भारत के सबसे चहेते क्रिकेट आइकनों में से एक, पूर्व कप्तान एम एस धोनी की उपस्थिति मात्र ही किसी भी आयोजन में प्राण फूंक देती है। गुरुवार को मदुरै के पास चिन्तामणि में वेलम्मल क्रिकेट स्टेडियम के उद्घाटन के अवसर पर भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। `कैप्टन कूल` की एक झलक पाने के लिए प्रशंसकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिसने इस कार्यक्रम को एक यादगार उत्सव में बदल दिया।
एक ऐतिहासिक उद्घाटन: मदुरै के लिए गौरव का क्षण
धोनी मुंबई से एक निजी उड़ान से मदुरै पहुंचे और तमिलनाडु के दूसरे सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम का अनावरण करने के लिए मुख्य अतिथि थे। यह सिर्फ एक स्टेडियम का उद्घाटन नहीं था, बल्कि मदुरै के लिए क्रिकेट मानचित्र पर एक नई पहचान का उदय था। 300 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत से निर्मित, यह विश्वस्तरीय सुविधा 12.5 एकड़ में फैली हुई है और इसे इस क्षेत्र में क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनने की उम्मीद है। सुबह से ही हवाई अड्डे पर अपने पसंदीदा खिलाड़ी का इंतजार कर रहे उत्साही प्रशंसकों ने धोनी का गर्मजोशी से स्वागत किया। तमिलनाडु में उनके प्रशंसकों के लिए यह मदुरै में उनका पहला सार्वजनिक कार्यक्रम था, जिसने इस अवसर को और भी खास बना दिया।
धोनी का `आइकॉनिक` सफर उनके प्रतिष्ठित जर्सी नंबर `7` वाली सफेद कार में हवाई अड्डे से कार्यक्रम स्थल तक हुआ, जहाँ भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। उद्घाटन समारोह के बाद, धोनी उसी `7` नंबर वाली नीली कार में हवाई अड्डे लौटे और एक निजी चार्टर से मुंबई के लिए वापस उड़ान भरी। यह आगमन और प्रस्थान भी एक छोटे से `इवेंट` में बदल गया, जहाँ हर कोई बस `थाला` की एक झलक चाहता था।
वेलम्मल स्टेडियम: भविष्य के सितारों का मंच
यह भव्य आयोजन, न केवल नए क्रिकेट बुनियादी ढांचे की विशालता के लिए, बल्कि धोनी की उपस्थिति के लिए भी चर्चा का विषय रहा, जिनकी लोकप्रियता पीढ़ियों से चली आ रही है। वेलम्मल एजुकेशन ट्रस्ट और तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन (TNCA) के सहयोग से विकसित, वेलम्मल क्रिकेट स्टेडियम की वर्तमान में 7,300 दर्शकों की बैठने की क्षमता है, जिसे भविष्य में 20,000 तक बढ़ाने की योजना है। यह स्टेडियम निस्संदेह स्थानीय प्रतिभाओं को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मंच पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मदुरै जैसे शहर में ऐसी विश्वस्तरीय सुविधा का होना यह दर्शाता है कि क्रिकेट अब केवल महानगरों तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के कोने-कोने में अपनी जड़ें जमा रहा है। यह जमीनी स्तर पर क्रिकेट के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
क्रिकेट के मैदान से ड्रोन के आसमान तक: धोनी का बहुमुखी योगदान
हालांकि, धोनी का योगदान केवल क्रिकेट के मैदान या उसके बुनियादी ढांचे तक ही सीमित नहीं है। हाल ही में उन्होंने ड्रोन पायलट प्रशिक्षण पूरा किया है, जिसकी सोशल मीडिया पर खूब प्रशंसा हुई। भारत की अग्रणी ड्रोन निर्माता और DGCA-अनुमोदित रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन (RPTO) गरुड़ एयरोस्पेस से धोनी ने यह कोर्स किया है, जिसके वे ब्रांड एंबेसडर भी हैं।
यह उपलब्धि दर्शाती है कि भारत के सबसे प्रसिद्ध खेल आइकनों में से एक अब विमानन प्रौद्योगिकी के भविष्य में भी कदम रख रहा है। कठोर प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा करने के बाद, धोनी अब ड्रोन उड़ाने के लिए प्रमाणित हैं, जो भारत की विकास गाथा को बदलने की उनकी क्षमता पर प्रकाश डालता है। यह प्रशिक्षण प्रमाणित और सुरक्षित ड्रोन संचालन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें सैद्धांतिक जमीनी कक्षाओं के साथ-साथ सिमुलेटर और वास्तविक ड्रोन पर गहन व्यावहारिक उड़ान सत्र शामिल हैं।
इस तरह, धोनी न केवल क्रिकेट के माध्यम से लाखों लोगों को प्रेरित कर रहे हैं, बल्कि तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में भी एक मिसाल कायम कर रहे हैं। मदुरै में स्टेडियम का उद्घाटन उनके उस व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है, जहाँ वे केवल एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि एक प्रेरक शक्ति हैं – चाहे वह खेल के मैदान हों या तकनीक के नए आसमान। यह दिखाता है कि `थाला` हर क्षेत्र में `फिनिशर` की भूमिका निभाने को तैयार हैं, चाहे वह क्रिकेट मैच हो या देश की प्रगति।