गोल्फ की दुनिया में `द ओपन चैंपियनशिप` का नाम एक ऐसे प्राचीन और प्रतिष्ठित मुकुट जैसा है, जिसे हर खिलाड़ी अपने सिर पर सजाना चाहता है। उत्तरी आयरलैंड के रॉयल पोर्टरश गोल्फ कोर्स में 153वीं ओपन चैंपियनशिप का दूसरा दौर समाप्त हो चुका है, और इसने एक बार फिर साबित कर दिया कि यह खेल सिर्फ़ स्विंग और सटीकता का नहीं, बल्कि धैर्य, रणनीति और कभी-कभी तो भाग्य के एक छोटे से अंश का भी है।
दूसरा दिन पूरी तरह से अमेरिकी सनसनी स्कॉटी शेफ़लर के नाम रहा। उनकी 7-अंडर की अविश्वसनीय परफ़ॉर्मेंस ने उन्हें कुल 10-अंडर के स्कोर के साथ लीडरबोर्ड के शीर्ष पर ला खड़ा किया। शेफ़लर का खेल किसी कुशल कलाकार की तरह था, जहाँ हर शॉट एक सोची-समझी चाल थी, हर पुट एक निर्णायक वार। मैदान पर उनकी शांति और गेंद पर उनका नियंत्रण अद्भुत था। ऐसा लग रहा था मानो वह सिर्फ़ छेद को नहीं, बल्कि दर्शकों के दिलों को भी निशाना बना रहे हों। क्या वह इस बढ़त को सप्ताहांत तक बनाए रख पाएंगे? यह सवाल हर गोल्फ प्रेमी के ज़हन में है।
लेकिन गोल्फ एकतरफा खेल नहीं है। शेफ़लर को पता है कि उनकी इस बढ़त पर सिर्फ़ एक शॉट का ही फासला है, और उनके ठीक पीछे मैट फ़िट्ज़पैट्रिक जैसा दिग्गज खिलाड़ी खड़ा है। फ़िट्ज़पैट्रिक भी बेहतरीन फ़ॉर्म में हैं और कभी भी पासा पलट सकते हैं। उनसे ठीक दो शॉट पीछे ब्रायन हारमैन और हाओटोंग ली जैसे खिलाड़ी भी हैं, जो लगातार अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं। यह सिर्फ़ शेफ़लर की कहानी नहीं है, बल्कि उन शिकारी खिलाड़ियों की भी है जो चुपचाप अपने शिकार का इंतज़ार कर रहे हैं। रॉयल पोर्टरश के हरे-भरे मैदान पर यह मुकाबला शतरंज की बिसात जैसा है, जहाँ हर चाल मायने रखती है।
इस स्तर पर गोल्फ खेलना सिर्फ़ शारीरिक कौशल का प्रदर्शन नहीं है, यह मानसिक दृढ़ता की भी परीक्षा है। एक खराब शॉट आपको निराशा के गर्त में धकेल सकता है, और एक शानदार वापसी आपको हीरो बना सकती है। यहाँ दबाव अदृश्य होता है, लेकिन उसका असर हर खिलाड़ी के चेहरे पर साफ देखा जा सकता है। हर बर्डे के पीछे घंटों का अभ्यास और हर मिस पुट के पीछे निराशा का एक क्षण छिपा होता है। यह खेल आपको सिखाता है कि कैसे एक ही पल में आप शिखर पर पहुँच सकते हैं या फिर खाई में गिर सकते हैं, और यह सब कुछ चंद इंचों के अंतर पर निर्भर करता है। कितनी अजीब बात है कि इतना शांतिपूर्ण दिखने वाला खेल अंदरूनी तौर पर इतना तनावपूर्ण हो सकता है।
दूसरे दौर में कई अन्य रोमांचक क्षण भी देखने को मिले। रॉरी, ब्रायसन, और रॉबर्ट मैकइंटायर जैसे बड़े नामों ने भी अपने-अपने तरीके से चमक बिखेरी। रॉरी के बर्डे, ब्रायसन के लगातार दो बर्डे, और मैकइंटायर के सटीक शॉट ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। टायरेल हैटन ने टी से शानदार शॉट लगाकर अपनी क्लास दिखाई, और हारमैन ने भी एक और बर्डे से अपनी स्थिति मजबूत की। यह दिन सिर्फ़ लीडरबोर्ड बदलने का नहीं था, बल्कि गोल्फ के जादू को महसूस करने का था, जहाँ हर खिलाड़ी अपनी कला का प्रदर्शन कर रहा था।
जैसे-जैसे सप्ताहांत नज़दीक आ रहा है, द ओपन चैंपियनशिप का रोमांच अपने चरम पर पहुँच रहा है। क्या स्कॉटी शेफ़लर अपनी बढ़त को बरकरार रख पाएंगे? या फिर कोई और खिलाड़ी अप्रत्याशित रूप से उभरेगा और `चैंपियन गोल्फमैन ऑफ द ईयर` का प्रतिष्ठित क्लैरट जग घर ले जाएगा? रॉयल पोर्टरश में आने वाले दो दिन गोल्फ इतिहास के कुछ सबसे यादगार पलों को गढ़ने वाले हैं। हमारी सलाह है – अपनी गोल्फ किट तैयार रखें, क्योंकि यह मुकाबला अभी बाकी है, और इसमें कोई भी परिणाम संभव है!