीं रहने वाला। उन्हें सिर्फ फॉर्म और फिटनेस ही नहीं, बल्कि खिलाड़ियों के अनुभव और भविष्य की संभावनाओं के बीच भी संतुलन साधना होगा। क्या वे अनुभवी लेकिन फॉर्म से जूझ रहे खिलाड़ी को मौका देंगे, या युवा प्रतिभा पर दांव लगाएंगे, जो दबाव में लड़खड़ा गए? या फिर चोटिल खिलाड़ी की वापसी का इंतज़ार करेंगे, जिसकी मौजूदा फॉर्म भी सवालों के घेरे में है?

ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ दूसरे अनौपचारिक टेस्ट में, इंडिया ए 194 रनों पर ऑल आउट हो गई, जबकि ऑस्ट्रेलिया ए ने पहली पारी में 420 रन बनाए थे। दूसरे दिन का खेल खत्म होने पर ऑस्ट्रेलिया ए 16/3 पर थी, और एक मजबूत बढ़त बनाए हुए थी। यह मैच का परिणाम भी खिलाड़ियों के मनोबल और चयनकर्ताओं के आकलन पर असर डालेगा।

इंडिया ए बनाम ऑस्ट्रेलिया ए सीरीज के नतीजे अब सामने हैं, और इसके साथ ही वेस्टइंडीज टेस्ट सीरीज के लिए टीम इंडिया के स्क्वाड की घोषणा का इंतज़ार और भी बढ़ गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि चयनकर्ता इन प्रदर्शनों, चोटों और अनिश्चितताओं के बीच क्या निर्णय लेते हैं। एक बात तो तय है, यह चयन सिर्फ खिलाड़ियों के प्रदर्शन का नहीं, बल्कि चयनकर्ताओं के `विजन` का भी टेस्ट होगा। आखिरकार, वेस्टइंडीज दौरा भारतीय टीम के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक बन सकता है, बशर्ते सही खिलाड़ियों का चयन किया जाए।