इस्लामाबाद: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था तबाह हो चुकी है और उसके दोस्त भी कर्ज देने से मना कर रहे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ खुद ही कबूल चुके हैं कि उन्हें न चाहते हुए भी कर्ज की भीख मांगना पड़ रहा है। पाकिस्तान को आईएमएफ भी कर्ज देने से किनारा कर रहा है। पाकिस्तान सरकार 170 अरब रुपये के नए टैक्स लगाने जा रही है। इस महासंकट के बीच पाकिस्तान के राजनीतिक अर्थशास्त्री डॉक्टर परवेज ताहिर ने बुधवार को शहबाज सरकार से गुहार लगाई कि देश के लोगों के दुखों को कम करने के लिए भारत के व्यापार को फिर से शुरू किया जाए।
डॉक्टर परवेज ने कहा कि पीएम शहबाज शरीफ को संघीय कैबिनेट के आकार को भी छोटा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना पर होने वाला खर्च आवश्यकता से ज्यादा है। अब समय आ गया है कि इसे ठीक किया जाए। परवेज एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इससे पाकिस्तान के अंबानी कहे जाने वाले अरबपति मियां मांशा ने भी भारत के साथ व्यापार को फिर से शुरू करने की गुहार लगाई थी। पाकिस्तानी विशेषज्ञों का कहना है कि देश में आटा का संकट चल रहा है और हम भारत से इसका आयात कर सकते हैं जो दुनिया के कई देशों को गेहूं दे रहा है। Pakistan Economic Crisis 2023: परमाणु शक्ति संपन्न पाकिस्तान के पतन का क्या मतलब? क्या सीरिया-लीबिया बन जाएगा जिन्ना का देश?
शहबाज की हठ से पाकिस्तान का कपड़ा उद्योग तबाह
पाकिस्तान ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के बाद भारत के साथ व्यापार पर रोक लगा रखी है। पाकिस्तान इस बात की जिद कर रहा है कि भारत 370 को फिर से बहाल करे तभी उसके साथ रिश्ते सामान्य होंगे। पाकिस्तान का कपड़ा उद्योग कॉटन की कमी से तबाह हो गया है और वहां के उद्योगपति लगातार भारत से आयात करने की मंजूरी मांग रहे हैं। हालत यह हो गई है कि पाकिस्तान की हजारों फैक्ट्रियां बंद हो गई हैं और लाखों की तादाद में मजदूर बेरोजगार हो गए हैं।
डॉक्टर परवेज ने पाकिस्तानी सेना के खर्च करने की सलाह दी है जो भारत से दुश्मनी पाले हुए है। पाकिस्तान लगातार चीन और तुर्की से घातक युद्धपोत और पनडुब्बियां खरीद रहा है। पाकिस्तानी सेना यह तब कर रही है जब टीटीपी आतंकी देश में जमकर खून बहा रहे हैं। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 3 अरब डॉलर के आसपास पहुंच गया है जिससे वह एक महीने का भी आयात नहीं कर सकता है। पाकिस्तान के बंदरगाहों पर हजारों की तादाद में कंटेनर फंसे हुए हैं। इसमें जेट फ्यूल से लेकर चाय तक लदी हुई है लेकिन पाकिस्तान के पास इन्हें उतारने के लिए डॉलर नहीं हैं। इससे पाकिस्तान में आवश्यक सामानों की भारी किल्लत हो गई है। पाकिस्तान सरकार ने अब तेल के दामों में भी भारी बढ़ोत्तरी की है।
बॉलीवुड सेलिब्रिटी समेत कई बिजनेसमैन यहां पर घरों को एक निवेश के तौर पर भी देख रहे हैं। शिल्पा शेट्टी, शाहरुख खान और अक्षय कुमार का घर यहां पर है। इसके अलावा उद्योगपति मुकेश अंबानी और फुटबॉलर डेविड बैकहम का घर भी यहां है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मुकेश अंबानी के विला में 10 बेडरूम, एक प्राइवेट, इनडोर और आउटडोर पूल है। इसकी कीमत 8 करोड़ डॉलर है।
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चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाक पीएम शहबाज शरीफ
नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने साफ शब्दों में चीन से कह दिया है कि उसके लोग यहां बिजनेस करना बंद कर दें, अन्यथा उनकी जान जा सकती है। शरीफ ने पाकिस्तान में व्यापार कर रहे सभी चीनियों को तत्काल अपने कारोबार को समेटने के लिए कहा है। मगर आप सोच रहे होंगे कि पाकिस्तान और चीन तो दोस्त हैं, फिर आखिर ऐसा क्या हो गया कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने चीन को यह अल्टीमेटम दे डाला…तो आइए आपको बताते हैं कि पूरा मामला है क्या?
पाकिस्तान की ओर से अचानक मिले इस अल्टीमेटम से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी हैरान हो गए हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने चीन को यह अल्टीमेटम यूं ही नहीं दिया है, बल्कि पिछले कुछ महीनों में चीन के कई नागरिक उनके देश में मारे जा चुके हैं। इसमें चीन के कई इंजीनियर, डॉक्टर और व्यापारी समेत अन्य नागरिक शामिल हैं।
चीनी नागरिकों को कौन बना रहा निशाना
अब आपको बताते हैं कि चीन के इन नागरिकों को आखिर पाकिस्तान में निशाना कौन बना रहा है। पाकिस्तान की सरकार के अनुसार विभिन्न आतंकी गुटों के निशाने पर चीनी नागरिक हैं। वह उन्हें लगातार टारगेट कर रहे हैं और उनकी जान को सबसे ज्यादा खतरा बना हुआ है। इसलिए पाकिस्तान की सरकार ने चीनी नागरिकों को तत्काल अपने देश से कारोबार बंद करने को कहा है। आपको बता दें कि वर्ष 2022 में ग्वादर के दासू प्रोजेक्ट पर काम कर रहे चीनी इंजीनियरों की एक बस को आतंकियों ने निशाना बनाया था, जिसमें 10 चीनी इंजीनियरों की मौत हो गई थी।
इसके अलावा पाकिस्तान के पेशावर में भी कई चीनी नागरिकों को आतंकी निशाना बना चुके हैं। पाकिस्तान में चीनी नागरिकों को निशाना बनाए जाने के पीछे एक खास वजह भी है। दरअसल पाकिस्तान के आतंकी संगठनों को लगता है कि चीनी नागरिकों की बढ़ती मौजूदगी की वजह से उनके समुदाय और इलाकों को खतरा है। वह आतंकियों के कारोबार पर भी असर डाल रहे हैं। इसलिए आतंकी चीनी नागरिकों को चुन-चुन मार रहे हैं।
पाकिस्तान को चीन से मदद नहीं मिलने का डर
आतंकियों के निशाने पर चल रहे चीनी नागरिकों को बचाने में पाकिस्तान की सरकार नाकाम साबित हो रही है। इसलिए अब वह उन्हें कारोबार बंद करने और अपने देश लौटने के लिए कह रही है। पाकिस्तान को पता है कि अगर चीनी नागरिकों की लगातार मौत होती रही तो चीन उसकी मदद करना बंद कर देगा। फिलहाल आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज की जरूरत है, जिसे चीन की मदद के बगैर हासिल करना पाकिस्तान के लिए कतई संभव नहीं है।
अल्टीमेटम के बाद चिंता में पड़ा चीन
पाकिस्तान के इस अल्टीमेटम के बाद चीन खासी चिंता में पड़ गया है। इसकी वजह है कि चाइना पाकिस्तान इकोनामिक कॉरिडोर (सीपीईसी) में चीन ने करीब 60 अरब डालर का निवेश किया है। कई वर्षों से प्रोजेक्ट चल रहा है और इस पर दो तिहाई पैसा अब तक खर्च हो चुका है। इसके अलावा भी चीन के कई प्रोजेक्ट पाकिस्तान में चल रहे हैं। ऐसे में अगर चीनी नागरिकों को पाकिस्तान से वापस लौटना पड़ा तो उनके कई अहम प्रोजेक्ट भी खटाई में पड़ सकते हैं।
एक तरफ आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्तान (Pakistan Economic Crisis) को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की तरफ से कर्ज का इंतजार है तो दूसरी ओर वह दूसरे देशों को कर्ज देकर उसके जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रहा है। आईएमएफ ने ताजा घटनाक्रम में अर्जेंटीना (Argentina) के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया है।