Sleeper Vande Bharat: देशभर में विभिन्न राज्यों में वंदे भारत ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। कुछ साल पहले शुरू की गई वंदे भारत ट्रेन काफी हिट है और कम समय में ही लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचा देती है। इन ट्रेनों को खुद पीएम मोदी ने हरी झंडी दिखाई है। अब आने वाले समय में स्लीपर वंदे भारत चलने वाली है। इसको लेकर काफी तेजी से काम हो रहा है। इसके कोच को चेन्नई की आईसीएफ फैक्ट्री में बनाया जा रहा है। स्लीपर वंदे भारत ट्रेन मुंबई से शुरू की जा सकती है।
देश की पहली वंदे भारत ट्रेन को दिल्ली से वाराणसी रूट पर शुरू किया गया था। अब तक 25 वंदे भारत ट्रेनें चल चुकी हैं। चूंकि, अब तक इन ट्रेनों में चेयर कार ही दिया जाता है, ऐसे में लंबे रूट्स के लिए लोगों को दिक्कत होती है। अब स्लीपर वंदे भारत की शुरुआत की तैयार हो रही है। इस ट्रेन को मुंबई से दिल्ली रूट पर शुरू किया जा सकता है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, मुंबई से दिल्ली के बीच स्लीपर वंदे भारत ट्रेन अपनी यात्रा महज 12 घंटे में पूरी कर सकती है। अभी दोनों शहरों के बीच 16 घंटे का समय लगता है। ट्रेन की स्पीड अधिक करने के लिए रेलवे ट्रैक पर भी काम किया जा रहा है। इसके अलावा, पटरियों के दोनों तरफ फेंसिंग भी लगाई जा रही है, ताकि अचानक ट्रैक पर कुछ आ नहीं सके।
बता दें कि आईसीएफ को 86 वंदे भारत ट्रेनों को बनाने का कॉन्ट्रैक्ट मिला है। इसमें से 9 स्लीपर ट्रेनें होंगी। अगले चार सालों में रेलवे 400 वंदे भारत ट्रेनें चलाना चाहती है। इसमें से वंदे भारत, वंदे भारत स्लीपर ट्रेन और वंदे भारत मेट्रो ट्रेनें आदि शामिल हैं।
खुदकुशी करने वाले शख्स की पहचान सुदर्शन देवराय के रूप में की है। देवराय ने नांदेड़ जिले की हिमायतनगर तहसील में रविवार आधी रात के बाद कथित तौर पर खुदकुशी कर ली।
कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक रिश्ते बुरे दौर में जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत पर अनर्गल आरोपों के बाद कनाडा ने भारतीय राजनयिक को बर्खास्त कर दिया था। अब इस कदम के जवाब में भारत सरकार ने भी कनाडा के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। भारत सरकार ने भी एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को बर्खास्त कर दिया है और उन्हें 5 दिनों में देश छोड़ने का आदेश दिया है।
उच्चायुक्त तलब
कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के भारत विरोधी कदमों के बाद भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने विरोध जताने के लिए भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैकेई को तलब किया था। ऐसा माना जा रहा था कि कनाडा को जवाब देने के लिए भारत सरकार भी कड़ा कदम उठा सकती है।
विदेश मंत्रालय का बयान
भारतीय विदेश मंत्रालय ने जारी किए गए बयान में कहा है कि भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैकेई को आज तलब किया गया। उन्हें भारत में रह रहे एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के भारत सरकार के फैसले के बारे में सूचित किया गया। संबंधित राजनयिक को अगले पांच दिनों के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह निर्णय हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है।
क्यों तल्ख हुए रिश्ते?
G-20 समिट में फटकार खाने के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत विरोधी कदमों में जुट गए हैं। ट्रू़डो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का कनेक्शन भारत से जोड़ते हुए भारत के एक राजनयिक को निकाल दिया था। हालांकि, भारत सरकार ने कनाडाई पीएम के आरोपों को बेबुनियाद और आधारहीन करार दिया है। भारत ने साथ ही कनाडा से आतंकी तत्वों पर कार्रवाई करने की मांग की है। भारत ने कहा है कि इस तरह के बयान खालिस्तानियों से ध्यान हटाने के लिए दिए गए हैं।
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महिला आरक्षण बिल को लेकर स्थिति लगभग साफ होती नजर आ रही है। खबर है कि सरकार मंगलवार को ही संसद में बिल पेश कर सकती है। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। सोमवार को कैबिनेट बैठक में विधेयक पर मुहर लगा दी गई थी। इधर, महिला आरक्षण का श्रेय लेने के लिए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में होड़ लगती नजर आ रही है।
खास बात है कि मंगलवार से ही विशेष सत्र नए संसद भवन में पहुंच रहा है। ऐसे में अगर सरकार महिला आरक्षण बिल आज पेश कर देती है, तो नई संसद में पेश होने वाला यह पहला बिल होगा। हालांकि, यह बिल करीब 27 सालों से लंबित है और कांग्रेस की अगुवाई वाली UPA सरकार ने साल 2010 में इसे राज्यसभा में पास करा लिया था।