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Opinion Poll On Karnataka Elections: कर्नाटक में कौन सी पार्टी कितनी सीटें जीतेगी? जानिए चौंकाने वाले जवाब

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Image Source : FILE PHOTO
कर्नाटक चुनाव का ओपिनियन पोल

Opinion Poll On Karnataka Elections: कर्नाटक विधानसभा की 224 सीटों के लिए 10 मई को वोट डाले जाएंगे और वोटों की गिनती 13 मई को होगी। इस बार के चुनाव में कौन सी पार्टी कितनी सीट जीतेगी? इंडिया टीवी के CNX opinion poll में लोगों ने चौंकाने वाले जवाब दिए हैं।

कर्नाटक चुनाव का मुद्दा क्या है? इसे लेकर लोगों ने क्या कहा, जानिए-

बेरोजगारी 17 %

महंगाई 25 %

भ्रष्टाचार 22 %

विकास 15 %

सांप्रदायिक सद्भाव 6 %

अन्य 15%

मुख्यमंत्री बोम्मई के कामकाज के बारे में लोगों ने दिए हैं ये जवाब-

खराब (0-4) 46 %

संतोषजनक (5-7) 26 %

बढ़िया (8-10) 28 %

वोट के फ़ैसले का आधार क्या है? लोगों ने कही ये बात

बोम्मई सरकार का कामकाज 37 %

मोदी सरकार का कामकाज 20 %

विधायक का कामकाज 36 %

अन्य 7 %

शहरी वोटर किसके साथ?

बीजेपी – 37 %

कांग्रेस – 38 %

जेडीएस – 18 %

अन्य  – 7 %

ग्रामीण वोटर किसके साथ?

बीजेपी – 34 %

कांग्रेस – 43 %

जेडीएस – 18 %

अन्य  – 5 %

हैदराबाद कर्नाटक  की 40 सीटों के लिए लोगों ने कहा

बीजेपी को जीत – 6 सीटों पर

कांग्रेस को जीत – 32 सीटों पर

जेडीएस – 2

अन्य  – 0

हैदराबाद कर्नाटक – 40 सीटों पर किसको कितना नुकसान हो रहा है

फायदा नुकसान (+-)

बीजेपी – 6 – 9

कांग्रेस – 32 + 11

जेडीएस – 2 – 2

अन्य  – 0 +- 0

कर्नाटक में करीब 13% मुस्लिम वोटर्स हैं.. इस बार के चुनावों में मुसलमानों को 4% आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ है. कर्नाटक में मुसलमानों को OBC कोटा के तहत 4% आरक्षण मिलता था, जिसे बीजेपी ने ख़त्म करने का ऐलान किया है. 

मुस्लिम वोटर किसके साथ?

 वोट शेयर

बीजेपी – 2 %

कांग्रेस – 78 %

जेडीएस – 13 %

अन्य  – 7 %

कर्नाटक के करीब 17% लिंगायत वोटर्स का विधानसभा की 100 सीटों पर असर है। लिंगायत परंपरागत रूप से बीजेपी के वोटर रहे हैं, लेकिन येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से हटाने से लिंगायत नाराज़ बताए जाते हैं। कांग्रेस ने जगदीश शेट्टार और लक्ष्मण सावदी जैसे लिंगायत नेताओं पर दांव लगाकर लिंगायत समुदाय को खुश करने की कोशिश की. इसका कितना असर होगा? 

लिंगायत किसके साथ हैं?

  वोट शेयर

बीजेपी – 76 %

कांग्रेस – 15 %

जेडीएस – 3 %

अन्य  – 6 %

कर्नाटक में 14% वोक्कालिगा वोटर हैं. राज्य की करीब 75 विधानसभा सीटों पर उनका जबरदस्त असर है. परंपरागत रूप से वोक्कालिगा JDS के वोटर रहे हैं. इस बार उनका क्या रुख है?

वोक्कालिगा किसके साथ?

 वोट शेयर

बीजेपी – 17 %

कांग्रेस – 18 %

जेडीएस – 56 %

अन्य  – 9 %

मध्य कर्नाटक – 21 सीट 

बीजेपी – 13

कांग्रेस – 8

जेडीएस – 0

अन्य  – 0

मध्य कर्नाटक के 3 जिलों- चित्रदुर्गा, दावणगेरे और शिमोगा में विधानसभा की 21 सीटें हैं… 2018 के चुनाव में यह बीजेपी का गढ़ था… यहां से बीजेपी ने 21 में से 17 सीटें जीती थी… ओपिनियन पोल में इस बार क्या होगा?

मध्य कर्नाटक – 21 सीट में फायदा नुकसान (+-)

बीजेपी – 13 – 4

कांग्रेस – 8 + 4

जेडीएस – 0 – 2

अन्य  – 0 +- 0

युवा वोटर किसके साथ?

     18-35 साल

बीजेपी – 39 %

कांग्रेस – 39 %

जेडीएस – 18 %

अन्य  – 4 %

अनुभवी वोटर किसके साथ?

     35-50 साल

बीजेपी – 33 %

कांग्रेस – 44 %

जेडीएस – 17 %

अन्य  – 6 %

परिपक्व वोटर किसके साथ?

     50 साल से बड़े 

बीजेपी – 34 %

कांग्रेस – 38 %

जेडीएस – 19 %

अन्य  – 9 %

तटीय कर्नाटक – 19 सीट 

बीजेपी – 15

कांग्रेस – 4

जेडीएस – 0

अन्य  – 0

तटीय कर्नाटक के 3 जिलों- उडूपी, उत्तर कन्नड़ और दक्षिण कन्नड़ में विधानसभा की 19 सीटें हैं. यह इलाका भी बीजेपी का गढ़ रहा है… पिछले चुनाव में बीजेपी ने यहां की 19 सीटों में से 16 सीटें जीती थी… 

तटीय कर्नाटक – 19 सीट पर फायदा नुकसान (+-)

बीजेपी – 15 – 1

कांग्रेस – 4 + 1

जेडीएस – 0 +- 0

अन्य  – 0 +- 0

कुरुबा कर्नाटक की एक पिछड़ी जाति है. कांग्रेस के नेता सिद्धरामैया इसी जाति से ताल्लुक रखते हैं… कर्नाटक में कुरुबा आबादी करीब 8% है… 

कुरुबा किसके साथ?

     वोट शेयर

बीजेपी – 15 %

कांग्रेस – 75 %

जेडीएस – 8 %

अन्य  – 2 %

कर्नाटक में करीब 17% दलित वोटर हैं जो पूरे राज्य में फैले हुए हैं. विधानसभा की 36 सीटें दलित समुदाय के लिए आरक्षित हैं. कांग्रेस में लंबे अरसे के बाद दलित समुदाय का एक नेता पार्टी अध्यक्ष बना है, वो भी कर्नाटक से. मल्लिकार्जुन खरगे के नाम पर क्या कर्नाटक के दलित कांग्रेस की ओर शिफ्ट होंगे या वो मोदी पर ही यकीन करेंगे?

दलित वोटर किसके साथ?

     वोट शेयर

बीजेपी – 40 %

कांग्रेस – 41 %

जेडीएस – 13 %

अन्य  – 6 %

कर्नाटक में करीब 7% आदिवासी वोटर हैं.. उनके लिए 15 सीटें आरक्षित हैं.. 

आदिवासी किसके साथ?

     वोट शेयर

बीजेपी – 32 %

कांग्रेस – 42 %

जेडीएस – 15 %

अन्य  – 11 %

कर्नाटक में पिछड़ा वर्ग करीब 67% है.. इसमें से लिंगायत, वोक्कालिगा और कुरुबा जैसी जातियों को निकाल दें तो भी 28% अन्य पिछड़ी जातियां बचती हैं… 

अन्य पिछड़ा किसके साथ?

     वोट शेयर

बीजेपी – 52 %

कांग्रेस – 35 %

जेडीएस – 10 %

अन्य  – 3 %

बॉम्बे कर्नाटक – 50 सीट 

बीजेपी – 29

कांग्रेस – 20

जेडीएस – 0

अन्य  – 1

बॉम्बे कर्नाटक- महाराष्ट्र से लगता इलाका.. जहां मराठा सेंटिमेंट भी चलता है और महाराष्ट्र के साथ सीमा विवाद का सेंटिमेंट भी काम करता है…. यहां विधानसभा की 50 सीटें हैं… ट्रेडिशनली ये बीजेपी का मज़बूत गढ़ है… इस बार क्या होगा?

 

बॉम्बे कर्नाटक – 50 सीटों पर फायदा नुकसान (+-)

बीजेपी – 29 – 1

कांग्रेस – 20 + 3

जेडीएस – 0 – 2

अन्य  – 1 +- 0

अगर कर्नाटक में त्रिशंकु विधानसभा हो गई तो… 

जेडीएस किसके साथ जाएगी? 

कांग्रेस 46 %

बीजेपी 39 %

अलग रहेगी 15 %

किस पार्टी की सरकार ने अच्छा काम किया? 

कांग्रेस 41 %

बीजेपी 34 %

दोनों अच्छे 4 %

दोनों खराब 16 %

कह नहीं सकते 5 %

 





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प्रधानमंत्री मोदी ‘प्रबंधन गुरु’ हैं, हमारे ‘हेडमास्टर’ हैं: गिरिराज सिंह

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आणंद:

 केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘प्रबंधन गुरु’ और देश में मीठी क्रांति लाने वाले ‘हेडमास्टर’ की संज्ञा दी. केंद्र की मोदी सरकार में ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग संभालने वाले सिंह गुजरात में यहां ग्रामीण प्रबंधन संस्थान आणंद (आईआरएमए) के 42वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे. मंत्री ने कहा कि हरित क्रांति को कृषि वैज्ञानिक एम. एस. स्वामीनाथन से जोड़ने के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी इसका श्रेय दिया जाना चाहिए.

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उन्होंने कहा, ‘‘स्वामीनाथन एक वैज्ञानिक थे, हरित क्रांति की शुरुआत करने में अहम भूमिका उनकी थी. लेकिन लाल बहादुर शास्त्री ही थे, जिनके पास ऐसी क्रांति लाने की इच्छाशक्ति थी… जब भी हम शास्त्री को याद करेंगे, हमें स्वामीनाथन की याद अपने आप आएगी… आज उस पहल के लिए धन्यवाद, हम खाद्यान्न निर्यात करते हैं.”

उन्होंने शहद उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने संबंधी मोदी सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि वर्गीज कुरियन के नेतृत्व में दुग्ध उत्पादन में श्वेत क्रांति हुई और अब तीसरी क्रांति हुई है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता ने कहा, ‘‘(कोरोना वायरस) महामारी के बाद, मोदी को एक प्रबंधन गुरु के रूप में जाना जाता है और पूरी दुनिया उनके सामने सम्मान से सिर झुकाती है.” सिंह ने स्नातक छात्रों से ग्रामीण भारत के लिए काम करने और गांवों में रहने वाले लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए समाधान खोजने का आग्रह किया.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)



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जयशंकर ने दक्षिण अफ्रीका और सऊदी अरब के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता की

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केपटाउन:

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को दक्षिण अफ्रीका और सऊदी अरब के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं और वैश्विक हालात पर विचार-विमर्श करने के साथ-साथ संबंधों में प्रगति की समीक्षा की. पांच देशों- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के समूह ब्रिक्स के एक सम्मेलन में भाग लेने यहां आए जयशंकर ने समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर दोनों नेताओं से बातचीत की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘दक्षिण अफ्रीका की विदेश मंत्री नालेदी पांडोर के साथ अच्छी मुलाकात हुई. केपटाउन में हमारे स्वागत के लिए उनका आभार. हमारी रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा की और हमारे राजनयिक संबंधों की 30वीं वर्षगांठ यथोचित तरीके से मनाने पर सहमति बनी.”

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दोनों नेताओं ने ब्रिक्स, इब्सा (भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका), जी20 और संयुक्त राष्ट्र संबंधी विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. इन सभी मंचों पर दोनों पक्षों की घनिष्ठ सहयोग की परंपरा है. सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान के साथ मुलाकात में जयशंकर ने वैश्विक परिस्थिति पर बातचीत की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान से मिलकर अच्छा लगा. वैश्विक परिस्थिति पर सकारात्मक बातचीत हुई. रणनीतिक साझेदारी परिषद के माध्यम से द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने की आशा है.”

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)



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जॉर्डन के क्राउन प्रिंस हुसैन बिन अब्दुल्ला ने सऊदी आर्किटेक्ट से की शादी, देखें खूबसूरत तस्वीरें

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क्राउन प्रिंस अल हुसैन बिन अब्दुल्ला द्वितीय और रजवा खालिद बिन मुसैद की शादी मिड-सेंचुरी ज़हरान पैलेस में हुई.

अम्मान:

जॉर्डन के 28 साल के क्राउन प्रिंस अल हुसैन बिन अब्दुल्ला द्वितीय की 28 साल की सऊदी आर्किटेक्ट रजवा खालिद बिन मुसैद बिन सैफ बिन अब्दुल्लाजीज अल सैफ से गुरुवार को शादी हो गई. यह शादी दुनियाभर में चर्चा का विषय बनी हुई है. दोनों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.

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शादी समारोह जॉर्डन की राजधानी अम्मान में मिड-सेंचुरी ज़हरान पैलेस में हुआ. इस समारोह में किंग अब्दुल्ला द्वितीय से लेकर क्वीन रानिया और शाही परिवार के सदस्य शामिल हुए. जॉर्डन के गायक हुसैन सलमान ने शादी में स्पेशल परफॉर्मेंस दी. शादी में शाही परिवार समेत कुल 140 मेहमानों ने शिरकत की. अमेरिका की फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन, वेल्स के प्रिंस और प्रिंसेस भी शादी में शामिल हुए.

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इस शादी के लिए पूरे जॉर्डन में गुरुवार को पब्लिक हॉलिडे का ऐलान किया गया है, ताकि लोगों की भीड़ नए कपल के काफिले पर फूल बरसाने के लिए इकट्ठा हो सके. शाही परिवार शादी की पार्टी और डिनर के बाद आगे के समारोहों के लिए अल हुसैनिया पैलेस जाएंगे. क्राउन प्रिंस हुसैन बिन अब्दुल्ला की सगाई रजवा खालिद बिन सैफ के साथ पिछले साल जुलाई में हुई थी.

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देश भर में इस शादी को लाइवस्ट्रीम किया गया है. विशाल स्क्रीन पर शादी की रस्में देखी जा सकती हैं. इस मौके पर लोगों को र सफेद और लाल चेक वाले स्कार्फ पहने देखा जा सकता है. यह स्कार्फ जॉर्डन के शासक परिवार का राजचिन्ह है.

61 साल के किंग अब्दुल्ला द्वितीय 1999 से राजगद्दी पर हैं. उन्होंने अपने सबसे बड़े बेटे हुसैन बिन अब्दुल्ला को उत्तराधिकारी बनाने के लिए लंबे समय से तैयार किया. किंग ने क्राउन प्रिंस को महत्वपूर्ण यात्राओं और बैठकों में अपने साथ रखा. प्रिंस हुसैन 2009 में सिंहासन के उत्तराधिकारी बने. जब उनके पिता ने 2004 में अपने सौतेले भाई हमजा से उपाधि हटा दी.



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