महिला विश्व कप 2025: बांग्लादेश के जुझारूपन के बावजूद दक्षिण अफ्रीका ने बाजी मारी, ट्राईऑन और कैप का जलवा

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महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 के 14वें मुकाबले में, विशाखापत्तनम के डॉ. वाई.एस. राजशेखर रेड्डी एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम की पिच पर एक ऐसा रोमांचक मैच देखने को मिला, जिसने क्रिकेट प्रेमियों की साँसें थाम दीं। इस हाई-वोल्टेज मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका ने बांग्लादेश को 3 विकेट से हराकर अपनी जीत की हैट्रिक पूरी की, लेकिन बांग्लादेश ने भी अपने जुझारूपन से सभी को प्रभावित किया। यह मुकाबला सिर्फ एक जीत-हार का आंकड़ा नहीं, बल्कि दबाव में धैर्य, दृढ़ संकल्प और अप्रत्याशित प्रदर्शन की एक दिलचस्प कहानी था।

मैच का सार:

  • टूर्नामेंट: ICC महिला ODI विश्व कप 2025, मैच 14
  • स्थान: डॉ. वाई.एस. राजशेखर रेड्डी एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम, विशाखापत्तनम
  • बांग्लादेश का स्कोर: 232/6 (50 ओवर)
  • दक्षिण अफ्रीका का स्कोर: 235/7 (49.3 ओवर)
  • परिणाम: दक्षिण अफ्रीका ने बांग्लादेश को 3 विकेट से हराया
  • मैच की हीरो: क्लो ट्राईऑन (62), मैरिज़ेन कैप (56), नादिन डी क्लर्क (37*), शॉर्ना अख्तर (50)

बांग्लादेश की धीमी, मगर प्रभावशाली बल्लेबाजी

टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का बांग्लादेश का फैसला शुरुआत में थोड़ा जोखिम भरा लग रहा था। फरगाना होक (30) और रुबिया हैदर (25) की सलामी जोड़ी ने धीमी शुरुआत की, लेकिन उन्होंने विकेट बचाने पर जोर दिया और पहले विकेट के लिए 53 रन जोड़े। यह इस टूर्नामेंट में उनकी अब तक की सबसे बड़ी सलामी साझेदारी थी, जो यह दर्शाता है कि टीम अपनी रणनीति पर अडिग थी। दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों, खासकर मैरिज़ेन कैप और मासाबटा क्लास ने कसी हुई गेंदबाजी की, लेकिन उन्हें कोई शुरुआती सफलता नहीं मिली, जिसने उनके खेमे में थोड़ी बेचैनी बढ़ा दी थी।

मध्यक्रम का लड़खड़ाहट और शॉर्ना अख्तर का तूफान

53 रन पर पहला विकेट गिरने के बाद बांग्लादेश ने थोड़ी लड़खड़ाहट दिखाई। 53/0 से 73/2 तक टीम के स्कोर में गिरावट आई, जिसमें सेट बल्लेबाज फरगाना होक का विकेट भी शामिल था। यहां से कप्तान निगार सुल्ताना जोटी और शर्मिन अख्तर ने महत्वपूर्ण 77 रन की साझेदारी कर पारी को संभाला। लेकिन मैच का असली टर्निंग पॉइंट तब आया, जब मध्यक्रम में शॉर्ना अख्तर मैदान पर उतरीं। उन्होंने सिर्फ 49 गेंदों में तूफानी अर्धशतक जड़ा, जो बांग्लादेशी महिला क्रिकेटर द्वारा वनडे इतिहास का सबसे तेज अर्धशतक है। उनके इस अर्धशतक के दौरान एक `कॉमेडी ऑफ एरर्स` भी देखने को मिली, जब उनकी 50वीं रन के लिए फील्डिंग में हुई चूक का फायदा उठाते हुए उन्होंने दो रन चुरा लिए। यह पल टीम की ऊर्जा को नई ऊंचाइयों पर ले गया। अंतिम ओवरों में एमएसटी रितु मोनी के तेजी से बनाए गए रनों की बदौलत बांग्लादेश ने अंतिम पांच ओवरों में प्रभावशाली 57 रन जोड़कर 232 रनों का सम्मानजनक स्कोर खड़ा किया। यह स्कोर उनकी अब तक की बल्लेबाजी क्षमता को देखते हुए काफी अच्छा था, और शायद दक्षिण अफ्रीका की फील्डिंग भी इसमें थोड़ी `सहायक` रही।

क्या आप जानते हैं? शॉर्ना अख्तर का अर्धशतक बांग्लादेशी महिला क्रिकेट के इतिहास में सबसे तेज ODI अर्धशतक था। यह दर्शाता है कि बांग्लादेश की बल्लेबाजी अब केवल रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक रुख भी अपना रही है।

दक्षिण अफ्रीका का लक्ष्य पीछा, धैर्य और अनुभव का प्रदर्शन

233 रनों का लक्ष्य महिला वनडे क्रिकेट में हमेशा चुनौतीपूर्ण माना जाता है, खासकर विश्व कप जैसे बड़े मंच पर। दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत भी `उम्मीद के मुताबिक` नहीं रही। कुछ शुरुआती झटकों के बाद, बांग्लादेशी गेंदबाज आत्मविश्वास से लबरेज दिख रहे थे और उन्होंने मेहमान टीम पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था। ऐसा लग रहा था कि विशाखापत्तनम में एक बड़ा उलटफेर होने वाला है।

ट्राईऑन और कैप की साझेदारी ने पलटा पासा

लेकिन दक्षिण अफ्रीका की टीम ऐसे दबाव भरे हालात में प्रदर्शन करने के लिए जानी जाती है। अनुभवी क्लो ट्राईऑन (62 रन, 69 गेंद) और मैरिज़ेन कैप (56 रन, 71 गेंद) ने मोर्चा संभाला। दोनों ने न केवल विकेट गिरने से रोके, बल्कि सूझबूझ भरी बल्लेबाजी करते हुए महत्वपूर्ण साझेदारी की और टीम को जीत के करीब पहुंचाया। उनकी इस साझेदारी ने बांग्लादेश के गेंदबाजों के आत्मविश्वास को थोड़ा कम किया। ट्राईऑन और कैप के अर्धशतकों ने दक्षिण अफ्रीका की पारी को स्थिरता दी और जीत की राह तैयार की। जब ये दोनों बल्लेबाज पवेलियन लौटीं, तो एक बार फिर दबाव दक्षिण अफ्रीका पर आ गया, लेकिन `फिनिशर` नादिन डी क्लर्क (37 रन, 29 गेंद, नाबाद) ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए ठंडे दिमाग से खेल को खत्म किया। उन्होंने मात्र 3 गेंदें शेष रहते यह लक्ष्य हासिल कर लिया, जो उनकी मानसिक दृढ़ता का प्रमाण था।

निष्कर्ष: एक यादगार मुकाबला और भविष्य की उम्मीदें

यह मैच सिर्फ एक क्रिकेट मुकाबला नहीं था; यह जुझारूपन, दृढ़ संकल्प और दबाव में भी बेहतरीन प्रदर्शन की एक कहानी था। बांग्लादेश महिला टीम ने अपनी बल्लेबाजी में एक नया अध्याय जोड़ा है। उन्होंने दिखाया कि वे अब सिर्फ `भाग लेने वाली` टीम नहीं हैं, बल्कि `कड़ी टक्कर देने वाली` टीम बन गई हैं। शॉर्ना अख्तर जैसी युवा प्रतिभाओं का उदय उनके भविष्य के लिए शुभ संकेत है। वहीं, दक्षिण अफ्रीका ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वे एक मजबूत टीम हैं, जो किसी भी परिस्थिति से वापसी करने की क्षमता रखती है। विश्व कप में उनकी लगातार जीत, खासकर लक्ष्य का पीछा करते हुए, उन्हें एक खतरनाक दावेदार बनाती है।

विशाखापत्तनम के दर्शकों ने वास्तव में एक `पैसा वसूल` मैच देखा, जिसमें अंतिम गेंद तक रोमांच बना रहा। यह महिला क्रिकेट के बढ़ते स्तर और उसकी रोमांचक प्रकृति का एक और उदाहरण था। अब देखना यह है कि यह विश्व कप अभी और कितने ऐसे अविस्मरणीय पल हमें दिखाता है।