सिंगापुर का ‘परफ्यूम कांड’: इतालवी तैराकों की गिरफ्तारी और अनसुलझे सवाल

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सिंगापुर के हवाई अड्डे पर, जहाँ हर चीज़ बेदाग और व्यवस्थित लगती है, एक अजीबोगरीब घटना ने इटली के तैराकी जगत को हिला दिया। यह पोडियम पर जीत की खबर नहीं थी, बल्कि ड्यूटी-फ्री शॉप में `परफ्यूम चोरी` की एक ऐसी कहानी थी जिसने दो युवा एथलीटों को हथकड़ियों तक पहुँचा दिया। बेनेडेटा पिलाटो और चियारा टारनटिनो, इटली की तैराकी की उम्मीदें, अब एक ऐसे विवाद के केंद्र में हैं जो खेल के मैदान से कहीं ज़्यादा व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के सम्मान पर सवाल उठाता है।

एक सामान्य यात्रा का अप्रत्याशित मोड़

यह घटना 14 से 19 अगस्त के बीच हुई, जब विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के बाद ये एथलीट इटली लौट रही थीं। बेनेडेटा पिलाटो और चियारा टारनटिनो को सिंगापुर के चांगी हवाई अड्डे पर ड्यूटी-फ्री शॉप से तीन परफ्यूम की बोतलें बिना भुगतान किए ले जाते हुए पकड़ा गया। सुनने में यह एक छोटी सी बात लगती है, लेकिन सिंगापुर अपनी कठोर कानूनों और ज़ीरो-टॉलरेंस नीति के लिए जाना जाता है। यहाँ छोटी सी गलती भी भारी पड़ सकती है, और ऐसा ही इन तैराकों के साथ हुआ।

सीसीटीवी फुटेज में चियारा टारनटिनो को परफ्यूम बेनेडेटा पिलाटो के बैग में डालते हुए देखा गया। इसके बाद जो हुआ, वह किसी हॉलीवुड फिल्म से कम नहीं था। पुलिस अधिकारी मौके पर पहुँचे, सामान जब्त किया और दोनों तैराकों को हथकड़ी लगाकर गिरफ्तार कर लिया। अनीता बोट्टाज़ो, जो पास ही बैठी थीं, को भी तलाशी के दौरान कपड़े उतारने के लिए कहा गया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके पास और कोई `चोरी का माल` न हो। कल्पना कीजिए, एक एथलीट जो अपनी शारीरिक क्षमता के लिए जानी जाती है, उसे इस तरह की शर्मिंदगी का सामना करना पड़े।

`नींद की गोली` का रहस्य और एक रात की कैद

गिरफ्तारी के दौरान एक और ग़लतफ़हमी ने मामले को और उलझा दिया। पुलिस को पिलाटो और टारनटिनो के हैंडबैग में कुछ गोलियां मिलीं। पुलिस अधिकारियों को लगा कि वे कोई नशीली दवाएं हैं, जिनके लिए सिंगापुर में बेहद सख्त कानून हैं और कठोर दंड का प्रावधान है। बाद में पता चला कि वे सिर्फ़ जेट लैग की साधारण गोलियाँ थीं, जो लंबी यात्रा के बाद सोने में मदद करती हैं। कौन जानता था कि एक सामान्य यात्रा की परेशानी इतनी बड़ी ग़लतफ़हमी में बदल सकती है?

इस ग़लतफ़हमी के बावजूद, और जब तक एक जज ने उनके मामले पर फैसला नहीं लिया, पिलाटो और टारनटिनो को हवाई अड्डे के टर्मिनल से हथकड़ी लगाकर एक पुलिस वैन में ले जाया गया। उन्होंने पूरी रात एक पुलिस स्टेशन में बिताई, चोरी के आरोप में औपचारिक रूप से गिरफ्तार रहकर। अगली सुबह उन्हें एक होटल में ले जाया गया, जो एक तरह से `होटल-जेल` था, जहाँ उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करना पड़ा और बाहर निकलने की अनुमति नहीं थी।

इतालवी दूतावास का हस्तक्षेप और राजनयिक बचाव

जैसे ही यह खबर फैली, इटली की तैराक सोफिया मोरिनी ने तुरंत इतालवी दूतावास से संपर्क किया। छुट्टी पर होने के बावजूद, राजदूत दांते ब्रांडी ने मामले को गंभीरता से लिया और दूतावास के नंबर 2, फैबियो कोंटे को स्थिति संभालने के लिए निर्देशित किया। राजनयिकों के हस्तक्षेप का पहला सकारात्मक परिणाम यह रहा कि दोनों गिरफ्तार तैराकों को `होटल-जेल` से रिहा कर दिया गया। इटली के विदेश मंत्रालय और फेडरनोटो के अध्यक्ष पाओलो बरेली ने स्पष्ट किया कि कोई सीधा राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं हुआ, लेकिन सिंगापुर के अधिकारियों ने सामान के मामूली मूल्य और तैराकों द्वारा दी गई सफाई को स्वीकार करते हुए उन्हें रिहा करने का फैसला किया। हालांकि, उन्हें 19 अगस्त को न्यायाधीश के अंतिम चेतावनी आदेश का इंतज़ार करना पड़ा।

व्यक्तिगत बयान और अनुशासन की तलवार

इटली लौटने के बाद, बेनेडेटा पिलाटो ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी कर खुद को इस `अप्रिय घटना` से दूर रखा। उन्होंने लिखा, “मेरी इच्छा कभी भी अनुचित कार्य करने की नहीं थी, और जो मुझे जानते हैं वे जानते हैं कि मैं खेल के मूल्यों, ईमानदारी और व्यक्तिगत सत्यनिष्ठा को कितना महत्व देती हूँ।” यह साफ़ था कि प्रायोजकों के साथ उनकी प्रतिबद्धताएँ और उनकी सार्वजनिक छवि किसी छोटी-मोटी `गलती` से ज़्यादा महत्वपूर्ण थीं।

दूसरी ओर, चियारा टारनटिनो, जो एक सैन्य समूह `फ़ियामे जियाले` (Fiamme Gialle) की सदस्य हैं, के लिए यह मामला सिर्फ़ एक चेतावनी से कहीं ज़्यादा गंभीर हो सकता है। उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है, हालाँकि एक चेतावनी कोई दोषसिद्धि नहीं है और इससे उनकी नौकरी को सीधे तौर पर खतरा नहीं है। लेकिन `फ़ियामे जियाले` खेल समूह में उनका स्थान अनिश्चित हो सकता है। उनके कमांडेंट गैब्रियल डी पाओलो ने संकेत दिया है कि तुरंत कोई फैसला नहीं लिया जाएगा, बल्कि औपचारिक प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। उन्हें रोम में अपने वरिष्ठों के सामने अपना बचाव करने के लिए बुलाया जाएगा। एक छोटे से परफ्यूम की क़ीमत उनके करियर पर भारी पड़ सकती है।

यह घटना सिर्फ़ एक `परफ्यूम चोरी` के बारे में नहीं है, बल्कि यह विदेशों में यात्रा करते समय स्थानीय कानूनों के सम्मान और सार्वजनिक हस्तियों के लिए व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी के महत्व को दर्शाती है। सिंगापुर जैसे देश में जहाँ नियम-कानून बेहद सख्त हैं, एक छोटी सी `नादानी` भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनामी और करियर को दांव पर लगा सकती है। यह घटना सभी एथलीटों और मशहूर हस्तियों के लिए एक कड़वा सबक है कि प्रसिद्धि के साथ-साथ अत्यंत सावधानी और जिम्मेदारी भी आती है, खासकर जब आप अपने देश से दूर हों।