सीरी ए का महासंग्राम: जुवेंटस ने इंटर मिलान को 7-गोलों के थ्रिलर में रौंदा, एड्ज़िच ने पलटा पासा!

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इटली के डर्बी डी`इटालिया में जुवेंटस और इंटर मिलान के बीच हुए मुकाबले ने फुटबॉल प्रेमियों को दांतों तले उंगलियां दबाने पर मजबूर कर दिया। यह सिर्फ एक फुटबॉल मैच नहीं था, बल्कि भावनाओं, रणनीतियों, व्यक्तिगत प्रतिभा और कुछ अप्रत्याशित क्षणों का एक रोलरकोस्टर था, जहाँ जुवेंटस ने इंटर को 4-3 से हराकर पूरे अंक बटोरे।

पहला हाफ: शुरुआती धक्के और जवाबी हमले

मैच की शुरुआत इंटर मिलान ने बेहतर ढंग से की, बॉल पज़ेशन उनके पास था और वे जुवेंटस के खेमे में घुसने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन फुटबॉल का खेल कभी-कभी अप्रत्याशित नायकों को जन्म देता है। 14वें मिनट में, जुवेंटस के डिफेंडर केली ने दूर से एक ज़ोरदार शॉट लगाया, जिसने इंटर के गोलकीपर सोमर को चौंका दिया। शायद खुद केली को भी विश्वास नहीं हुआ कि उनका यह शॉट गोल में बदल गया है! 1-0 की बढ़त के साथ जुवेंटस आत्मविश्वास से लबरेज दिख रही थी, लेकिन इंटर मिलान कहाँ रुकने वाली थी? हाफ घंटे से थोड़ा पहले, इंटर के तुर्की मिडफील्डर चालहानोग्लू ने शानदार गोल दागकर स्कोर बराबर कर दिया। यह उनके बेहतरीन फ़ॉर्म का एक और नमूना था, जो इंटर को खेल में वापस ले आया।

तुर्की सितारों का जलवा और बदलती बाजी

मैच में तुर्की खिलाड़ियों का दबदबा सा था, और यह केवल चालहानोग्लू तक सीमित नहीं था। जुवेंटस के युवा सनसनी खेनान येल्डिज़ ने अपने कलात्मक खेल से विरोधी डिफेंस को परेशान किया। जल्द ही, उन्होंने एक और बेहतरीन गोल करके जुवेंटस को फिर से 2-1 की बढ़त दिला दी। यह इंटर के खिलाफ उनका तीसरा करियर गोल था, जिससे साबित होता है कि यह टीम उनके लिए कितनी खास है। लेकिन चालहानोग्लू भला कैसे चुप बैठते? उन्होंने अपनी दृढ़ता का परिचय देते हुए एक बार फिर बराबरी का गोल दागा, इस बार एक लाजवाब चेस्ट स्टॉप और वॉली शॉट के साथ। ऐसा लग रहा था मानो इंटर के पास `गोल करने की एक अजीब कला` थी, जो अक्सर अंतिम समय में उनके लिए काम कर जाती थी। हालाँकि, उनके खेल में कुछ खामियाँ थीं, फिर भी चालहानोग्लू ने अपनी छाप छोड़ी। इंटर के कोच चिवु ने कुछ बदलाव किए, जिसमें ज़िलिंस्की का मैदान में आना शामिल था, जिसने तुरंत चालहानोग्लू के दूसरे गोल में मदद की। ये बदलाव इंटर के लिए आशा की किरण लेकर आए, लेकिन क्या वे पर्याप्त थे?

थुरम भाइयों का टकराव: पारिवारिक गौरव का सवाल

मैच ने तब एक और दिलचस्प मोड़ लिया, जब थुरम भाइयों ने खेल को अपने नाम कर लिया। इंटर के मार्कस थुरम ने 76वें मिनट में एक दमदार हेडर से गोल करके अपनी टीम को पहली बार 3-2 की बढ़त दिलाई। स्टेडियम में इंटर के प्रशंसकों की खुशी का ठिकाना नहीं था। मैदान के बाहर, उनके पिता, महान फुटबॉलर लिलियन थुरम भी मौजूद थे, जिनकी जुवेंटस के प्रति पुरानी वफादारी जगजाहिर थी। लेकिन फुटबॉल में भावनाएँ पल भर में बदल जाती हैं। सिर्फ छह मिनट बाद, जुवेंटस के खेफ्रेन थुरम ने येल्डिज़ की फ्री-किक पर शानदार हेडर मारकर स्कोर 3-3 से बराबर कर दिया। लिलियन थुरम ने शायद यह सोचा भी नहीं होगा कि एक ही मैच में उनके दोनों बेटे अपनी-अपनी टीमों के लिए गोल करेंगे। यह सिर्फ थुरम भाइयों का `शो` नहीं था, बल्कि पारिवारिक गौरव का सवाल भी था, जहाँ खेफ्रेन ने अपने बड़े भाई को बराबरी पर लाकर अपनी पहचान बनाने की कोशिश की।

एड्ज़िच का जादुई पल: एक युवा सितारे का उदय

जब मैच 3-3 की बराबरी पर था, तब जुवेंटस के कोच ट्यूडर ने एक और मास्टरस्ट्रोक चला। 74वें मिनट में सब्स्टीट्यूट के तौर पर आए 19 वर्षीय एड्ज़िच ने, खेफ्रेन थुरम जूनियर की शानदार पास पर, अपने करियर का सबसे महत्वपूर्ण गोल दाग दिया। यह जुवेंटस के लिए 4-3 की जीत का निर्णायक गोल था। दूर से लगाया गया यह शॉट इतना सटीक था कि उसने सोमर को एक बार फिर असहाय छोड़ दिया, और इस मैच में सोमर के प्रदर्शन पर सवालिया निशान लग गया। जुवेंटस के युवा खिलाड़ियों ने दिखाया कि मैदान पर उम्र नहीं, बल्कि कौशल और दृढ़ संकल्प मायने रखता है।

रणनीतिक जीत और भविष्य के संकेत

इस रोमांचक मुकाबले ने दोनों टीमों के लिए अलग-अलग संदेश छोड़े। जुवेंटस, कोच ट्यूडर के नेतृत्व में, पूरी तरह से अंक तालिका में शीर्ष पर है, जो उनकी अटूट भावना और प्रभावी रणनीतियों को दर्शाता है। वहीं, इंटर मिलान, हालाँकि उन्होंने खेल के कुछ हिस्सों में दबदबा बनाए रखा और लगातार वापसी की, लेकिन उनकी डिफेंसिव कमियाँ और कोच चिवु के कुछ फैसलों (विशेषकर महत्वपूर्ण क्षणों में खिलाड़ियों को बदलना) ने उन्हें भारी कीमत चुकाई। इंटर के कुछ प्रशंसकों का मानना था कि उनकी टीम ने 70 मिनट तक “प्रभुत्व” जमाए रखा, लेकिन अंततः परिणाम उनके पक्ष में नहीं रहा – यह फुटबॉल की विडंबना ही है!

यह मैच सीरी ए के इतिहास में एक यादगार अध्याय बन गया है, जो साबित करता है कि फुटबॉल में अंत तक उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। जुवेंटस ने सिर्फ तीन अंक नहीं जीते, बल्कि एक ऐसी जीत हासिल की जो उनके सीज़न के लिए प्रेरणा का काम करेगी, जबकि इंटर मिलान को अपनी रक्षात्मक संरचना और रणनीतिक योजना पर गंभीरता से विचार करना होगा।