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Russia Ukraine War: रूस की सबसे ताकतवर किंझल मिसाइल को पहली बार यूक्रेन की सेना ने किया ढेर, भड़केगा पुतिन का गुस्‍सा!

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कीव: यूक्रेन की वायुसेना ने अब जो कुछ किया है, उसके बाद रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन का गुस्‍सा और भड़केगा। यूक्रेन की सेना ने शनिवार को दावा किया है कि उसने अमेरिका के पैट्रियट डिफेंस सिस्‍टम का प्रयोग करके कीव के ऊपर एक रूस की हाइपरसोनिक किंझल मिसाइल को ढेर कर दिया है। यह पहली बार हुआ है कि यूक्रेन ने रूस की सबसे एडवांस्‍ड मिसाइल में से एक को इंटरसेप्‍ट करके ढेर कर दिया है। यूक्रेनी मिलिट्री को हाल ही में अमेरिका से पैट्रियॉट डिफेंस सिस्‍टम मिला है।

चार मई को बनाया निशाना

यूक्रेन की वायुसेना के कमांडर मायकोला ओलेशचुक ने एक टेलीग्राम पोस्ट में कहा कि किंझल जैसी बैलिस्टिक मिसाइल को यूक्रेन की राजधानी पर हमले से पहले ही इंटरसेप्‍ट कर लिया गया था। उन्‍होंने बताया है कि चार मई को जब कीव पर हमले हुए तो उसी दिन इस मिसाइल को इंटरसेप्‍ट करके ढेर किया गया था। यह भी पहली बार था जब यूक्रेन ने पैट्रियट डिफेंस सिस्‍टम का प्रयोग किया है। उन्‍होंने लिखा, ‘हां, हमने ‘असाधारण’ किंझल मिसाइल को ढेर कर दिया है। यह कीव क्षेत्र के ऊपर चार मई की रात को हमले के दौरान हुआ है। ओलेशचुक ने कहा कि KH-47 मिसाइल को मिग-31 विमान से लॉन्‍च किया गया था। इस मिसाइल को रूस से फायर किया गया था और पैट्रियट मिसाइल ने इसे मार गिराया है।
Russia Ukraine War: यूक्रेन में अमेरिकी पैट्रियट डिफेंस सिस्टम का कमाल, मार गिराई रूस की हाइपरसोनिक किंझल मिसाइल
आवाज की स्‍पीड से तेज
किंझल मिसाइल, रूस के सबसे लेटेस्‍ट और एडवांस्‍ड हथियारों में से एक है। रूसी सेना का दावा है कि हवा से लॉन्च की जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल की रेंज 2,000 किलोमीटर (लगभग 1,250 मील) तक है। यह ध्वनि की गति से 10 गुना ज्‍यादा स्‍पीड से उड़ती है और इसे रोकना मुश्किल हो जाता है। हाइपरसोनिक स्‍पीड और इसके वॉरहेड मिसाइल को अंडररग्राउंड बंकर्स या पहाड़ी सुरंगों में छिपे टारगेट को नष्‍ट करने में सक्षम बनाता है।

यूक्रेन ने पहले यह कहा था कि उसकी सेना के पास किंझल मिसाइल को रोकने के लिए जरूरी संसाधन नहीं हैं। वायुसेना के प्रवक्ता यूरी इहनाट ने यूक्रेन के चैनल 24 टेलीविजन पर कहा, ‘ रूस का कहना है कि पैट्रियट एक पुराना अमेरिकी हथियार है और रूसी हथियार दुनिया में सबसे अच्छे हैं। अब इस बात की भी पुष्टि हो गई है कि पैट्रियॉट एक सुपर हाइपरसोनिक मिसाइल के खिलाफ भी प्रभावी ढंग से काम कर सकता है।’
Russia Ukraine Missile: रूस ने शुरू की मिसाइलों की बारिश, चौतरफा हमले से सहमा यूक्रेन, सैकड़ों हमले की तैयारी में पुतिन
रूस को जोरदार तमाचा
उन्होंने कहा कि किंजल को सफलतापूर्वक रोकना रूस के मुंह पर एक जोरदार तमाचा है। अप्रैल के अंत में यूक्रेन को पैट्रियट मिसाइलों की पहली डिलीवरी मिली थी। अभी तक यह स्‍पष्‍ट नहीं हो सका है कि यूक्रेनी मिलिट्री को कितने पैट्रियॉट सिस्‍टम मिले या फिर इसे कहां तैनात किया गया है। लेकिन माना जा रहा है कि अमेरिका, जर्मनी और नीदरलैंड्स ने यूक्रेन को यह सिस्‍टम दिए हैं।

यूक्रेनी सेना को दी गई ट्रेनिंग
जर्मनी और अमेरिका ने पिछले दिनों कहा था कि उन्‍होंने कम से कम एक सिस्‍टम तो यूक्रेन को दिया है। जबकि नीदरलैंड्स की तरफ से इनकी संख्‍या दो बताई गई थी। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वर्तमान में कितने सिस्‍टम ऑपरेट हो रहे हैं। यूक्रेनी सैनिकों को सिस्टम के साथ टारगेट को लोकेट करने, रडार और आग से इसे लॉक करने में सक्षम बनाने के लिए जरूरी ट्रेनिंग दी गई है। हर बैटरी को ऑपरेट करने के लिए संचालित करने और बनाए रखने के लिए 90 कर्मियों तक की आवश्यकता होती है।



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‘भारत एक जीवंत लोकतंत्र है,वहां जा कर खुद ही देखिए,’ वाइट हाउस का बड़ा बयान, क्‍या कांग्रेस नेता राहुल को है जवाब?

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वाशिंगटन: वाहट हाउस ने सोमवार को कहा है कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र है और वहां जाने वाला कोई भी व्यक्ति इसे खुद महसूस कर सकता है। भारत में लोकतंत्र की स्थिति पर चिंताओं को प्रत्यक्ष तौर पर खारिज करते हुए व्हाइट हाउस ने यह बात कही। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस महीने के अंत में अमेरिका की यात्रा पर आने वाले हैं। अमेरिकी विदेश विभाग का यह बयान कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दौर के बाद आया है। बयान में न तो कहीं राहुल का जिक्र था और न ही उनसे जुड़ा कोई सवाल पूछा गया था। लेकिन माना जा रहा है कि अप्रत्‍यक्ष तौर पर राहुल की टिप्‍पणी का ही जवाब दिया गया है।

‘भारत जाकर आप इसे महसूस कर सकते हैं’
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में सामरिक संचार समन्वयक जॉन किर्बी ने कहा, ‘ भारत एक जीवंत लोकतंत्र है। जो कोई भी भारत जाता है इसे महसूस कर सकता है। निश्चित तौर पर मुझे उम्मीद है कि लोकतांत्रिक संस्थानों की ताकत और उनकी स्थिति चर्चा का हिस्सा होगी।’ किर्बी ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘ देखो, हम कभी झिझकते नहीं हैं। आप दोस्तों के साथ ऐसा कर सकते हैं। आपको दोस्तों के साथ ऐसा करना चाहिए। आप कभी भी उन चिंताओं को व्यक्त करने से नहीं कतराते हैं जो दुनिया में कहीं भी उठ रही हों।’

क्‍या कहा था राहुल ने
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले दिनों अमेरिका में एक कार्यक्राम में कहा था कि भारत के लोकतंत्र से ‘‘पूरी दुनिया का लोकहित’’ जुड़ा है। अगर इसमें ‘‘बिखराव’’ होता है तो इसका असर पूरे विश्व पर पड़ेगा। अमेरिका के छह दिवसीय दौरे पर गए गांधी ने साथ ही कहा कि लोकतंत्र देश का आंतरिक मामला है। उन्होंने ‘नेशनल प्रेस क्लब’ में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा था, ‘‘भारत में लोकतंत्र के लिए लड़ाई लड़ना हमारा काम है और यह एक ऐसी चीज है, जिसे हम समझते हैं, जिसे हम स्वीकार करते हैं और जो हम करते हैं।’’

भारतीयों से राहुल की रिक्‍वेस्‍ट
राहुल ने इसके साथ ही देश के नेतृत्‍व की आलोचना की थी। उन्‍होंने अमेरिका में बसे भारतीयों से अनुरोध किया था कि वो भारत वापस आएं और लोकतंत्र के साथ भारतीय संविधान की रक्षा में खड़ें हों। राहुल ने कहा था, ‘‘लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि भारतीय लोकतंत्र पूरी दुनिया की भलाई के लिए है। भारत इतना बड़ा है कि यदि भारत के लोकतंत्र में बिखराव पैदा होता है तो इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा। इसलिए यह आपको सोचना है कि भारतीय लोकतंत्र को आपको कितना महत्व देना है, लेकिन हमारे लिए यह एक आंतरिक मामला है और हम इस लड़ाई को लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम जीतेंगे।’’

पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा
उन्‍होंने आगे कहा ‘पीएम मोदी की राजकीय यात्रा संबंध गहरे करने, साझेदारी मजबूत करने और दोस्ती आगे बढ़ाने पर केंद्रित होगी..’’किर्बी ने कहा कि भारत कई स्तरों पर अमेरिका का अहम साझेदार है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 21 से 24 जून को अमेरिका की यात्रा पर रहेंगे। इस दौरान वह कांग्रेस के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन आधिकारिक राजकीय यात्रा के लिए पीएम मोदी की मेजबानी करेंगे। 22 जून, 2023 को वह एक राजकीय रात्रिभोज शामिल होंगे।

भारत एक बड़ा दोस्‍त

राजकीय रात्रिभोज के निमंत्रण की जब वजह पूछी गई तो कीर्बी ने बड़े ही स्‍पष्‍ट तरीके से जवाब दिया। किर्बी ने कहा कि भारत कई स्तरों पर अमेरिका का एक मजबूत भागीदार है। उन्‍होंने कहा, ‘आपने देखा कि शांगरी-ला में रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने अब कुछ अतिरिक्त रक्षा सहयोग की घोषणा की है और हम भारत के साथ आगे बढ़ने जा रहे हैं।’ उनका कहना था कि बेशक दोनों देशों के बहुत ज्‍यादा आर्थिक और क्षेत्रीय हित हैं। भारत, क्वाड का सदस्‍य है और इंडो-पैसिफिक सुरक्षा के संबंध में एक बड़ा दोस्‍त और भागीदार हैं।



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कर्ज चुकाने के लिए सऊदी अरब को परमाणु बम बेचेगा पाकिस्तान! ISI के करीबी ने बनाया खतरनाक प्लान

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कर्ज चुकाने के लिए सऊदी अरब को परमाणु बम बेचेगा पाकिस्तान! ISI के करीबी ने बनाया खतरनाक प्लान

Pakistan News: पाकिस्तान की हालत इतनी कंगाल है कि पैसे के लिए वह कुछ भी कर सकता है। पीएम शहबाज शरीफ कई देशों में कटोरा लेकर पैसे की ‘भीख’ मांगने गए, लेकिन कोई बात नहीं बनी। ऐसे में पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी आईएसआई के करीब और राजनीतिक विश्लेषक जैद हामिद ने पाकिस्तान की कंगाली दूर करने के लिए पाकिस्तान के परमाणु बम सऊदी अरब को बेचने का खतरनाक फॉर्मूला दिया है। जैद हामिद भारत के खिलाफ जहरीले बयान देते रहे हैं। उन्होंने सुझाव दिया हे कि सऊदी अरब और तुर्की को पाकिस्तान के परमाणु बम बेच देने चाहिए। जैद ने कहा कि यदि हम सऊदी अरब को 5 परमाणु बम बेच दें, तो हमें एक घंटे में 25 अरब डॉलर मिल जाएंगे। तुर्की भी हमें 5 परमाणु बम के बदले 20 अरब डॉलर दे देगा।

जैद हामिद आए दिन परमाणु धमकी देता रहता है। जैद अक्‍सर भारत में गजवा-ए हिंद की धमकी देता रहता है। उसे दुनिया के प्रभावशाली मुसलमान हस्तियों की ‘मुस्लिम 500’ लिस्‍ट में शामिल किया गया था। उसने यह माना कि पाकिस्तान ने परमाणु बम की तकनीक चोरी करके परमाणु बम बनाया है। दुनिया हमें इसे बेचने से नहीं रोक सकती। लाल टोपी पहनने वाले जैद ने कहा कि हमने ने तो एनपीटी पर साइन किए हैं, न ही सीटीबीटी पर हस्ताक्षर किए हैं। जैद ने कहा कि हमने छुपकर परमाणु बम बनाया। लीबिया का कज्‍जाफी और ईरान हमसे परमाणु बम की तकनीक लेना चाहता था।

‘अपनी मिसाइलें भी बेचकर कंगाली दूर करे पाकिस्तान’

जैद हामिद ने कहा कि परमाणु बम बेचने की कोई ठोस नीति बनाई जाए। हमें कर्ज लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसकी बजाय हमें अपनी ‘गौरी’ और ‘गजनबी’मिसाइलों को दुनिया को बेचना चाहिए। भारत तो परमाणु मिसाइलें बेच रहा है। पाकिस्तान पर इतना कर्ज है कि यदि चुकानें के लिए दबाव डाला जाएगा तो हमारे पास अपने मुसलमान दोस्त मुल्कों को परमाणु बम बेचने के ​अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। 

इसी जैद हामिद को इमरान समर्थकों ने कार से निकालकर पीटा था

पाकिस्‍तान के बड़बोले विश्‍लेषक ने कहा कि पाकिस्‍तान डरता है कि अमेरिका और यूरोप नाराज हो जाएंगे और पाबंदी लगा दी जाएगी। उसने उत्‍तर कोरिया का उदाहरण दिया और दावा किया कि कोई भी देश उस पर पाबंदी नहीं लगा सका। यह वही जैद हामिद हैं जिन्‍हें पिछले दिनों इमरान खान के समर्थकों ने कार से निकालकर पीट दिया था। 

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यूक्रेन युद्ध में तबाह हुआ रूस, क्‍या भारत से वापस खरीद रहा अपने हथियार, आखिर क्‍यों उठ रहे हैं ये सवाल?

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मॉस्‍को: रूस और भारत पिछले छह दशक से मजबूत रणनीतिक साझीदार हैं। लेकिन यूक्रेन की जंग ने इन दोनों के रिश्‍तों पर भी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। अब जो खबरें आ रही हैं उसके मुताबिक रूस हो सकता है भारत से अपने हथियार वापस मांग ले। निक्‍केइ एशिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस, म्‍यांमार और भारत से अपने हथियारों को वापस मांगने पर विचार कर रहा है। अगर ऐसा होता है और यह रिपोर्ट सच साबित होती है तो फिर भारत और रूस के रिश्‍ते सबसे कठिन दौर में पहुंच सकते हैं। रूस की तरफ से म्‍यांमार और भारत को भारी संख्‍या में टैंक्‍स और मिसाइलें दी गई हैं। रूस, यूक्रेन में उपयोग के लिए निर्धारित पुराने हथियारों को बेहतर बनाने के लिए फिर से उनका आयात कर सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस उन्‍हीं देशों से ये हथियार वापस मांगेगा जिनके साथ उसके लंबे समय से सैन्य संबंध हैं।

रूस पर लगा बैन
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिका, यूरोपियन यूनियन और जापान ने रूस को संभावित सैन्य प्रयोग वाले सामानों का निर्यात करने से बैन कर दिया था। अमेरिकी रिसर्च कंपनी इम्पोर्टजेनियस, भारत के एक्जिम ट्रेड को मिले आंकड़ों के बाद रूस के टैंकों और मिसाइलों जैसे आयातित हथियारों के रिकॉर्ड की जांच की गई। इसके मुताबिक यूरालवैगनजावॉड (UralVagonZavod), जो रूसी सेना के लिए टैंक बनाने वाली कंपनी है उसने नौ दिसंबर, 2022 को 24 मिलियन डॉलर के साथ म्यांमार सेना से सैन्य उत्पादों का आयात किया।
भारत-रूस के रिश्‍ते के बीच आ गया रुपया, अरबों डॉलर वाले रुपए का कैसे हो प्रयोग, पुतिन हुए परेशान
ब्रिटिश थिंक टैंक मिलिट्री बैलेंस की एक सालाना रिपोर्ट के मुताबिक रूस के पास करीब 5000 टैंक हैं। ब्रसेल्स स्थित थिंक इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप से जुड़े रूस के विश्लेषक ओलेग इग्नाटोव ने कहा, ‘रूस के पास स्‍टोर में बहुत पुराने टी -72 टैंक हैं, जिन्हें आधुनिकीकरण की जरूरत है। बाद में इन टैंकों को फ्रंट लाइन पर भेजा जा सकता है।’

भारत तीसरा सबसे बड़ा खरीददार
रूस बड़े पैमान पर टी-72 टैंकों का प्रयोग कर रहा है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) के मुताबिक रूस हथियारों का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक है। भारत इसका सबसे बड़ा ग्राहक है। पिछले एक दशक में रूस की तरफ से भारत को 35 फीसदी हथियार निर्यात किए गए हैं। सिपरी के मुताबिक भारत के बाद चीन और अल्जीरिया ने रूस से सबसे ज्‍यादा हथियार खरीदे। चीन ने 15 फीसदी तो अल्‍जीरिया ने 10 फीसदी रूसी हथियार अपनी सेनाओं के लिए खरीदे।
चीन की बराबरी नहीं कर सकता भारत, इसलिए भारतीय सेना से हमें खतरा नहीं, चीनी कर्नल का अहंकार तो देख‍िए
मिसाइल के लिए पुर्जे
रूस की एनपीके केबीएम, मशीन-बिल्डिंग डिजाइन ब्यूरो ने भी भारत से कुछ पार्ट्स खरीदे। यह कंपनी मिसाइल के उत्‍पादन से जुड़ी है और भारतीय रक्षा मंत्रालय से 150,000 डॉलर में जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के लिए अगस्‍त और नवंबर 2022 में नाइट-विजनके लिए कुल छह पुर्जें खरीदे। सभी पुर्जे यह सुनिश्चित करते हैं कि मिसाइल रात में और कम रोशनी में भी दुश्‍मन को निशाना बना सके। केबीएम ने फरवरी 2013 में भारत को ये पुर्जे निर्यात किए थे। कहा जा रहा है कि हो सकता है कि रूस ने मरम्मत के लिए पुर्जों का फिर से आयात किया हो। लेकिन इस साल मार्च के अंत तक भारत वापस भेजे जाने वाले सामानों का कोई रिकॉर्ड नहीं था।

क्‍या वाकई मिलेगा सहयोग
न तो केबीएम और न ही भारतीय मंत्रालय की तरफ से इस पर कोई टिप्‍पणी की गई है। पिछले दिनों जापान के हिरोशिमा में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन में नेताओं ने रूस को मिल रहे सैन्य समर्थन को खत्‍म करने के लिए कहा है। टोक्यो स्थित हितोत्सुबाशी यूनिवर्सिटी में हथियार नियंत्रण पर रिसर्च करने वाले प्रोफेसर नोबुमासा अकियामा ने कहा, ‘लेकिन उन देशों से सहयोग हासिल करना मुश्किल है, जो रूसी निर्मित हथियारों पर भरोसा करते हैं।’



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