RBI Policy: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक बार फिर रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बड़ी बढ़ोत्तरी की है। इसके बाद रेपो रेट 5.90 फीसदी पर पहुंच गई है। शुक्रवार को खत्म हुई अपनी बाय-मंथली बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भारत की मौजूदा आर्थिक स्थिति पर रिपोर्ट पेश की। उन्होंने बताया कि सप्लाई चेन प्रभावित होने और जरूरी सामान की आसमान छूती कीमत ने ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी के लिए मजबूर किया है। अमेरिकी फेड रिजर्व (US Fed Reserve) ने ब्याज दरों में लगातार तीसरी बार 75 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी की है। इससे रुपये पर दबाव बढ़ गया है। साथ ही खुदरा महंगाई (retail inflation) भी अगस्त में फिर बढ़ गई है।
बता दें कि पिछले महीने 5 अगस्त को आरबीआई ने रेपो रेट को आधा फीसदी बढ़ाकर 5.40 फीसदी कर दिया था। इससे पहले, 4 मई 2022 को, आरबीआई ने पॉलिसी रेपो रेट को 40 आधार अंक बढ़ाकर 4.40% करके सबको चौंका दिया था, जबकि स्थायी जमा सुविधा (SDF) दर को 4.15% और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) रेट और बैंक रेट को 4.65% पर एडजस्ट किया था।
होम लोन पर क्या असर होगा
बैंक जो नए रिटेल लोन देते हैं, वे किसी एक्सटरनल बेंचमार्क से जुड़े होते हैं। अधिकांश मामलों में यह रेपो रेट से जुड़ा होता है। यही वजह है कि रेपो रेट में किसी भी बदलाव से होम लोन का इंटरेस्ट रेट प्रभावित होता है। यानी रेपो रेट में बढ़ोतरी से अपने होम लोन की किस्त बढ़ जाएगी। साथ ही एमसीएलआर, बेस रेट और बीपीएलआर से जुड़े पुराने होम लोन पर भी इसका असर होगा।
दूसरे लोन भी महंगे हो जाएंगे
होम लोन के अलावा वीकल लोन (vehicle loan), एजुकेशन लोन (education loan), पर्सनल लोन (personal loan) और बिजनस लोन (business loan) भी महंगा हो जाएगा। बोरोइंग कॉस्ट बढ़ने से आम लोग अनावश्यक खर्च से बचते हैं जिससे मांग घटती है। हालांकि रेपो रेट में बढ़ोतरी का उन ग्राहकों को फायदा होगा जिन्होंने एफडी (FD) करा रखी है।
अगली तीन तिमाही में महंगाई दर 6% से ऊपर रहने की आशंका
आरबीआई ने अपनी मौद्रिक पॉलिसी में अनुमान लगाया है कि अगल तीन तिमाही में महंगाई दर 6 फीसदी से ऊपर रहने की आशंका है। आरबीआई ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध से सप्लाई चेन प्रभावित होने के कारण महंगाई में उछाल आने की बात कही है। आरबीआई का कहना है कि एक्साइज ड्यूटी में कटौती से आसमान छूती महंगाई से राहत मिलेगी।
ग्रामीण मांग में धीरे-धीरे सुधार जारी
भले ही महंगाई ने आरबीआई को ब्याज दर में बढ़ोतरी करने को मजबूर किया है लेकिन आरबीआई का मानना है कि इसका असर देश की जीडीपी ग्रोथ पर नहीं होगा। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023 के लिए जीडीपी ग्रोथ की दर को 7.2 फीसदी पर बरकरार रहा है। वहीं, आरबीआई ने कहा है कि एक बार फिर से ग्रामीण और शहरी मांग में सुधार देखने को मिल रहा है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकेत हैं।
रेपो रेट (Repo Rate)
रेपो रेट को आसान भाषा में ऐसे समझा जा सकता है। बैंक हमें कर्ज देते हैं और उस कर्ज पर हमें ब्याज देना पड़ता है। ठीक वैसे ही बैंकों को भी अपने रोजमर्रा के कामकाज के लिए भारी-भरकम रकम की जरूरत पड़ जाती है और वे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से कर्ज लेते हैं। इस ऋण पर रिजर्व बैंक जिस दर से उनसे ब्याज वसूल करता है, उसे रेपो रेट कहते हैं।
रेपो रेट से आम आदमी पर क्या पड़ता है प्रभाव
जब बैंकों को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध होगा यानी रेपो रेट कम होगा तो वो भी अपने ग्राहकों को सस्ता कर्ज दे सकते हैं। और यदि रिजर्व बैंक रेपो रेट बढ़ाएगा तो बैंकों के लिए कर्ज लेना महंगा हो जाएगा और वे अपने ग्राहकों के लिए कर्ज महंगा कर देंगे।
रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate)
यह रेपो रेट से उलट होता है। बैंकों के पास जब दिन-भर के कामकाज के बाद बड़ी रकम बची रह जाती है, तो उस रकम को रिजर्व बैंक में रख देते हैं। इस रकम पर आरबीआई उन्हें ब्याज देता है। रिजर्व बैंक इस रकम पर जिस दर से ब्याज देता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं।
रिवर्स रेपो रेट का आम आदमी पर ऐसे पड़ता है प्रभाव
जब भी बाजारों में बहुत ज्यादा नकदी दिखाई देती है, आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देता है, ताकि बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए अपनी रकम उसके पास जमा करा दें। इस तरह बैंकों के कब्जे में बाजार में छोड़ने के लिए कम रकम रह जाएगी।
जानिए क्या होता है नकद आरक्षित अनुपात (Cash Reserve Ratio/CRR)
बैंकिंग नियमों के तहत हर बैंक को अपने कुल कैश रिजर्व का एक निश्चित हिस्सा रिजर्व बैंक के पास रखना ही होता है, जिसे कैश रिजर्व रेश्यो अथवा नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) कहा जाता है। यह नियम इसलिए बनाए गए हैं, ताकि यदि किसी भी वक्त किसी भी बैंक में बहुत बड़ी तादाद में जमाकर्ताओं को रकम निकालने की जरूरत पड़े तो बैंक पैसा चुकाने से मना न कर सके।
आम आदमी पर सीआरआर का ऐसे पड़ता है प्रभाव
अगर सीआरआर बढ़ता है तो बैंकों को ज्यादा बड़ा हिस्सा रिजर्व बैंक के पास रखना होगा और उनके पास कर्ज के रूप में देने के लिए कम रकम रह जाएगी। यानी आम आदमी को कर्ज देने के लिए बैंकों के पास पैसा कम होगा। अगर रिजर्व बैंक सीआरआर को घटाता है तो बाजार नकदी का प्रवाह बढ़ जाता है।
क्या है एसएलआर (Statutory liquidity ratio/वैधानिक तरलता अनुपात)
जिस रेट पर बैंक अपना पैसा सरकार के पास रखते हैं, उसे एसएलआर कहते हैं। नकदी को नियंत्रित करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। कमर्शियल बैंकों को एक खास रकम जमा करानी होती है, जिसका इस्तेमाल किसी इमरजेंसी लेन-देन को पूरा करने में किया जाता है।
ईरान के बाद अब पाकिस्तान की धरती भूकंप के झटके से कांप उठी। पाकिस्तान के इस्लामाबाद में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। पाकिस्तान में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.1 मापी गई है। इस्लामाबाद में भूकंप रविवार दोपहर 1:24 बजे आया। ताजिकिस्तान में भूकंप का केंद्र बताया जा रहा है। अभी तक भूकंप से किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, इस्लामाबाद में आज दोपहर करीब 1:24 बजे रिक्टर पैमाने पर 4.1 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप का केंद्र इस्लामाबाद से 37 किमी पश्चिम में था और इसकी गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी। इसके साथ भूकंप के झटके पाकिस्तान के रावलपिंडी, मुर्री, खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब के बाकी हिस्सों में भी महसूस किए गए।
इससे पहले पाकिस्तान में भूकंप
इससे पहले 5 जनवरी को इस्लामाबाद और लाहौर समेत पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा के कई शहरों में 5.8 तीव्रता का भूकंप आया था। उस भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान हिंदू कुश क्षेत्र था, जबकि उसकी गहराई 173 किमी थी। भूकंप के झटके स्वात, डेरा इस्माइल खान समेत कई इलाकों में महसूस किए गए थे।
ईरान में शनिवार रात आया भूकंप
इससे पहले ईरान में शनिवार रात जबरदस्त भूकंप आया। पश्चिमोत्तर ईरान के खोय शहर में आए 5.9 तीव्रता के भूकंप में अब तक 7 लोगों की मौत की खबर है, जबकि 440 लोग घायल बताए जा रहे हैं। उत्तर पश्चिम ईरान के पश्चिम अजरबैजान प्रांत के खोय शहर में भूकंप के झटके आए। ये इलाका तुर्की-ईरान सीमा के पास उत्तर पश्चिमी ईरान में पड़ता है। स्थानीय समयानुसार, भूकंप शनिवार को रात 9:44 बजे आया। ईरानी सीस्मोलॉजिकल सेंटर ने बताया कि भूकंप का केंद्र जमीन से 7 किमी की गहराई पर था।
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बताया जा रहा है कि जिन इलाकों में संदिग्ध खालिस्तान समर्थित पोस्टर मिले हैं उन इलाकों में पुलिस ने गश्त बढ़ा दी है और पुलिस संदिग्ध इलाकों की सीसीटीवी फुटेज पर भी नजर रख रही है। पुलिस अलर्ट है।
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इंडिगो से यात्रा कर रहे पैसेंजर पर कार्रवाई
नागपुर से मुंबई जाने वाली फ्लाइट में सफर कर रहे एक यात्री ने लैंडिंग से पहले इमरजेंसी एग्जिट के कवर को खोलने की कोशिश की। जिस वक्त यात्री ने ये हरकत की, उस समय विमान हवा में था और लैंडिंग के लिए आ रहा था। शख्स इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट से सफर कर रहा था। शख्स के खिलाफ मुंबई एयरपोर्ट ने मामला दर्ज कर लिया है। यात्री के खिलाफ इमरजेंसी एग्जिट से छेड़छाड़ के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई है। इंडियो ने ये जानकारी दी।
विमान लैंडिंग की प्रक्रिया में था
इंडियो एयरलाइंस ने कहा कि बोर्ड पर क्रू ने कप्तान को सतर्क किया और यात्री को उचित चेतावनी दी गई। इंडिगो की ओर से जारी बयान के मुताबिक, फ्लाइट के सुरक्षित उड़ान भरने पर कोई समझौता नहीं किया गया था। यात्री के खिलाफ इमरजेंसी एग्जिट से अनधिकृत छेड़छाड़ के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई है, क्योंकि विमान लैंडिंग की प्रक्रिया में था। जानकारी के मुताबिक, यह घटना मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरने से ठीक पहले इंडिगो की उड़ान 6E-5274 में हुई है।
तेजस्वी सूर्या ने खोला था इमरजेंसी गेट
इससे पहले एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जब बीजेपी नेता तेजस्वी सूर्या ने 10 दिसंबर को इंडिगो फ्लाइट का इमरजेंसी गेट खोल दिया था। DGCA ने अपने एक बयान में जानकारी देते हुए बताया था कि इंडिगो 6E की फ्लाइट 6E-7339 में एक यात्री ने खौफ पैदा कर दिया, जब इमरजेंसी गेट खोला। मामले को लेकर DGCA ने जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, इस मामले में उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि तेजस्वी सूर्या से गलती से दरवाजा खुल गया था और इसके लिए उन्होंने माफा मांग ली है।
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