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Pakistan Economic Crisis: सिंध, पश्तून, बलूच… पाकिस्तान में हर कोई मांग रहा ‘आजादी’, जिन्ना के मुल्क के टुकड़े-टुकड़े कर देगी ये कंगाली?

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इस्लामाबाद : पाकिस्तान की सीमाएं भारत, अफगानिस्तान, ईरान और चीन से मिलती हैं। मुल्क चार प्रांतों में बंटा हुआ है- पंजाब, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान। इसके अलावा पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) और गिलगित-बाल्टिस्तान पर उसका अवैध कब्जा है। एक वक्त था जब पाकिस्तान के इन सभी प्रांतों और क्षेत्रों में विविध संस्कृति, भाषाओं और मान्यताओं का पालन करने वाले लोग रहते थे। लेकिन कट्टरपंथ और आतंकवाद को पालने वाला देश इन्हें एकजुट रखने में विफल हो गया। गंभीर आर्थिक और राजनीतिक संकट ने पाकिस्तान में सांप्रदायिक और अलगाववादी हिंसा को बढ़ावा दिया है।

पाकिस्तानियों का शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार पर से काफी हद तक भरोसा उठ गया है। महंगाई जैसे मुद्दों पर इमरान खान को घेर कर सत्ता में आए शहबाज खुद देश पाकिस्तान में ठोस आर्थिक सुधार लागू करने में विफल हो रहे हैं। पाकिस्तान के विशेषज्ञ नवीद बसीर कहते हैं, ‘पाकिस्तान में जो भी सरकार, सेना या अदालतें कर रही हैं, लोग उससे खुश नहीं हैं। वे ऐसे आंदोलनों की तलाश में हैं जो उनका नेतृत्व कर सकें।’

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तेज हो गया है बलूच आंदोलन

पाकिस्तान में बलूच अपनी ही जमीन पर अल्पसंख्यक के रूप में रह रहे हैं। पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई उनका उत्पीड़न कर रहे हैं। जैसे-जैसे पाकिस्तान पर कर्ज बढ़ रहा है और विदेशी मुद्रा भंडार घट रहा है, आर्थिक संकट से बलूचों की स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है। बलूचिस्तान में लंबे समय से जारी अलगाववादी आंदोलन अब और तेज हो गया है। बलूच पाकिस्तान सरकार और उसके सबसे करीबी दोस्त चीन को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानते हैं।

पाकिस्तान में हर कोई मांग रहा ‘आजादी’

पाकिस्तान में आज जय सिंध कौमी महाज (JSQM), वर्ल्ड सिंधी कांग्रेस और जय सिंध फ्रीडम मूवमेंट जैसे कई स्वतंत्रता-समर्थक संगठनों को सिंध से बड़े पैमाने पर समर्थन मिल रहा है। सिंधियों को अब महसूस हो रहा है कि पाकिस्तान के साथ जुड़कर रहने से, उनका भविष्य अनिश्चित और खतरनाक हो सकता है। इसलिए एक अलग मुल्क के लिए आवाजें तेज हो गई हैं। भेदभाव, गरीबी और अपनी सिंधी संस्कृति और भाषा का पतन झेल रहा पाकिस्तान का यह हिस्सा आजादी के लिए लड़ने की खातिर दृढ़ है।

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क्या मुल्क के हो जाएंगे टुकड़े-टुकड़े?

एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के बाकी नागरिकों की तरह पश्तून भी लगातार बिगड़ती आर्थिक स्थिति की वजह से सरकार में विश्वास खो चुके हैं। भेदभाव और उत्पीड़न की मार झेल रहे पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग तो पहले से ही पाकिस्तान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते रहे हैं। आसमान छू रही महंगाई, खाने-पीने और दवा की कमी, बेरोजगारी और सरकार के प्रति बढ़ते अविश्वास ने पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शनों को और तेज कर दिया है। सवाल यह है कि क्या आर्थिक संकट से जन्मा विद्रोह पाकिस्तान के कई टुकड़ों के साथ शांत होगा?



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PoK India Pakistan: पीओके की सरकार ने अमित शाह के एक प्रस्‍ताव का किया समर्थन, जानिए इसके बारे में जिसने पाकिस्‍तान को दी टेंशन

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पिछले दिनों भारत के गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shan India) ने पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर यानी पीओके (PoK) को लेकर एक बड़ा बयान दिया था। उन्होने कहा था कि भारत सरकार करताररपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) की तर्ज पर एक पहल की कोशिश करेगी। अब पीओके की सरकार ने शाह के सुर में सुर मिलाया है।

 



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Palm Jumerah House: अंबानी, शाहरुख, डेविड बैकहम… धरती का स्वर्ग बन रहा दुबई, क्यों दिग्गजों की पहली पसंद

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बॉलीवुड सेलिब्रिटी समेत कई बिजनेसमैन यहां पर घरों को एक निवेश के तौर पर भी देख रहे हैं। शिल्पा शेट्टी, शाहरुख खान और अक्षय कुमार का घर यहां पर है। इसके अलावा उद्योगपति मुकेश अंबानी और फुटबॉलर डेविड बैकहम का घर भी यहां है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मुकेश अंबानी के विला में 10 बेडरूम, एक प्राइवेट, इनडोर और आउटडोर पूल है। इसकी कीमत 8 करोड़ डॉलर है।



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शहबाज शरीफ ने शी जिनपिंग को दिया ये अल्टीमेटम

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चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाक पीएम शहबाज शरीफ

नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने साफ शब्दों में चीन से कह दिया है कि उसके लोग यहां बिजनेस करना बंद कर दें, अन्यथा उनकी जान जा सकती है। शरीफ ने पाकिस्तान में व्यापार कर रहे सभी चीनियों को तत्काल अपने कारोबार को समेटने के लिए कहा है। मगर आप सोच रहे होंगे कि पाकिस्तान और चीन तो दोस्त हैं, फिर आखिर ऐसा क्या हो गया कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने चीन को यह अल्टीमेटम दे डाला…तो आइए आपको बताते हैं कि पूरा मामला है क्या?

पाकिस्तान की ओर से अचानक मिले इस अल्टीमेटम से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी हैरान हो गए हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने चीन को यह अल्टीमेटम यूं ही नहीं दिया है, बल्कि पिछले कुछ महीनों में चीन के कई नागरिक उनके देश में मारे जा चुके हैं। इसमें चीन के कई इंजीनियर, डॉक्टर और व्यापारी समेत अन्य नागरिक शामिल हैं।

चीनी नागरिकों को कौन बना रहा निशाना


अब आपको बताते हैं कि चीन के इन नागरिकों को आखिर पाकिस्तान में निशाना कौन बना रहा है। पाकिस्तान की सरकार के अनुसार विभिन्न आतंकी गुटों के निशाने पर चीनी नागरिक हैं। वह उन्हें लगातार टारगेट कर रहे हैं और उनकी जान को सबसे ज्यादा खतरा बना हुआ है। इसलिए पाकिस्तान की सरकार ने चीनी नागरिकों को तत्काल अपने देश से कारोबार बंद करने को कहा है। आपको बता दें कि वर्ष 2022 में ग्वादर के दासू प्रोजेक्ट पर काम कर रहे चीनी इंजीनियरों की एक बस को आतंकियों ने निशाना बनाया था, जिसमें 10 चीनी इंजीनियरों की मौत हो गई थी।

इसके अलावा पाकिस्तान के पेशावर में भी कई चीनी नागरिकों को आतंकी निशाना बना चुके हैं। पाकिस्तान में चीनी नागरिकों को निशाना बनाए जाने के पीछे एक खास वजह भी है। दरअसल पाकिस्तान के आतंकी संगठनों को लगता है कि चीनी नागरिकों की बढ़ती मौजूदगी की वजह से उनके समुदाय और इलाकों को खतरा है। वह आतंकियों के कारोबार पर भी असर डाल रहे हैं। इसलिए आतंकी चीनी नागरिकों को चुन-चुन मार रहे हैं।

पाकिस्तान को चीन से मदद नहीं मिलने का डर

आतंकियों के निशाने पर चल रहे चीनी नागरिकों को बचाने में पाकिस्तान की सरकार नाकाम साबित हो रही है। इसलिए अब वह उन्हें कारोबार बंद करने और अपने देश लौटने के लिए कह रही है। पाकिस्तान को पता है कि अगर चीनी नागरिकों की लगातार मौत होती रही तो चीन उसकी मदद करना बंद कर देगा। फिलहाल आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज की जरूरत है, जिसे चीन की मदद के बगैर हासिल करना पाकिस्तान के लिए कतई संभव नहीं है।

अल्टीमेटम के बाद चिंता में पड़ा चीन

पाकिस्तान के इस अल्टीमेटम के बाद चीन खासी चिंता में पड़ गया है। इसकी वजह है कि चाइना पाकिस्तान इकोनामिक कॉरिडोर (सीपीईसी) में चीन ने करीब 60 अरब डालर का निवेश किया है। कई वर्षों से प्रोजेक्ट चल रहा है और इस पर दो तिहाई पैसा अब तक खर्च हो चुका है। इसके अलावा भी चीन के कई प्रोजेक्ट पाकिस्तान में चल रहे हैं। ऐसे में अगर चीनी नागरिकों को पाकिस्तान से वापस लौटना पड़ा तो उनके कई अहम प्रोजेक्ट भी खटाई में पड़ सकते हैं।

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