श्रीलंका आर्थिक रूप से दिवालिया हो चुका है और अब उसे आईएमएफ से कर्ज की आस है। देश में पिछले साल से ही अभूतपूर्व आर्थिक संकट चल रहा है। इससे श्रीलंका की 2 करोड़ 20 लाख जनसंख्या जूझ रही है। श्रीलंका में बिजली के दाम में यह दूसरी बार भारी बढ़ोत्तरी हुई है। इससे पहले पिछले साल पूरा देश खाद्यान और ऊर्जा के गंभीर संकट से जूझ रहा था। इसके बाद भारत ने अरबों डॉलर की मदद करके श्रीलंका को किसी तरह से उबारा था। श्रीलंका अपना 46 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज नहीं लौटा सका है।
अचानक चीन की यात्रा पर पहुंचे गोटाबाया राजपक्षे
अब श्रीलंका की सरकार आईएमएफ से फिर से राहत पैकेज हासिल करना चाहती है ताकि माली हालत को फिर से पटरी पर लाया जा सके। ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकेरा ने कहा कि हमें आईएमएफ की शर्तों के मुताबिक बिजली के दाम बढ़ाने होंगे। हमें राजस्व बढ़ाने की जरूरत है ताकि खर्च को बराबर किया जा सके। श्रीलंका में अब लोगों को प्रतिकिलोवाट के लिए कम से कम 30 श्रीलंकाई रुपये चुकाने होंगे। यह भारत में चुकाई जाने वाली दर के अनुसार ही है। अभी 6 महीने पहले ही श्रीलंका सरकार ने 264 की वृद्धि की थी।
एक तरफ श्रीलंका जहां तबाह हो गया है, वहीं इस बर्बादी के जिम्मेदार पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे अचानक से चीन के दौरे पर पहुंच गए हैं। श्रीलंका की मीडिया के मुताबिक गोटाबाया राजपक्षे और उनकी पत्नी अयोमा आज सुबह चीन की यात्रा पर रवाना हुए हैं। वे पहले मलेशिया गए और वहां से फिर से चीन जाने का कार्यक्रम है। वह मलेशिया एयरलाइन के विमान से रवाना हुए। गोटाबाया वही हैं जो चीन की गोद में चले गए थे और देश को कर्ज के जाल में ढकेल दिया। आरोप हैं कि चीन ने राजपक्षे परिवार को खुश करने के लिए भारी कर्ज दिया और हंबनटोटा बंदरगाह को हथिया लिया। यह बंदरगाह अब भारत की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन गया है। हाल ही में गोटाबाया की मंजूरी के बाद चीन के जासूसी जहाज ने हंबनटोटा बंदरगाह की यात्रा की थी। इसका भारत ने कड़ा विरोध किया था।