इटालियन फुटबॉल लीग, सीरी ए (Serie A), इस सीज़न की शुरुआत में ही अपने रंग दिखाने लगी है। जहाँ कुछ टीमें ज़बरदस्त प्रदर्शन से सबको चौंका रही हैं, वहीं इंटर मिलान (Inter Milan) जैसी दिग्गज टीम गहरे संकट में नज़र आ रही है। सिर्फ तीन मैचडेज़ के बाद ही, क्लब के भीतर और बाहर कई सवाल उठने लगे हैं – क्या यह सिर्फ एक ख़राब शुरुआत है, या किसी बड़े पतन की चेतावनी?
इंटर की बढ़ती समस्याएँ: एक निराशाजनक सिलसिला
हाल ही में जुवेंटस (Juventus) के खिलाफ मिली हार, जिसमें टीम को 4 गोल से हार का सामना करना पड़ा, ने इंटर की मुश्किलों को और बढ़ा दिया है। यह हार उडीनेसे (Udinese) के खिलाफ मिली घरेलू हार के बाद आई है, जिससे इंटर अब लीग लीडर्स, जुवेंटस और नेपोली (Napoli) से 6 अंक पीछे हो गया है।
लेकिन यह संकट रातों-रात नहीं आया। पिछले सीज़न के वसंत से ही इंटर लगातार हार का सामना कर रहा है, जिसमें कोप्पा इटालिया (AC Milan से हार), स्कुडेटो (नेपोली से हार), चैंपियंस लीग (PSG से हार) और क्लब वर्ल्ड कप (फ्लुमिनेंसे से हार) जैसे महत्वपूर्ण खिताब शामिल हैं। यह हार का सिलसिला एक अशुभ संकेत है, जो यह दर्शाता है कि क्लब में कुछ मूलभूत गलतियाँ हो रही हैं, और वे अब और गंभीर रूप से सामने आ रही हैं।
कोच चिवु की पहेली: बदलाव की उम्मीद, बिना बदलाव के
इन सब के केंद्र में हैं नए कोच क्रिस्टियन चिवु (Cristian Chivu)। चिवु, जिनके पास सीरी ए में कोचिंग का केवल तेरह मैचों का अनुभव है, को इंटर की बागडोर सौंपी गई है। उनकी रणनीति चौंकाने वाली है: वे टीम के खेल को बदलना चाहते हैं, लेकिन उन्हीं खिलाड़ियों के साथ, जिन्होंने पिछले सीज़न में असफलता का स्वाद चखा था।
यह कुछ ऐसा है जैसे इतालवी उपन्यास द लेपर्ड के प्रसिद्ध सिद्धांत को उलट देना: `सब कुछ बदल दो ताकि कुछ भी न बदले` के बजाय, चिवु `कुछ भी मत बदलो ताकि सब कुछ बदल जाए` की उम्मीद कर रहे हैं। लेकिन क्या वाकई ऐसा संभव है? क्या वही खिलाड़ी अचानक एक नए तरीके से खेलना शुरू कर सकते हैं और सफलता हासिल कर सकते हैं, जब उनके पास कोई नई प्रेरणा या नई ऊर्जा न हो?
अब तक के नतीजे तो यही बताते हैं कि चिवु का दांव उल्टा पड़ रहा है, और टीम का प्रदर्शन बेहतर होने की बजाय और बिगड़ गया है। रक्षा पंक्ति में छह गोल और तीन मैचों में दो हार, यह सब कुछ बताता है।
ट्रांसफर मार्केट की गलतियाँ: बेंच पर महंगा टैलेंट
इंटर के संकट में ट्रांसफर मार्केट की भूमिका को भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। क्लब ने ग्रीष्मकालीन विंडो में भारी-भरकम राशि खर्च कर नए खिलाड़ी लाए, जैसे ज़िलिंस्की (Zielinski), डियोफ (Diouf), सूचिक (Sucic) और 25 मिलियन यूरो में आए लुइस हेनरिक (Luis Henrique)। लेकिन जुवेंटस के खिलाफ मैच में, चिवु ने नए और महंगे खिलाड़ियों को बेंच पर बिठाकर, पुराने और अनुभवी डार्मियन (Darmian) जैसे खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी।
यहाँ तक कि कप्तान लाउतारो (Lautaro) को भी 2-1 से पिछड़ने के बावजूद बदल दिया गया, और उनकी जगह बोनी (Bonny) को उतारा गया, एस्पोसिटो (Esposito) को नहीं। यह निर्णय बताता है कि या तो नए खिलाड़ी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं, या कोच उन पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं।
ऐसा लगता है कि क्लब ने उन बदलावों पर ध्यान नहीं दिया जिनकी वास्तव में ज़रूरत थी – जैसे रक्षा पंक्ति को मज़बूत करना और सोममेर (Sommer) जैसे गोलकीपर पर गहराई से विचार करना। नतीजतन, टीम में नई ऊर्जा और उत्साह की कमी साफ झलक रही है, और यह चिंताजनक है कि 32 मिलियन यूरो के प्रस्ताव के बावजूद बिससेक (Bisseck) को क्यों नहीं बेचा गया, जब उनका प्रदर्शन इतना ख़राब था?
प्रतिद्वंद्वियों का उदय: जुवेंटस और नेपोली का दबदबा
जहाँ इंटर लड़खड़ा रहा है, वहीं जुवेंटस और नेपोली चमक रहे हैं। जुवेंटस, जिसे सीज़न की शुरुआत में कई संदेहों का सामना करना पड़ा था, अब ट्यूडर (Tudor) के मार्गदर्शन में पूरी गति से उड़ान भर रही है। युवा प्रतिभाएँ यिल्डिज़ (Yildiz) और एडज़िच (Adzic) के गोलों ने टीम को लगातार जीत दिलाई है, और उन्होंने यह साबित कर दिया है कि उन्हें स्कुडेटो की दौड़ से बाहर रखना एक बड़ी भूल होगी।
नेपोली, जिसने पिछले सीज़न में स्कुडेटो जीता था, हॉलैंड (Hojlund) जैसे शानदार खिलाड़ियों के साथ अपना दबदबा बनाए हुए है। उनकी खेल शैली और टीम वर्क बेहतरीन है, और वे अभी तक लीग में सबसे मज़बूत दिख रहे हैं। यह स्पष्ट है कि इटालियन लीग में अब शीर्ष पर आने की होड़ केवल दो टीमों तक ही सीमित नहीं है, और मुकाबला अब पहले से कहीं ज़्यादा रोमांचक हो गया है।
आगे का रास्ता: क्या इंटर वापसी कर पाएगा?
इंटर मिलान के लिए समय तेज़ी से निकल रहा है। यदि टीम को इस पतन से उबरना है और खिताब की दौड़ में बने रहना है, तो उसे तुरंत एक गंभीर आत्मनिरीक्षण करना होगा और अपनी रणनीतियों में बदलाव लाना होगा। कोचिंग से लेकर खिलाड़ी के चयन तक, हर स्तर पर सुधार की आवश्यकता है। अन्यथा, यह सीज़न इंटर प्रशंसकों के लिए एक और निराशाजनक कहानी बनकर रह जाएगा।
क्या चिवु अपनी टीम में जान फूंक पाएंगे या इंटर को जल्द ही एक और बदलाव की ज़रूरत पड़ेगी? आने वाले मैच ही इस सवाल का जवाब देंगे।