Connect with us

International

S. Jaishankar in Saudi: सऊदी अरब पहुंचे विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने की ‘जीसीसी के महासचिव’ से मुलाकात, इस सहमति पत्र पर हुआ हस्ताक्षर

Published

on


Image Source : TWITTER/@DRSJAISHANKAR
Signed the MoU on mechanism of consultations between India and GCC

Highlights

  • एस. जयशंकर ने की ‘जीसीसी के महासचिव’ से मुलाकात
  • परामर्श तंत्र को लेकर एक समझौता ज्ञापन पर हुआ हस्ताक्षर

S. Jaishankar in Saudi: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के महासचिव नायफ फलाह मुबारक अल-हजरफ के साथ सार्थक बैठक की। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत और छह देशों के क्षेत्रीय संगठन जीसीसी के बीच परामर्श तंत्र को लेकर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। जयशंकर भारत और सऊदी अरब के बीच संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए शनिवार को तीन दिवसीय यात्रा पर सऊदी अरब पहुंचे हैं। विदेश मंत्री के रूप में यह सऊदी अरब की उनकी पहली यात्रा है।

मौजूदा क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर हुई चर्चा 

जयशंकर ने शनिवार को यात्रा के पहले दिन जीसीसी के महासचिव से मुलाकात की और मौजूदा क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। जयशंकर ने ट्वीट किया, “जीसीसी के महासचिव डॉ. नायफ फलाह मुबारक अल-हजरफ के साथ बैठक सार्थक रही। भारत और जीसीसी के बीच परामर्श तंत्र को लेकर सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। वर्तमान क्षेत्रीय व वैश्विक स्थिति और उस संदर्भ में भारत-जीसीसी सहयोग की प्रासंगिकता पर चर्चा की।” 

क्या है जीसीसी? 

जीसीसी एक क्षेत्रीय, अंतर सरकारी, राजनीतिक व आर्थिक संघ है जिसमें बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं। भारत के जीसीसी के साथ पारंपरिक रूप से सौहार्दपूर्ण संबंध रहे हैं। 

Latest World News





Source link

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

International

वैज्ञानिकों ने खोजा सबसे विशालकाय ब्लैक होल, सूर्य से 33 अरब गुना बड़ा है आकार

Published

on

By


Image Source : NASA.GOV
विशालकाय ब्लैक होल की खोज

ब्रिटिश खगोलविदों ने एक विशालकाय ब्लैक होल की खोज की है। यह सूर्य के द्रव्यमान से 33 अरब गुना बड़ा है। यह अब तक खोजे गए सबसे विशालकाय ब्लैक होल्स में से एक है। खोज करने वाले वैज्ञानिकों की टीम का शोध बुधवार को  journal Monthly Notices of the Royal Astronomical Society में प्रकाशित हुआ है। शोध के लेखक और इग्लैंड स्थित डरहम यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स के डॉ जेम्स नाइटिंगेल ने कहा कि एक खगोलशास्त्री के रूप में भी मुझे यह समझना मुश्किल है कि यह चीज कितनी बड़ी है।”

‘ब्लैक होल इससे ज्यादा बड़े नहीं हो सकते’

जेम्स नाइटिंगेल ने कहा कि यह ब्लैक होल अब तक खोजे गए सबसे बड़े ब्लैक होल में से एक हो सकता है, क्योंकि भौतिकविदों को लगता है कि ब्लैक होल इससे ज्यादा बड़े नहीं हो सकते। उनका कहना है, टीम के लिए यह खोज बेहद रोमांचक है। इस तरह के कई विशालकाय ब्लैक होल ब्रह्मांड में फैले हुए हैं। ये सूर्य के द्रव्यमान से 10 अरब से 40 अरब गुना तक बड़े हैं।

एक विशालकाय ब्लैक होल हो गया था गायब

पिछले साल 2022 में मैसाचुसेट्स के हार्वर्ड-स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स और मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी के वैज्ञानिकों ने एक बड़े ब्लैक होल की खोज की थी, जो पृथ्वी से 1,560 प्रकाश वर्ष दूर है। दो साल पहले एक विशालकाय ब्लैक होल गायब हो गया था, जो सूर्य से करीब 100 अरब गुना ज्यादा बड़ा था। नासा के वैज्ञानिक इसे अब तक खोज नहीं पाए हैं। नासा इस गायब हुए ब्लैक होल को खोजने के लिए NASA की चंद्र एक्स-रे ऑब्जर्वेटरी और हबल स्पेस टेलिस्कोप का इस्तेमाल कर रही है, लेकिन अभी तक इसका कोई अता-पता नहीं है। 

बता दें कि ब्लैक होल अंतरिक्ष में वो जगह है, जहां भौतिक विज्ञान का कोई नियम काम नहीं करता। इसका गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र इतना शक्तिशाली होता है कि इसके खिंचाव से कुछ भी नहीं बच सकता। यहां तक कि प्रकाश भी इसमें जाने के बाद बाहर नहीं निकल सकता।

यह भी पढ़ें- 

देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ्तार, 24 घंटे में मिले इतने मरीज, पिछले 6 महीने में सबसे ज्यादा केस

Twitter ने की बड़ी कार्रवाई, पाकिस्तान सरकार के ट्विटर हैंडल को भारत में किया ब्लॉक

Latest World News





Source link

Continue Reading

International

Coronal Holes: सूरज पर बने कुएं से निकल चुकी है सौर आंधी, धरती से टकराई तो क्या मचेगी तबाही?

Published

on

By


अत्यधिक पराबैंगनी प्रकाश में देखे जाने पर कोरोनल होल काले दिखाई देते हैं। कभी-कभी सौर हवा पृथ्वी पर ऊंचाई वाले स्थानों पर अरोरा पैदा कर सकती हैं। अमेरिकी स्पेस एजेंसी के अनुसार जब कोरोनल मास इजेक्शन (सौर तूफान) पृथ्वी से टकराते हैं, तो वे भू-चुंबकीय तूफान पैदा कर सकते हैं, अरोराओं को ट्रिगर कर सकते हैं, रेडियो तरंगों के साथ-साथ जीपीएस और इलेक्ट्रिकल सिस्टम को बाधित कर सकते हैं।



Source link

Continue Reading

International

Russia Vs US: पहले यार्स मिसाइल का अभ्‍यास, अब न्‍यूक्लियर बम का डेटा देना बंद… नाटो की परमाणु टेंशन बढ़ा रहे पुतिन

Published

on

By


मास्‍को: रूस अब अमेरिका के साथ परमाणु बमों की सूचना को शेयर नहीं करेगा। रूस के एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने इसका ऐलान कर दिया है। इससे पहले नई स्‍टार्ट संधि के तहत अमेरिका और रूस एक-दूसरे को परमाणु बमों का डेटा शेयर करते थे। रूस ने यह ऐलान ऐसे समय पर किया है जब साइबेरिया में पुतिन की सेना ने यार्स अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों के साथ अभ्‍यास शुरू किया है। यह मिसाइल अमेरिका तक तबाही मचाने में सक्षम है। यूक्रेन युद्ध के बीच रूस के इस ऐलान से अमेरिका के साथ उसका तनाव काफी बढ़ गया है।

रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने बुधवार को कहा कि मास्‍को ने वॉशिंगटन के साथ सभी सूचनाओं का आदान-प्रदान करना बंद कर दिया है। इससे पहले पिछले महीने रूस ने नई स्‍टार्ट परमाणु हथियार संधि से खुद को अलग कर लिया था। यह पूछे जाने पर कि क्‍या अब रूस मिसाइलों के परीक्षण से पहले सूचना देगा, इस पर रयाबकोव ने कहा, ‘इस संबंध में कोई भी नोटिफ‍िकेशन नहीं जारी किया जाएगा।’ उन्‍होंने कहा कि इस संधि के अब किसी प्रावधान को लागू नहीं किया जाएगा।
Nuclear Weapons Report: दुनिया में कितने परमाणु हथियार लॉन्च के लिए तैयार? आ गई न्यूक्लियर वेपन्स की ताजा लिस्ट

नाटो के ऐलान से भड़का हुआ है रूस

इससे पहले मंगलवार को अमेरिका ने कहा था कि वह पुतिन के नई स्‍टार्ट संधि के रद करने के बाद रूस को परमाणु हथियारों के जखीरे को लेकर आंकड़ा देना बंद करेगा। अमेरिका के राष्‍ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्‍ता जॉन किर्बी ने कहा, ‘रूस पूरी तरह से नियमों को नहीं मान रहा है और उसने डेटा देना भी बंद कर दिया है जिस पर नई स्‍टार्ट संधि के तहत सहमति बनी थी।’ उन्‍होंने कहा कि चूंकि रूस आंकड़े नहीं दे रहा है, इसलिए वह भी अब रूस को यह आंकड़ा नहीं दे रहे हैं।

रूस और अमेरिका दोनों ही हर साल एक-दूसरे को अपने परमाणु हथियारों की संख्‍या और परमाणु बम गिराने में सक्षम बॉम्‍बर की तैनाती के बारे में बताते रहते हैं। इसे नई स्‍टार्ट संधि के तहत शुरू किया गया था। पिछले महीने पुतिन ने इस संधि से हटने का ऐलान किया था। उन्‍होंने यह ऐलान तब किया था जब अमेरिका और उसके सहयोगी नाटो देशों ने खुलकर कहा था कि यूक्रेन में रूसी सेना की हार उनका लक्ष्‍य है। रूस ने कहा है कि वह अपने मिसाइल परीक्षण की योजना के बारे में सूचना देता रहेगा।



Source link

Continue Reading