टेनिस की दुनिया में कुछ ही नाम ऐसे हैं जो ब्योर्न बोर्ग जितने जादुई और रहस्यमय रहे हैं। कोर्ट पर उनके शांत व्यवहार, जिसे `आइस मैन` का खिताब मिला, ने उन्हें 1970 के दशक के अंत में एक अजेय ताकत बना दिया। लगातार पाँच विंबलडन और छह फ्रेंच ओपन खिताब, यह अपने आप में एक किंवदंती का प्रमाण है। लेकिन अब, उनकी नई आत्मकथा `बैटिटी` (Battiti) के माध्यम से, बोर्ग ने एक ऐसे पक्ष का अनावरण किया है जो उनके सार्वजनिक व्यक्तित्व से कहीं अधिक अशांत और मानवीय है। यह कहानी सिर्फ महानता की नहीं, बल्कि संघर्ष, पतन, और अप्रत्याशित मोचन की है।
सफलता का शिखर और व्यक्तिगत अंधेरा
बोर्ग के टेनिस करियर का अंत उतनी ही अचानक हुआ जितना कि उनका उदय। महज 26 साल की उम्र में, सफलता के चरम पर, उन्होंने खेल को अलविदा कह दिया। उन्होंने इसे एक `पलायन` बताया, 1981 में जॉन मैकनरो से मिली हार के बाद की एक वापसी। कोर्ट पर `खुशी` खत्म हो गई थी, और बाहर वह `कोई नहीं` थे। एक ऐसी टिप्पणी जो दर्शाती है कि प्रसिद्धि की चकाचौंध के बाद एक खालीपन कितना गहरा हो सकता है।
लेकिन यह खालीपन केवल कोर्ट से बाहर का नहीं था। बोर्ग ने मिलान में 1989 के दौरान अपनी जिंदगी के सबसे बुरे दौर का खुलासा किया है, जहाँ वह नशीली दवाओं, शराब और गलत रिश्तों के एक भंवर में फंस गए थे। न्यूयॉर्क के `स्टूडियो 54` जैसे क्लबों में एंडी वारहोल से मिलने के बाद कोकीन, शराब और दवाइयों का दौर शुरू हुआ। उन्हें अवसाद और पैनिक अटैक का सामना करना पड़ा। यह सुनकर हैरत होती है कि जिस `आइस मैन` ने कभी कोर्ट पर दबाव नहीं दिखाया, वह जीवन के अखाड़े में बर्फ की तरह पिघल रहा था।
प्रेम, लत और मोचन
इस अंधेरे काल में, इतालवी गायिका लोरेडाना बर्टे उनके जीवन में एक अप्रत्याशित मसीहा बनकर आईं। बोर्ग खुद स्वीकार करते हैं, `मैं उनका जीवन भर कर्जदार हूँ। उन्होंने मेरी जान बचाई।` मिलान में एक घटना के दौरान, जब बोर्ग बेहोश बिस्तर पर पड़े थे, बर्टे ने एम्बुलेंस को बुलाया, जिसके बाद अस्पताल में उनका गैस्ट्रिक लैवेज किया गया। यह एक गहरा और निजी क्षण था, जिसने एक सार्वजनिक व्यक्ति की छिपी हुई कमजोरियों को उजागर किया।
बोर्ग ने अपनी और लोरेडाना के रिश्ते की जटिलताओं पर भी प्रकाश डाला है। इबीसा में मुलाकात के बाद वे मिलान आ गए, लेकिन उनके लिए वह शहर `आपदा` बन गया। लोरेडाना एक बच्चा चाहती थीं – `मैं गर्भाधान के लिए वीर्य का नमूना जमा करने तक गया`, बोर्ग ने बताया। लेकिन इस सबके बावजूद, या शायद इसी वजह से, उन्हें उस रिश्ते और उस माहौल से `भागना` पड़ा ताकि वह खुद को बचा सकें। यह उस समय के रिश्तों और व्यक्तिगत मुक्ति के बीच एक अजीबोगरीब द्वंद्व को दर्शाता है। यह दिखाता है कि कभी-कभी, प्रेम और अस्तित्व की चाहत एक ही सिक्के के दो पहलू नहीं होते, बल्कि आपस में उलझी हुई डोरियाँ होती हैं, जिन्हें सुलझाना पड़ता है।
टेनिस में वापसी और सीखे गए सबक
बोर्ग की टेनिस में वापसी, जो एक लकड़ी के रैकेट के साथ हुई थी जब दुनिया ग्रेफाइट के रैकेट पर शिफ्ट हो चुकी थी, सफल नहीं रही। यह एक और सबक था कि अतीत की चमक को दोहराना कितना मुश्किल होता है, खासकर जब दुनिया बदल चुकी हो। आज, अपने अनुभवों को अपनी पत्नी पैट्रिशिया के साथ लिखी इस आत्मकथा में समेटते हुए, बोर्ग अपने गलतियों, नुकसान और प्रोस्टेट कैंसर से उबरने के बारे में बात करते हैं। उनका यह कथन `महान सब कुछ से महान कुछ भी नहीं तक कोई भी अछूता नहीं रहता` उनके जीवन के अनुभवों का सार है। यह हमें सिखाता है कि जीवन में चाहे कितनी भी ऊँचाइयाँ क्यों न छू लें, मानवीय चुनौतियाँ हमेशा बनी रहती हैं, और उनसे पार पाना ही असली जीत है।
जानिक सिनर पर ब्योर्न बोर्ग की नजर
भूतकाल के अपने अनुभव साझा करने के बाद, बोर्ग वर्तमान टेनिस पीढ़ी की ओर रुख करते हैं, खासकर युवा इटालियन सनसनी जानिक सिनर की ओर। बोर्ग सिनर की `उत्कृष्ट टीम` और `मजबूत परिवार` की सराहना करते हैं। वह सिनर को `गंभीर, दृढ़निश्चयी, भयंकर` बताते हैं और भविष्यवाणी करते हैं कि वह `और भी ग्रैंड स्लैम जीतेगा`, बशर्ते उसे चोटों का सामना न करना पड़े। यह एक महान खिलाड़ी का दूसरे महान खिलाड़ी के लिए एक प्रकार का आशीर्वाद है, जो उनके अंदर की चिंगारी को पहचानता है। बोर्ग इतालवी टेनिस की गहराई की भी प्रशंसा करते हैं, जिसमें मुसेटी के शानदार बैकहैंड और कोबोली की गहराई का उल्लेख है।
डोपिंग पर बोर्ग का कड़ा रुख और सिनर का `क्लोस्टेबोल` मामला
हालांकि, बोर्ग ने एक संवेदनशील विषय पर भी अपनी राय रखी: जानिक सिनर से जुड़ा `क्लोस्टेबोल` मामला। वह इस बात को `बहुत अजीब` पाते हैं कि सिनर ने अपने शारीरिक प्रशिक्षक उम्बर्टो फेरारा को बर्खास्त करने के बाद, सब कुछ शांत होने पर उन्हें फिर से काम पर रख लिया। बोर्ग ने सीधे तौर पर कोई आरोप नहीं लगाया, लेकिन इस घटना पर उनकी टिप्पणी ने निश्चित रूप से कुछ सवाल खड़े किए।
अपनी बात को स्पष्ट करते हुए, बोर्ग ने अपने समय में डोपिंग के अस्तित्व को स्वीकार किया, लेकिन जोर देकर कहा कि वह कभी इसमें शामिल नहीं हुए। उनका मानना है कि `अगर कोई डोपिंग पदार्थ का उपयोग करता है, तो उसे आजीवन प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए।` यह डोपिंग के प्रति उनके शून्य-सहिष्णुता के दृष्टिकोण को दर्शाता है और खेल की पवित्रता को बनाए रखने की उनकी इच्छा को उजागर करता है। एक ऐसे खिलाड़ी के लिए जिसने स्वयं कई व्यक्तिगत तूफानों का सामना किया है, यह नैतिक दृढ़ता और खेल के सिद्धांतों के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
निष्कर्ष
ब्योर्न बोर्ग की कहानी सिर्फ टेनिस के एक दिग्गज की नहीं, बल्कि एक इंसान की है जिसने प्रसिद्धि, पतन और पुनरुत्थान का अनुभव किया। उनकी आत्मकथा `बैटिटी` एक मार्मिक अनुस्मारक है कि कोर्ट पर मिलने वाली प्रशंसा के पीछे भी गहरे व्यक्तिगत संघर्ष छिपे हो सकते हैं। उनकी बेबाक स्वीकारोक्ति और नई पीढ़ी पर उनके विचार हमें खेल के मानवीय पक्ष को समझने का एक दुर्लभ अवसर प्रदान करते हैं। यह एक ऐसी यात्रा है जो दिखाती है कि जीवन के सबसे बड़े सबक अक्सर हमारी सबसे गहरी कमजोरियों और उनसे उबरने की क्षमता से ही मिलते हैं।