टाटा स्टील शतरंज 2025: राउंड 11 का रोमांच – प्रज्ञानानंद का कारुआना पर कहर, गुकेश से फासला हुआ कम

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टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट 2025 अपने निर्णायक दौर में पहुँच गया है। 11वाँ राउंड बेहद रोमांचक साबित हुआ, खासकर भारतीय ग्रैंडमास्टर्स के लिए। लीडर डी गुकेश और उन्हें चुनौती दे रहे आर प्रज्ञानानंद के प्रदर्शन पर सबकी नज़रें टिकी थीं, और इस राउंड ने मुकाबले को और भी कड़ा बना दिया है।

प्रज्ञानानंद का शानदार पलटवार: कारुआना को चटाई धूल!

राउंड 11 की सबसे बड़ी खबर थी आर प्रज्ञानानंद की दुनिया के चौथे नंबर के खिलाड़ी फैबियानो कारुआना पर सनसनीखेज जीत। काले मोहरों से खेलते हुए प्रज्ञानानंद ने अमेरिकी ग्रैंडमास्टर की शुरुआती आक्रामकता का जवाब शांत और ठोस खेल से दिया। उन्होंने खुद बाद में स्वीकार किया कि वे हर चाल का बहुत आगे तक विश्लेषण नहीं कर रहे थे, बस बोर्ड पर लड़ने को तैयार थे। खेल बराबरी का चल रहा था, तभी मिडगेम में कारुआना से कुछ मामूली गलतियाँ हुईं।

लेकिन असली निर्णायक क्षण 32वीं चाल में आया। कारुआना ने एक बड़ी चूक की और अपनी रानी को ऐसी जगह हटाया जिसने प्रज्ञानानंद को अपने घोड़े से एक महत्वपूर्ण बचाव वाले प्यादे को मारने का मौका दे दिया। बस, यहीं से खेल पूरी तरह प्रज्ञानानंद के पक्ष में झुक गया। पाँच चालों बाद, हार तय देखकर कारुआना ने हार मान ली। इस धमाकेदार जीत से प्रज्ञानानंद के 7.5 अंक हो गए हैं और वह लीडर गुकेश से सिर्फ आधा अंक पीछे हैं। टूर्नामेंट में अब मुकाबला `तुम डाल-डाल, मैं पात-पात` वाला हो गया है!

लीडर गुकेश का अटूट प्रदर्शन: अजेय यात्रा जारी

लीडर डी गुकेश ने अपनी अजेय यात्रा जारी रखी। पिछले चैंपियन, चीनी ग्रैंडमास्टर वेई यी के खिलाफ उनका खेल ड्रॉ रहा। गुकेश ने ओपनिंग में अपनी ओर से एक चौंकाने वाली चाल चलकर वेई यी को उनकी तैयारी से थोड़ा भटकाने की कोशिश की। उनकी नौवीं चाल ने एक ऐसी वेरिएशन को जन्म दिया जिस पर दोनों खिलाड़ियों को लगभग 40 मिनट तक सोचना पड़ा।

इसका नतीजा यह हुआ कि बोर्ड पर बहुत सारे मोहरों का आदान-प्रदान हुआ (जिसे शतरंज की भाषा में `मटेरियल एक्सचेंज` कहते हैं)। जब `युद्ध` समाप्त हुआ और बोर्ड पर मोहरों की संख्या कम हो गई, तो ड्रॉ के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा था। दोनों खिलाड़ियों ने 30वीं चाल पर ही शांति समझौता करते हुए ड्रॉ पर सहमति जता दी। इस ड्रॉ के साथ गुकेश 8 अंकों पर बरकरार हैं और लाइव रैंकिंग में दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी बन गए हैं। अजेय रहना भी एक कला है, जिसे गुकेश बखूबी निभा रहे हैं!

अब्दुसत्तोरोव की चूक: जीती बाजी गंवाई

नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव भी गुकेश से सिर्फ आधा अंक पीछे हैं, लेकिन वे विन्सेंट केमर के खिलाफ अपना ड्रॉ शायद `भुला देना` चाहेंगे। एक जीती हुई बाजी उन्होंने ड्रॉ में बदल दी! केमर की 28वीं चाल ने उनके राजा को कमजोर कर दिया था, और अब्दुसत्तोरोव ने सही चालें चलकर जीतने वाली स्थिति हासिल कर ली थी।

लेकिन 38वीं चाल में उनकी रानी की एक चाल से मोहरों का आदान-प्रदान हुआ जिसने केमर को खेल में वापस आने का मौका दे दिया। नतीजा एक लंबा और अंततः ड्रॉ रहा। शतरंज में जीतने का मौका गंवाना दिल तोड़ने वाला होता है, और ऐसा लगता है कि अब्दुसत्तोरोव ने वही अनुभव किया। कभी-कभी किस्मत भी चाल चल जाती है, है ना?

अन्य भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन

पेंटाला हरिकृष्णा ने एलेक्सी सराना पर धैर्यपूर्ण और कठिन संघर्ष के बाद एक महत्वपूर्ण जीत हासिल की। यह उनकी अच्छी फॉर्म का संकेत है।

लियोन ल्यूक मेंडोंका ने टूर्नामेंट में अपनी पहली जीत दर्ज की। उन्होंने काले मोहरों से खेलते हुए व्लादिमीर फेडोसीव को एंडगेम में तब मात दी, जब उनके प्रतिद्वंद्वी एक महत्वपूर्ण बचाव चाल नहीं देख पाए। देर आए दुरुस्त आए!

अर्जुन एरिगैसी का औसत टूर्नामेंट जारी रहा। जॉर्डन वैन फ़ॉरेस्ट के खिलाफ वे थोड़ी देर के लिए हारते दिख रहे थे, लेकिन बचाव के रास्ते खोजकर जल्दी ही ड्रॉ हासिल कर लिया। ऐसा लगता है कि ड्रॉ अर्जुन के लिए इस टूर्नामेंट का `राष्ट्रीय खेल` बन गया है!

अनीश गिरी ने मैक्स वार्मरडम को हराया, लेकिन लीडर से दो अंक पीछे होने के कारण वे अब खिताब की दौड़ से बाहर हैं। जीत अच्छी है, पर जब `लीड` हाथ से निकल जाए तो उसका मज़ा थोड़ा फीका हो जाता है।

राउंड 11 के बाद अंकतालिका (शीर्ष)

  • डी गुकेश: 8 अंक
  • नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव: 7.5 अंक
  • आर प्रज्ञानानंद: 7.5 अंक

निष्कर्ष

सिर्फ दो राउंड बाकी हैं, और लीड के लिए गुकेश, अब्दुसत्तोरोव और प्रज्ञानानंद के बीच कड़ी टक्कर है। प्रज्ञानानंद की जीत ने समीकरणों को रोमांचक बना दिया है। टाटा स्टील शतरंज 2025 का विजेता कौन होगा, यह जानने के लिए अगले दो राउंड्स का इंतजार करना बेहद दिलचस्प होगा! क्या गुकेश अपनी लीड बरकरार रखेंगे, या प्रज्ञानानंद या अब्दुसत्तोरोव उन्हें पीछे छोड़ देंगे? खेल अभी बाकी है!