दुनियाभर के वैज्ञानिक सूर्य के बारे में खोज और अध्ययन में लगातार जुटे रहे हैं। इस बीच, भारत ने 2 सितंबर को अपने पहले सन मिशन के तरह आदित्य L-1 को सूर्य की तरफ भेजा है। भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने आदित्य L-1 को सूरज-पृथ्वी के सिस्टम में लैगरेंज पॉइंट-1 (L-1) तक भेजा है, जो धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर है। यहां से वह पांच सालों तक सूर्य का अध्ययन करेगा। इस बीच, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने सूर्य की एक हैरान करने वाली तस्वीर शेयर की है।
“सनी, धूप के गुलदस्ते के लिए धन्यवाद”
नासा ने सूर्य की तस्वीर इंस्टाग्राम पर शेयर करते हुए लिखा, “सनी, धूप के गुलदस्ते के लिए धन्यवाद सनी। हमारे सौर मंडल सबसे बड़ा सूर्य है, जो अपने विशाल आकार और चुंबकीय उपस्थिति से ग्रहों से लेकर धूल तक हर चीज को प्रभावित करता है।” नासा ने धधकते सूर्य की तस्वीर के साथ आगे लिखा, सूर्य का वायुमंड या कोरोना एक गतिशील स्थान है, जहां सौर ज्वालाएं और कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) जैसे बड़े विस्फोट होते हैं। निकट-पृथ्वी सौर डायनेमिक्स वेधशाला ने सितंबर 2012 में इस सीएमई को कैप्चर किया था, जिसने 900 से अधिक मील प्रति सेकंड (1,448 किलोमीटर प्रति सेकंड) की यात्रा कर अंतरिक्ष में पहुंचा और सूर्य की नारंगी और पीले रंग की तस्वीर खींची। तस्वीर में सूर्य की सतह पीली दरारों से चिन्हित है, जो अंतरिक्ष के कालेपन को हटा रही है।”
कोरोनल मास इजेक्शन क्या है?
नासा के मुताबिक, कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई), सौर विस्फोट के बाद अंतरिक्ष में छोड़े गए सौर प्लाज्मा और एम्बेडेड चुंबकीय क्षेत्रों के बड़े बादल हैं। सीएमई का विस्तार तब होता है जब वे अंतरिक्ष में घूमते हैं। यह अक्सर लाखों मील की दूरी तय करते हैं और ग्रहों के चुंबकीय क्षेत्रों से टकरा सकते हैं। जब पृथ्वी की ओर से बढ़ता है, तो भू-चुंबकीय गड़बड़ी पैदा कर सकता है, जो पृथ्वी पर उज्ज्वल अरोरा, शॉर्ट-सर्किट उपग्रहों और पावर ग्रिड को प्रज्वलित करता है या सबसे खराब स्थिति में यह हमारी कक्षा में अंतरिक्ष यात्रियों की जान को भी खतरे में डालता है।
साफ तौर पर कहा जाए तो सौर ज्वालाएं प्रकाश की तेज चमक हैं, जो अचानक सूर्य की सतह पर दिखाई देती हैं। वे आम तौर पर कुछ मिनटों तक रहती हैं। सौर ज्वाला का स्रोत क्या है, यह बताते हुए नासा का कहना है, “सूर्य के गतिशील ऊपरी वायुमंडल को कोरोना कहा जाता है। यह प्लाज्मा से भरा हुआ है, जिसकी गति सूर्य के आस-पास के चुंबकीय क्षेत्रों से नियंत्रित होती है। कोरोना में तापमान लाखों डिग्री तक पहुंच सकता है। कोरोना सौर हवा के साथ-साथ सौर फ्लेयर्स और कोरोनल मास इजेक्शन का स्रोत है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका में हो रहे विश्व संस्कृति महोत्सव में वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए दुनिया को मिलकर लड़ने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और आर्थिक प्रगति जैसी बड़ी वैश्विक चुनौतियों से अलग रहकर प्रभावी रूप से नहीं निपटा जा सकता। इसलिए विश्व को एक साथ लाना और ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है। इस महोत्सव का चौथा संस्करण अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन के ऐतिहासिक नेशनल मॉल में आयोजित किया जा रहा है। अगले तीन दिन में 100 से अधिक देशों के 10 लाख से अधिक लोगों के इस विशाल सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने और 180 से ज्यादा देशों के 17,000 से अधिक कलाकारों की प्रस्तुति देखने की संभावना है।
जयशंकर ने ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ को बधाई देते हुए कहा कि वह आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर के मार्गदर्शन में ‘‘हम सभी को एक साथ लेकर आयी है।’’ उन्होंने कहा कि जब ‘‘मैं अपने आसपास देखता हूं’’ तो यह वैश्विक विचार और अंतरराष्ट्रीय समझ स्पष्ट होती है। उन्होंने कहा कि मानवता सही मायने में एक विविध समूह है और इसे संस्कृति, परंपरा, विरासत और पहचान के जरिए व्यक्त किया जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन, आर्थिक प्रगति या सामाजिक कल्याण जैसी बड़ी चुनौतियों से अलग रहकर प्रभावी तरीके से नहीं निपटा जा सकता।’’ जयशंकर ने कहा, ‘‘दुनिया को एक साथ लाना और अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। इस रुख के साथ भारत ने जी20 की अध्यक्षता की जिम्मेदारी संभाली और हमारी थीम : एक पृथ्वी, एक कुटुम्ब और एक भविष्य आज सांस्कृतिक रूप से हमारे सामने बहुत अच्छी तरह से प्रस्तुत है।’’ उन्होंने कहा कि दुनिया अधिक लोकतांत्रिक बन गयी है और उनके बीच परस्पर सम्मान आनुपातिक रूप से बढ़ गए हैं।
प्रौद्योगिकी ने सबको एक दूसरे के करीब आने का मौका दिया
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘वैश्वीकरण और प्रौद्योगिकी ने हमें बेहतर तरीके से एक-दूसरे को जानने में मदद की है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया का कोई हिस्सा, कोई व्यक्ति, कोई विचार प्रक्रिया, कोई संस्कृति आज दूर नहीं मानी जाती लेकिन चूंकि हमारा सामूहिक जीवन अधिक गहन हो गया है तो यह भी अधिक सामंजस्यपूर्ण और अधिक सहयोगात्मक होना चाहिए।’’ श्री श्री रविशंकर ने सभा को संबोधित करते हुए चुनौतियों का व्यावहारिक ढंग से सामना करने और बेहतर भविष्य का सपना देखने का आह्वान किया। उन्होंने आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित विश्व संस्कृति महोत्सव में दिए अपने संबोधन में कहा, ‘‘आइए एक बार फिर मानवता की अच्छाई में अपने विश्वास की पुष्टि करें।
समाज में सद्भावना और अच्छा करने की चाहत बहुत है।’’ संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बान की मून ने कहा कि संस्कृति पुल बनाती है। उन्होंने कहा, ‘‘संस्कृति दीवारें तोड़ती है, संस्कृति संवाद और परस्पर समझ से दुनिया को एक साथ लाती है। संस्कृति लोगों तथा देशों के बीच एकता तथा सौहार्दता बढ़ाती है। संस्कृति सभी वैश्विक नागरिकों के बीच प्रभावशाली आदान-प्रदान पैदा कर सकती है।’ (भाषा)
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शनिवार को कहा कि एक साल पहले रूस में मिलाए गए यूक्रेन के चार क्षेत्रों ने ‘‘स्वेच्छा से रूस को अपनी पितृभूमि’ स्वीकार किया है। यूक्रेन के चार क्षेत्रों का रूस में विलय करने की पहली सालगिरह पर देर रात जारी बयान में पुतिन ने जोर देकर कहा कि उनके देश ने इलाकों को शामिल करने के लिए ‘‘ अंतरराष्ट्रीय नियमों का पूरी तरह से पालन किया है।’’ उन्होंने दावा कि दोनेत्स्क, लुहांस्क, जेपोरीजिया और खेरसॉन के लोगों ने एक बार फिर इस महीने के शुरू में हुए स्थानीय चुनाव में रूस का हिस्सा होने की इच्छा जताई है।
रूस के केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने बताया कि उक्त चार क्षेत्रों के चुनाव में देश में सत्तारूढ़ पार्टी ने अधिकतर सीट पर जीत दर्ज की है। हालांकि, पश्चिमी देशों ने पिछले साल हुए कथित जनमत संग्रह और इस साल हुए मतदान को अस्वीकार करते हुए उसे शर्मनाक करार दिया है। यूक्रेन के चार क्षेत्रों को रूस में शामिल होने की सालगिरह पर शुक्रवार को मॉस्को के मशहूर रेड स्क्वायर पर ‘कंसर्ट’ का आयोजन किया गया लेकिन पुतिन ने इसमें हिस्सा नहीं लिया।
यूक्रेन ने किया ये दावा
इस बीच, यूक्रेन की वायुसेना ने शनिवार को दावा किया कि उसने ओडेसा, मीकोलायिव और वीन्नित्स्या प्रांत को निशाना बनाने के लिए रूस द्वारा भेजे गए ईरान निर्मित 40 कामिकाजे ड्रोन में से 30 को मार गिराया। वीन्नित्स्या के क्षेत्रीय गवर्नर शेरही बोरजोव ने कहा कि वायु रक्षा प्रणाली ने उनके मध्य यूक्रेनी क्षेत्र में 20 ड्रोन को मार गिराया लेकिन कलीनिव्का शहर में एक अवंसरचना से ड्रोन के टकराने से ‘भीषण’ आग लग गई है। रोमानिया के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि पूरी रात हुई बमबारी के दौरान संभवत: उसके हवाई क्षेत्र का अतिक्रमण किया गया है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि उसने दक्षिणी बेलगोरोड क्षेत्र को निशाना बनाकर यूक्रेन की ओर से दागे नौ रॉकेट को नाकाम कर दिया है। यूक्रेन से लगते रूस के ब्रयान्स्क क्षेत्र के स्थानीय अधिकारी ने बताया कि पोगर शहर में अज्ञात हमले से बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। (एपी)
Image Source : AP
दक्षिण अफ्रीका में टीबी के प्रकोप में पुरुषों की हो रही सर्वाधिक मौतें।
दुनिया ते तमाम देशों में क्षय रोग यानि टीबी फैला हुआ है। महिलाओं की तुलना में पुरुषों को टीबी होने और उनके इससे मरने की आशंका अधिक होती है। दक्षिण अफ्रीका में तो टीबी से मरने वाले पुरुषों की संख्या महिलाओं की तुलना में 70 फीसदी अधिक है। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि पुरुष कितनी अधिक संख्या में इस बीमारी के शिकार हैं। दक्षिण अफ्रीका में अधिकांश पुरुषों को टीबी की बीमारी है। ऐसे में घर महिलाओं को ही चलाना पड़ता है। वह घर संभालने के साथ ही साथ बीमार पुरुषों की देखभाल भी करती हैं।
वैज्ञानिकों ने हाल ही में उन विभिन्न कारकों को स्थापित करने के लिए शोध किया जो दक्षिण अफ्रीका में पुरुषों के बीच टीबी की उच्च दर की व्याख्या करते हैं। टीबी के वैश्विक बोझ में 60 प्रतिशत का योगदान देने वाले शीर्ष छह देशों में दक्षिण अफ्रीका को स्थान दिया गया है। मुख्य निष्कर्ष यह था कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों में टीबी विकसित होने और इस बीमारी से मरने की संभावना 70 प्रतिशत अधिक है। अनुमान है कि 2019 में, प्रति 100,000 वयस्क पुरुषों में 801 को टीबी विकसित हुई, जबकि महिलाओं में यह दर प्रति 100,000 पर 478 थी। वर्तमान टीबी हस्तक्षेप बायोमेडिकल दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जिसमें निवारक टीबी दवा, टीबी रोगियों का निदान और उन्हें एंटी-टीबी दवाओं के साथ इलाज करने पर जोर दिया जाता है।
टीबी से पैदा होता है एचआइवी का जोखिम
शोध दर्शाता है कि स्वास्थ्य सुविधाओं तक पुरुषों की पहुंच में सुधार की जरूरत है और पुरुषों को चिकित्सा देखभाल लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए और अधिक प्रयास करने की जरूरत है। एचआइवी टीबी के लिए सबसे महत्वपूर्ण जोखिम कारक और महामारी का प्राथमिक चालक है। टीबी मॉडल को मौजूदा थेम्बिसा एचआइवी मॉडल के साथ जोड़ा गया है। सक्रिय टीबी से पीड़ित लगभग 60 प्रतिशत व्यक्ति एचआईवी के साथ भी जी रहे हैं। मॉडल से पता चला कि 1990 और 2019 के बीच, दक्षिण अफ्रीकी पुरुषों में टीबी विकसित हुई और महिलाओं की तुलना में उनकी मृत्यु दर लगातार उच्च बनी रही। हमारा अनुमान है कि 2019 में महिलाओं की तुलना में पुरुषों में टीबी के 1.6 गुना अधिक नये मामले और 1.7 गुना अधिक मौतें हुईं।
एचआइवी महिलाओं में ज्यादा
शोध के परिणाम और भी अधिक चौंकाने वाले हैं, क्योंकि एचआइवी पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक प्रचलित है। तब अपेक्षा यह होगी कि महिलाओं में टीबी की घटना अधिक होनी चाहिए। कुछ जोखिम पुरुषों में उच्च टीबी महामारी में योगदान देने वाले अन्य कारकों में अत्यधिक शराब का सेवन, धूम्रपान, मधुमेह और अल्पपोषण शामिल हैं। अनुमान है कि 2019 में प्रति 100,000 वयस्क पुरुषों में से 801 में टीबी विकसित हुई, जिनमें से 51 प्रतिशत भारी शराब के सेवन, 30 प्रतिशत धूम्रपान और 16 प्रतिशत अल्पपोषण के कारण थे। महिलाओं की संख्या बहुत कम थी। 2019 में प्रति 100,000 में से 478 वयस्क महिलाओं में टीबी विकसित हुई, जिनमें से 30 प्रतिशत भारी शराब के उपयोग, 15 प्रतिशत धूम्रपान और 11 प्रतिशत अल्पपोषण के कारण थीं। कम परीक्षण दरें ने दिखाया कि कम परीक्षण दर और पुरुषों में टीबी का इलाज शुरू करने में देरी से मृत्यु दर में 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। (द कन्वरसेशन)