शतरंज, जिसे सदियों से बौद्धिक क्षमता और रणनीति का पर्याय माना जाता रहा है, अब डिजिटल दुनिया में एक नए और रोमांचक अध्याय की ओर अग्रसर है। 2025 में, यह खेल पहली बार रियाद, सऊदी अरब में होने वाले ईस्पोर्ट्स विश्व कप का हिस्सा बनेगा, जो खेल के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। और जब शतरंज में बड़े बदलावों की बात हो, तो भारतीय खिलाड़ी भला इस दौड़ में पीछे कैसे रह सकते हैं?
भारत के सबसे प्रतिभाशाली और शीर्ष रेटेड क्लासिकल खिलाड़ियों में से एक, अर्जुन एरिगैसी, को प्रतिष्ठित Gen G eSports टीम ने साइन किया है। यह कदम ईस्पोर्ट्स जगत में शतरंज के बढ़ते प्रभाव और खिलाड़ियों के बीच इसकी लोकप्रियता को दर्शाता है। टीमें दुनिया भर से सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को अपने पाले में लाने की होड़ में हैं, क्योंकि अंतिम टूर्नामेंट के लिए केवल 16 खिलाड़ी ही क्वालीफाई कर पाएंगे। यह चार दिवसीय भव्य आयोजन 31 जुलाई से 3 अगस्त के बीच होगा, जहाँ दुनिया के शीर्ष शतरंज खिलाड़ी 1.5 मिलियन डॉलर के भारी भरकम पुरस्कार पूल के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे।
ईस्पोर्ट्स का अनोखा `स्लो ब्लिट्ज`: जहाँ माउस की गति भी होगी कसौटी
अर्जुन एरिगैसी इस नई चुनौती को स्वीकार करने वाले अकेले भारतीय नहीं हैं; 2024 के विश्व रैपिड चैंपियन वोलोदर मुर्ज़िन को भी वियतनामी-चीनी ईस्पोर्ट्स संगठन AG ग्लोबल ने साइन किया है। भले ही अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, अर्जुन का मानना है कि मैग्नस कार्लसन और हिकारू नाकामुरा जैसे शतरंज के दिग्गज खिलाड़ियों के भी इस प्रतियोगिता में शामिल होने की प्रबल संभावना है। दिलचस्प बात यह है कि इन्हीं दिग्गजों से हुई बातचीत ने अर्जुन को ईस्पोर्ट्स विश्व कप सर्किट में कदम रखने के बारे में सोचने पर मजबूर किया।
इस नई चुनौती को स्वीकार करने के पीछे कई आकर्षक कारण थे। सबसे महत्वपूर्ण है यहाँ का अद्वितीय समय नियंत्रण। खिलाड़ियों को पूरे खेल के लिए केवल दस मिनट मिलेंगे, जिसमें कोई इंक्रीमेंट नहीं होगा। पारंपरिक ओवर-द-बोर्ड शतरंज में, अर्जुन इंक्रीमेंट रहित समय नियंत्रण के बहुत बड़े प्रशंसक नहीं हैं, क्योंकि इससे अंतिम क्षणों में अक्सर अराजकता फैल जाती है। लेकिन चूंकि यह खेल कंप्यूटर पर खेला जाएगा, उन्होंने इसे एक नया अनुभव मानते हुए आज़माने का फैसला किया है। यहाँ सिर्फ आपकी शतरंज की समझ और रणनीतिक क्षमता ही नहीं, बल्कि माउस के साथ आपकी गति और सटीकता भी विजेता तय करेगी। एक ग्रैंडमास्टर को अब अपनी क्लिकिंग स्पीड पर भी ध्यान देना होगा – यह कुछ ऐसा ही है जैसे किसी शास्त्रीय संगीतकार को अचानक हिप-हॉप बीट्स पर महारत हासिल करनी पड़े!
“मैं माउस के साथ ठीक-ठाक हूँ, लेकिन मुझे और तेज होने के लिए इस पर काम करना होगा,” अर्जुन ने मुस्कुराते हुए कहा। उन्होंने इस फॉर्मेट को रैपिड नहीं, बल्कि “स्लो ब्लिट्ज” का एक अनूठा मिश्रण बताया।
हालांकि उन्होंने आम तौर पर क्लासिकल और ब्लिट्ज में रैपिड की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है, विश्व रैपिड चैंपियनशिप में उनका हालिया प्रदर्शन उन्हें इस नए और तेज़ प्रारूप में भी बेहतर करने का आत्मविश्वास दे रहा है। सऊदी अरब का दौरा करने का अवसर और टूर्नामेंट का केवल चार दिनों का होना भी उनके लिए एक आकर्षक बिंदु था, क्योंकि यह उन्हें अपने मुख्य लक्ष्यों से विचलित किए बिना एक नया और मूल्यवान अनुभव प्रदान करेगा।
कैंडिडेट्स का महास्वप्न: क्लासिकल शतरंज ही अंतिम लक्ष्य
ईस्पोर्ट्स में इन नए और रोमांचक प्रयोगों के बावजूद, अर्जुन एरिगैसी का 2025 का मुख्य लक्ष्य बिल्कुल स्पष्ट है: अगले साल के कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करना। इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का विजेता आगामी विश्व चैंपियनशिप में डोमाराजू गुकेश का सामना करेगा। पिछले साल वे फैबियानो कारुआना से मामूली अंतर से चूक गए थे, लेकिन अभी भी सात स्थान बाकी हैं, जिनमें से अधिकांश FIDE ग्रैंड स्विस और इस साल के अंत में होने वाले FIDE विश्व कप के माध्यम से भरे जाएंगे।
साल की शुरुआत टाटा स्टील शतरंज मास्टर्स में कुछ खास नहीं रही, जहाँ उन्हें संघर्ष करना पड़ा। हालांकि, उन्होंने नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव और गुकेश के खिलाफ महत्वपूर्ण जीत के साथ टूर्नामेंट का अंत किया, जो उनकी क्षमता और जुझारूपन को दर्शाता है।
“निश्चित रूप से, यह साल की बहुत खराब शुरुआत है, लेकिन कैंडिडेट्स के लिए क्वालीफाई करने की दृष्टि से यह बहुत महत्वपूर्ण साल है,” अर्जुन ने दृढ़ता से कहा।
उन्होंने आगे कहा, “अगर मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता हूँ, तो मुझे क्वालीफाई करने का पूरा भरोसा है। पहला क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट सितंबर में है – ग्रैंड स्विस। इसमें अभी काफी समय है, इसलिए मेरा पहला ध्यान उन टूर्नामेंटों में अच्छा खेलने पर है जिनमें मैं भाग ले रहा हूँ। अगर मैं अपनी रेटिंग बनाए रखता हूँ, तो भले ही मैं अन्य स्थानों से चूक जाऊँ, मैं अपनी रेटिंग के माध्यम से कैंडिडेट्स में जगह बना सकता हूँ।”
विज्क आन ज़ी में खराब प्रदर्शन के बाद उनकी रेटिंग 2800 के शिखर से थोड़ी नीचे आई है, लेकिन अर्जुन एरिगैसी ने पहले भी वापसी करने और सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को हराने की अपनी क्षमता बार-बार दिखाई है। अब उनके पास शतरंज के इस सबसे नए मंच, ईस्पोर्ट्स विश्व कप में भी अपनी चमक बिखेरने का मौका है। खेल के नए आयामों के प्रति उनकी यह खुली सोच शतरंज को एक विश्वव्यापी खेल बनाने के लिए शानदार है। लेकिन इन सभी प्रयोगों और नवाचारों के बीच, अर्जुन एरिगैसी की निगाहें दृढ़ता से अपने अंतिम और सबसे बड़े मुकुट पर टिकी हुई हैं – क्लासिकल विश्व चैंपियनशिप। वह एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो जानते हैं कि आधुनिकता को गले लगाते हुए भी अपनी जड़ों से कैसे जुड़े रहना है!