एक अद्भुत शतक जिसने तय कर दी सीरीज की तकदीर
न्यूजीलैंड के खिलाफ चैपल-हैडली T20 सीरीज का अंतिम मैच सिर्फ एक क्रिकेट मुकाबला नहीं, बल्कि एक असाधारण खिलाड़ी के जीवट और दृढ़ संकल्प की कहानी बन गया। बारिश से बाधित इस मुकाबले में, जहां विकेट गिरने का सिलसिला बदस्तूर जारी रहा, वहीं ऑस्ट्रेलियाई कप्तान मिशेल मार्श ने अकेले दम पर एक ऐसा तूफान खड़ा किया, जिसने न सिर्फ कीवी टीम को बेबस कर दिया, बल्कि ऑस्ट्रेलिया को 2-0 से सीरीज भी दिला दी। उनकी 103* रनों की नाबाद पारी बाकी टीम के कुल 49 रनों पर भारी पड़ गई, और यह कहना गलत नहीं होगा कि यह सचमुच एक `वन-मैन शो` था।
कीवी टीम का संघर्षपूर्ण लक्ष्य
बारिश के कारण देर से शुरू हुए इस मैच में, न्यूजीलैंड को पहले बल्लेबाजी का न्योता मिला। परिस्थितियां तेज गेंदबाजों के अनुकूल थीं, और इसका असर जल्द ही दिखा जब डेवोन कॉन्वे बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए। टिम रॉबिन्सन और टिम सीफर्ट ने कुछ बड़े शॉट खेलकर पारी को गति देने की कोशिश की। सीफर्ट ने विशेष रूप से शानदार बल्लेबाजी की और 48 रन बनाए, जबकि माइकल ब्रेसवेल ने 26 रन की उपयोगी पारी खेली। हालांकि, ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों, खासकर सीन एबॉट (3 विकेट पर 25 रन) ने लगातार अंतराल पर विकेट चटकाए, जिससे न्यूजीलैंड 20 ओवर में 9 विकेट खोकर 156 रन ही बना सकी। यह स्कोर चुनौतीपूर्ण लग रहा था, खासकर उन परिस्थितियों में जहां ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज भी संघर्ष कर रहे थे।
मार्श का प्रहार: जब एक बल्लेबाज ने संभाली पूरी टीम की जिम्मेदारी
157 रनों का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम की शुरुआत कुछ खास नहीं रही। सलामी बल्लेबाज जल्दी आउट हो गए और ऐसा लग रहा था कि न्यूजीलैंड अपनी पकड़ मजबूत कर रही है। लेकिन एक छोर पर मिशेल मार्श खड़े थे, जिनका इरादा कुछ और ही था। उन्होंने पहले ओवर से ही आक्रामक रुख अपनाया। तीसरे ओवर में मैट हेनरी पर दो चौके और एक छक्का जड़कर उन्होंने अपने इरादे साफ कर दिए। बेन सियर्स के एक ओवर में उन्होंने दो छक्के और दो चौके लगाकर कुल 22 रन बटोरे। यह सिर्फ बल्लेबाजी नहीं थी, यह एक मास्टरक्लास थी जिसमें मार्श ने दिखाया कि कैसे दबाव में भी निडरता से खेला जाता है।
पारी के आठवें ओवर में मार्श ने सिर्फ 21 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा कर लिया, जिसमें लगातार दो छक्के शामिल थे। दूसरे छोर पर विकेट गिरते रहे – मैट शॉर्ट, टिम डेविड, एलेक्स कैरी और मार्कस स्टोइनिस सभी पवेलियन लौट गए। जेम्स नीशम ने कीवी टीम के लिए शानदार गेंदबाजी करते हुए 4 विकेट पर 26 रन लिए और एक समय ऐसा लग रहा था कि वे मैच में वापसी कर सकते हैं। लेकिन मार्श, एक अविचल योद्धा की तरह, क्रीज पर डटे रहे। उन्हें पता था कि जीत की कुंजी उनके बल्ले में है और उन्होंने इसे बखूबी निभाया।
इतिहास रचता शतक और सीरीज जीत
जिस तरह से मार्श बल्लेबाजी कर रहे थे, ऐसा लग रहा था मानो वह अकेले ही पूरी न्यूजीलैंड टीम का सामना कर रहे हों। हर आउट होने वाले बल्लेबाज के साथ, उन पर जिम्मेदारी का बोझ बढ़ता गया, लेकिन उन्होंने इसे बखूबी संभाला। उन्होंने 15वें और 17वें ओवर में कुछ महत्वपूर्ण रन बनाए, जिससे ऑस्ट्रेलिया जीत के और करीब पहुंच गया। और अंततः, अगले ओवर में, एक मिसक्यूड पुल शॉट के साथ, मिशेल मार्श ने अपने T20I करियर का पहला शतक जड़ दिया। यह शतक सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं था, यह ऑस्ट्रेलिया की जीत का प्रतीक था, उनकी दृढ़ता का प्रमाण था। कुछ ही गेंदों बाद, सीन एबॉट ने एक शानदार ड्राइव लगाकर मैच और सीरीज को ऑस्ट्रेलिया के नाम कर दिया, ऑस्ट्रेलिया ने 18 ओवर में 7 विकेट खोकर 160 रन बनाए।
यह जीत सिर्फ एक क्रिकेट मैच की जीत नहीं थी, बल्कि यह दर्शाती है कि कैसे एक खिलाड़ी, अपने अथक प्रयास और बेमिसाल प्रतिभा से, पूरी टीम को जीत की दहलीज तक ले जा सकता है। मिशेल मार्श का यह `वन-मैन शो` क्रिकेट के इतिहास में लंबे समय तक याद रखा जाएगा, एक ऐसे कप्तान की पारी के रूप में जिसने अकेले दम पर अपनी टीम को गौरव दिलाया।