कोलंबो के मैदान पर 2025 महिला क्रिकेट विश्व कप का रोमांच एक बार फिर अपने चरम पर था, जब इंग्लैंड महिला टीम ने श्रीलंका को 89 रनों से हराकर अपना अजेय अभियान जारी रखा। इस जीत की शिल्पकार कोई और नहीं, बल्कि इंग्लैंड की ऑलराउंडर सनसनी नेट साइवर-ब्रंट रहीं, जिन्होंने अपने बल्ले और गेंद दोनों से ऐसा कमाल दिखाया कि विरोधी टीम बस देखती रह गई। यह सिर्फ एक जीत नहीं थी, बल्कि विश्व कप में इंग्लैंड के मजबूत इरादों की एक और दमदार घोषणा थी, जो यह साबित करती है कि वे इस टूर्नामेंट में एक दुर्जेय शक्ति के रूप में उभरे हैं।
इंग्लैंड की पारी: साइवर-ब्रंट का रिकॉर्डतोड़ शतक
टॉस जीतकर श्रीलंका ने पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया, शायद कोलंबो के आसमान में मंडराते बादलों को देखते हुए या पिच से मिलने वाली शुरुआती मदद की उम्मीद में। इंग्लैंड की शुरुआत कुछ खास नहीं रही, जब एमी जोन्स अनावश्यक रन आउट होकर जल्दी पवेलियन लौट गईं। लेकिन, सलामी बल्लेबाज टैमी ब्यूमोंट ने अपने इरादे साफ कर दिए। उन्होंने सिर्फ 29 गेंदों में 32 रनों की तेजतर्रार पारी खेलकर स्कोरबोर्ड को गति दी, जिसमें कई शानदार बाउंड्री शामिल थीं। हालांकि, उनकी विदाई के बाद इंग्लैंड की पारी थोड़ी लड़खड़ाती नज़र आई, जब कप्तान हीथर नाइट को भी अपनी लय खोजने में समय लगा।
फिर मैदान में उतरीं नेट साइवर-ब्रंट। कप्तान हीथर नाइट के साथ मिलकर उन्होंने पारी को संभाला। नाइट को शुरुआती जीवनदान मिला, जिसका उन्होंने पूरा फायदा उठाया, कुछ शानदार बाउंड्री लगाकर अपनी लय हासिल की। हालांकि, इनोका रणवीरा ने नाइट को आउट कर श्रीलंका को एक और सफलता दिलाई। लेकिन, इसके बाद जो हुआ, वह पूरी तरह से “साइवर-ब्रंट शो” था। उन्होंने टूर्नामेंट का अपना पहला अर्धशतक बनाया और फिर रुकने का नाम नहीं लिया। एक छोर से विकेट गिरते रहे – सोफिया डंकले, एम्मा लैम्ब और एलिस कैप्सी जल्दी-जल्दी आउट हुईं, जिससे इंग्लैंड 168/6 पर आ गया। ऐसे में चार्ली डीन ने साइवर-ब्रंट का अच्छा साथ निभाया और टीम को 200 रनों के पार पहुंचाया।
साइवर-ब्रंट ने अंत में गियर बदला और श्रीलंकाई गेंदबाजों की खूब खबर ली। उन्होंने शानदार छक्के के साथ अपना पांचवां विश्व कप शतक पूरा किया – यह किसी भी महिला बल्लेबाज द्वारा महिला क्रिकेट विश्व कप में सबसे अधिक शतक का एक नया रिकॉर्ड है! उनकी 117 रनों की तूफानी पारी, जिसमें धैर्य और आक्रामकता का अद्भुत मिश्रण था, की बदौलत इंग्लैंड 50 ओवरों में 253/9 का एक चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा करने में कामयाब रहा। यह स्कोर श्रीलंका के लिए एक पहाड़ जैसा था, जिसे पार करना आसान नहीं था।
श्रीलंका का पीछा: शुरुआती उम्मीदें और एक्लेस्टोन का कहर
254 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए श्रीलंका ने पहले तीन ओवरों में सिर्फ पांच रन बनाए, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी थी। उनकी प्रेरणादायक कप्तान चमारी अथापथु को ऐंठन के कारण मैदान से बाहर जाना पड़ा, जो टीम के लिए एक बड़ा झटका लग रहा था, लेकिन इससे हसिनी परेरा (35 रन) और हर्षिता समरविक्रमा जैसे बल्लेबाजों के हौसले पस्त नहीं हुए। विशमी गुणरत्ने ने भी अच्छी लय दिखाई, लेकिन चार्ली डीन ने उन्हें बोल्ड कर दिया। 20 ओवरों के अंत तक श्रीलंका 95/1 के स्कोर के साथ लक्ष्य की ओर बढ़ रहा था, और ऐसा लग रहा था कि वे इंग्लैंड को कड़ी टक्कर देंगे। पिछले मैच में बांग्लादेश ने इंग्लैंड को जिस तरह की चुनौती दी थी, उसे देखते हुए इंग्लैंड को जल्द ही विकेटों की तलाश थी।
और फिर मैदान में आईं सोफी एक्लेस्टोन – इंग्लैंड की स्पिन सनसनी! उन्होंने अपनी पहली ही ओवर में विकेट-मेडेन डालकर खेल का रुख पूरी तरह से बदल दिया। जल्द ही उन्होंने सेट हो चुकी दोनों बल्लेबाजों को पवेलियन भेज दिया, जिससे श्रीलंकाई खेमे में चिंता की लहर दौड़ गई। अथापथु वापस मैदान पर आईं, लेकिन एक्लेस्टोन का कहर जारी रहा। उन्होंने विपक्षी कप्तान का अहम विकेट भी झटका, और उस समय उनके आंकड़े अविश्वसनीय रूप से 6 ओवर में 3 मेडेन, मात्र 5 रन देकर 4 विकेट थे। जी हाँ, आपने सही पढ़ा – मात्र 5 रन देकर 4 विकेट! इस प्रदर्शन के बाद श्रीलंकाई टीम के लिए वापसी करना असंभव हो गया था। यह ऐसा था जैसे श्रीलंका ने अपनी चाय तैयार की थी, लेकिन एक्लेस्टोन ने उसमें मिर्च डाल दी – और वो भी लाल वाली!
पतन और इंग्लैंड की अजेय यात्रा
एक्लेस्टोन के इस तूफान के बाद श्रीलंका की पारी पूरी तरह से बिखर गई। रही-सही कसर नेट साइवर-ब्रंट ने पूरी कर दी, जिन्होंने दो और विकेट लेकर श्रीलंकाई दर्द को और बढ़ा दिया। उनके ऑलराउंड प्रदर्शन ने मैच को इंग्लैंड के पक्ष में पूरी तरह से झुका दिया था। अंततः, श्रीलंका की पूरी टीम 45.4 ओवरों में 164 रनों पर ऑल आउट हो गई, और इंग्लैंड ने 89 रनों की बड़ी जीत दर्ज की, जो उनकी अजेय अभियान को और मजबूत करती है। यह जीत इंग्लैंड को महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 में एक मजबूत दावेदार के रूप में स्थापित करती है।
यह जीत इंग्लैंड के अजेय रथ को मजबूती से आगे बढ़ाती है और उन्हें महिला विश्व कप 2025 में खिताब के प्रबल दावेदार के रूप में स्थापित करती है। नेट साइवर-ब्रंट का यह ऐतिहासिक प्रदर्शन क्रिकेट प्रशंसकों के दिलों में लंबे समय तक याद रहेगा। वहीं, श्रीलंका को अपनी शुरुआती उम्मीदों को जीत में बदलने के लिए अभी और मेहनत करनी होगी। इंग्लैंड ने साबित कर दिया कि जब उनके सितारे चमकते हैं, तो उन्हें रोकना लगभग असंभव हो जाता है। इस मैच ने एक बार फिर दिखाया कि क्रिकेट एक टीम गेम है, लेकिन व्यक्तिगत चमक अक्सर जीत और हार के बीच का अंतर तय करती है।
