मनिला में इटली का जलवा: पोलैंड को 3-0 से हराकर वॉलीबॉल विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में एंट्री!

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मनिला, फिलीपींस – वॉलीबॉल विश्व चैंपियनशिप 2025 के सेमीफाइनल में इटली की पुरुष टीम ने एक असाधारण प्रदर्शन करते हुए यूरोपीय चैंपियन पोलैंड को सीधे सेटों में 3-0 से हरा दिया। यह जीत सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि दृढ़ संकल्प, रणनीतिक कौशल और टीम वर्क का शानदार उदाहरण थी, जिसने इटली को फाइनल में पहुंचा दिया, जहाँ अब उनका मुकाबला बुल्गारिया से होगा।

इटली के खिलाड़ी वॉलीबॉल विश्व चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में

सेमीफाइनल मुकाबले में शानदार प्रदर्शन करते इटली के खिलाड़ी।

एक महाकाव्य की शुरुआत: पहला सेट का रोमांच

मैच की शुरुआत में पोलैंड, जो अपनी अदम्य भावना के लिए जाना जाता है, ने इटली पर दबाव बनाने की कोशिश की। ऐसा लग रहा था मानो पोलैंड आत्मविश्वास से भरा था कि जीत उनकी ही होगी। वे जल्दी ही 10-7 की बढ़त बनाने में सफल रहे, जिसमें उनके ब्लॉक का महत्वपूर्ण योगदान था। लेकिन इटली की टीम ने हार नहीं मानी। कोच डी जियोर्गी के खिलाड़ी मैदान पर डटे रहे, हर चुनौती का सामना करते हुए।

रोमाना ने अपनी अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए कई महत्वपूर्ण अंक बटोरे। उनके मजबूत हमलों ने पोलिश ब्लॉक को तोड़ दिया। मिकिएलेटो की सर्विस और अटैक ने मैच का रुख बदलना शुरू किया, जिससे इटली ने धीरे-धीरे वापसी की। एक रोमांचक पल तब आया जब रोमाना ने लियोन को ब्लॉक कर स्कोर 14-14 से बराबर किया। इसके बाद, बॉटोलो ने सटीक फिनिशिंग के साथ पहला सेट 25-21 से इटली के नाम किया। यह सिर्फ शुरुआत थी।

सानी का जादू और गेम का मोड़

दूसरे सेट में भी पोलैंड ने आक्रामक शुरुआत की, और एक बार फिर शुरुआती बढ़त बनाई। ऐसा लगा कि यूरोपीय चैंपियन अपनी लय में लौट आए हैं, लेकिन इटली की टीम कुछ और ही सोच रही थी। जियानेली ने अपनी बुद्धिमत्ता और सटीक सेट के साथ टीम को संभाला, और जल्द ही उनकेエース ने स्कोर को बराबर कर दिया। रोमाना और बॉटोलो ने भी अपनी सर्विस से पोलिश डिफेंस को परेशान किया।

हालाँकि, पोलैंड ने वापसी की और स्कोर 21-22 कर दिया, जिससे मैच में तनाव बढ़ गया। ठीक इसी नाजुक मोड़ पर, कोच डी जियोर्गी ने एक साहसिक निर्णय लिया: उन्होंने फ्रांसिस्को सानी को मैदान पर उतारा, जो इस टूर्नामेंट में बहुत कम खेले थे। सानी का प्रवेश किसी जादू से कम नहीं था। उनकी पहली सर्विस ने पोलैंड के रिसीवर को हिला दिया, जिससे उनका अटैक बाहर चला गया। दूसरी सर्विस और भी घातक थी, जिसने पोलिश टीम को और भी मुश्किल में डाल दिया। और फिर, तीसरी सर्विस… एक अविश्वसनीयエース! सानी ने अकेले दम पर गेम का रुख मोड़ दिया, जिससे इटली ने दूसरा सेट 25-22 से अपने नाम किया। यह एक ऐसा पल था जो इतिहास में दर्ज हो गया – एक अनजान हीरो का उदय।

इटली के खिलाड़ी जीत का जश्न मनाते हुए

इटली की टीम का जश्न, विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने के बाद।

अदम्य भावना का प्रदर्शन: तीसरा सेट

तीसरे सेट में पोलैंड ने फिर से वापसी करने की पूरी कोशिश की, लेकिन इटली की टीम अब पूरी तरह से आत्मविश्वास से भरी थी। लुका पोरो ने बॉटोलो की जगह शानदार एंट्री की और टीम की ऊर्जा को बनाए रखा। रुसो और अंजीनी के प्रभावशाली ब्लॉकों ने पोलिश अटैकर लियोन को बार-बार रोका, जो आमतौर पर एक मजबूत खिलाड़ी हैं लेकिन आज इटली के डिफेंस के सामने बेबस लग रहे थे।

मिकिएलेटो ने एक और महत्वपूर्णエース लगाया, और फिर एक बार फिर, फ्रांसिस्को सानी को सर्विस के लिए बुलाया गया। उन्होंने फिर से अपनी सर्विस से पोलिश डिफेंस को ध्वस्त कर दिया, जिससे इटली ने 22-19 की महत्वपूर्ण बढ़त बनाई। पोलैंड ने अंतिम क्षणों में कुछ अंक बटोरे, लेकिन मिकिएलेटो के निर्णायक हमले ने इटली को 25-23 से सेट और मैच जिता दिया। यह एक संपूर्ण जीत थी, जो इटली की गहराई और उनके खिलाड़ियों के बीच समन्वय को दर्शाती है।

पोलैंड के स्टार खिलाड़ी कुरेक पेट की चोट के कारण इस मैच से बाहर रहे, जिससे उनकी टीम को निश्चित रूप से झटका लगा। लेकिन इटली के प्रदर्शन की चमक इतनी थी कि कुरेक की मौजूदगी भी शायद परिणाम में बड़ा बदलाव नहीं ला पाती। यह जीत इस बात का सबूत है कि इटली केवल अपने मुख्य खिलाड़ियों पर निर्भर नहीं, बल्कि उनकी बेंच स्ट्रेंथ भी उतनी ही प्रभावशाली है।

सितारों का चमकता प्रदर्शन और कोच की मास्टरक्लास

इस जीत में हर खिलाड़ी का महत्वपूर्ण योगदान रहा:

  • रोमाना: दीवार की तरह मजबूत, लगातार और अचूक हमलों के साथ।
  • मिकिएलेटो: सर्विस और अटैक दोनों में असाधारण, उनके अपरंपरागत शॉट अक्सर विरोधियों को चौंका देते थे।
  • जियानेली: टीम के मस्तिष्क, उनके सटीक सेट और शांत स्वभाव ने टीम को एकजुट रखा।
  • बॉटोलो और पोरो: बेंच से आए इन खिलाड़ियों ने महत्वपूर्ण क्षणों में टीम को सहारा दिया।
  • फ्रांसिस्को सानी: इस मैच के अप्रत्याशित हीरो, जिनकी सर्विस ने निर्णायक मोड़ पर मैच का रुख पलट दिया।

और इन सबके पीछे थे कोच फर्डिनेंडो डी जियोर्गी। यह उनके करियर का पाँचवाँ विश्व चैंपियनशिप फाइनल होगा – इस खेल के इतिहास में किसी भी अन्य कोच से अधिक। उनकी रणनीति, खिलाड़ियों पर विश्वास और मैच के दौरान सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता ने इटली को इस मुकाम तक पहुंचाया है।

फाइनल की चुनौती: बुल्गारिया से मुकाबला

अब इटली का सामना फाइनल में बुल्गारिया से होगा, जिसकी कोचिंग इटली के पूर्व कोच ब्लेन्जिनी कर रहे हैं। यह मैच एक भावनात्मक और रणनीतिक भिड़ंत होने वाला है। इटली की टीम ने 2022 में भी विश्व चैंपियनशिप जीती थी, और अब उनके पास लगातार दूसरा खिताब जीतने का मौका है। पोलैंड जैसी मजबूत टीम को सीधे सेटों में हराने के बाद, इटली का आत्मविश्वास आसमान छू रहा होगा।

यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि इटली की पुरुष वॉलीबॉल टीम इस समय दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक है। उनकी युवा ऊर्जा, सामंजस्य और दबाव में भी शांत रहने की क्षमता उन्हें एक दुर्जेय प्रतिद्वंद्वी बनाती है। फाइनल निश्चित रूप से एक रोमांचक मुकाबला होगा, और वॉलीबॉल प्रेमियों को एक यादगार मैच की उम्मीद है। पोलैंड के खिलाड़ी शायद अब भी सोच रहे होंगे कि उनके साथ क्या हुआ, लेकिन इटली ने उन्हें यह स्पष्ट कर दिया है कि नए चैंपियन का राज आ गया है।