क्या एक `पिता तुल्य` सलाह खिलाड़ी के करियर को बचा पाएगी, या मां-एजेंट की दखलअंदाजी बनेगी विदाई की वजह?
फ़ुटबॉल के मैदान पर अक्सर खेल से ज़्यादा मैदान के बाहर की घटनाएँ सुर्खियाँ बटोरती हैं। मार्सिले के कोच रॉबर्टो डी ज़ेरबी और उनके खिलाड़ी एड्रियन रेबियोट के बीच का मौजूदा विवाद इसी श्रेणी का एक ज्वलंत उदाहरण है। यह सिर्फ एक खिलाड़ी और कोच का मामला नहीं, बल्कि पेशेवर नैतिकता, अनुशासन, और खिलाड़ियों के करियर में उनके `परिवार-एजेंट` की भूमिका पर एक गंभीर बहस छेड़ता है।
अखाड़े में तब्दील ड्रेसिंग रूम: रेबियोट का झगड़ा और डी ज़ेरबी का सख्त रुख
बात पिछले शुक्रवार की है जब रेनेस में एड्रियन रेबियोट का अपने टीम के साथी रोवे से झगड़ा हो गया। डी ज़ेरबी ने इस घटना को एक `बार फाइट` की तरह देखा, जहाँ अनुशासन की सभी सीमाएँ लांघ दी गई थीं। किसी भी सामान्य कार्यस्थल की तरह, जब दो सहकर्मी खुलेआम मारपीट पर उतर आते हैं, तो निलंबन या बर्खास्तगी ही एकमात्र विकल्प बचता है। डी ज़ेरबी, अध्यक्ष लोंगोरिया और खेल निदेशक बेनाटिया ने मिलकर रेबियोट को निलंबित करने का फैसला किया।
कोच को उम्मीद थी कि रेबियोट `कान नीचे करके` माफी माँगेंगे, पश्चाताप दिखाएंगे और बात खत्म हो जाएगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। डी ज़ेरबी के अनुसार, रेबियोट ने माफी आज ही माँगी, और वह भी इस शिकायत के साथ कि उनके खिलाफ की गई कार्रवाई बहुत सख्त थी। डी ज़ेरबी ने साफ कहा, “मुझे कोई झटका नहीं लगा क्योंकि मैं सड़क से आया हूँ, लेकिन मैंने उम्मीद की थी कि रेबियोट कान नीचे करके माफी माँगेगा। और चीजें सामान्य हो जातीं।” यह टिप्पणी अपने आप में उस विनम्रता की अपेक्षा को दर्शाती है जो एक कोच अपने खिलाड़ी से चाहता है, खासकर ऐसी स्थिति के बाद जहाँ बॉडीगार्डों को हस्तक्षेप करना पड़ा, जो शायद फुटबॉल मैच से ज्यादा किसी पब के झगड़े में देखने को मिलता है।
`पिता तुल्य` सलाह और मां का हस्तक्षेप: जब परिवार बना करियर का रोड़ा
मामले में तब और ट्विस्ट आया जब रेबियोट की मां और एजेंट, वेरोनिक रेबियोट, ने कोच डी ज़ेरबी पर विश्वासघात और असंगति का आरोप लगाते हुए दावा किया कि वह ड्रेसिंग रूम में “भौंकते” हैं और यह झगड़ा सिर्फ एक बहाना है, असल मुद्दा पैसा है। डी ज़ेरबी ने इन आरोपों का खंडन करते हुए बताया कि उन्होंने अतीत में कैसे रेबियोट का समर्थन किया था, उन्हें पेरिस में कप्तान बनाया और यहाँ तक कि पेरिस के प्रशंसकों से भी बचाया जो उन पर बोतलें फेंक रहे थे।
कोच ने वेरोनिक रेबियोट की तुलना ग्रीनवुड के मामले से करने पर भी आपत्ति जताई, यह स्पष्ट करते हुए कि ग्रीनवुड के मुद्दे व्यक्तिगत थे, जबकि रेबियोट का मामला कार्यस्थल पर दुर्व्यवहार का था। डी ज़ेरबी ने स्वीकार किया कि वह ड्रेसिंग रूम में चिल्लाते हैं, लेकिन साथ ही वे अपने खिलाड़ियों को गले लगाने वाले पहले व्यक्ति भी होते हैं। उन्होंने व्यंग्यपूर्ण लहजे में कहा, “मैंने उसके बेटे पर दूसरों से ज्यादा ध्यान दिया। मैंने तो उसे Aix-en-Provence में अपने घर में रहने की पेशकश भी की थी, और मैं खुद होटल में रहने चला जाता।” एक पेशेवर खिलाड़ी के लिए अपनी माँ के माध्यम से `प्यार का सबक` सीखना थोड़ा अजीब नहीं लगता?
बाजार में रेबियोट: क्या अनुशासन का पाठ इतना महंगा पड़ेगा?
अब स्थिति यह है कि एड्रियन रेबियोट स्थानांतरण बाजार में हैं। डी ज़ेरबी ने एक आशा की किरण छोड़ी है, लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि “रेबियोट एक अच्छा लड़का है, लेकिन स्थिति को उसके दल ने ठीक से संभाला नहीं।” कोच का कहना है कि अगर रेबियोट विनम्रता से माफी माँगते तो चीजें सामान्य हो जातीं, क्योंकि वे कभी भी स्थायी दरार नहीं चाहते थे।
हालांकि, अब जबकि रेबियोट के टीम से जाने की संभावना है, डी ज़ेरबी अपनी टीम को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “रेबियोट जैसे स्तर के खिलाड़ी के बिना खेलना आसान नहीं है, लेकिन हम टीम को पूरा करने की कोशिश करेंगे। हमें स्थानांतरण बाजार के अंत तक 5-6 नए खिलाड़ियों की उम्मीद है।” यह स्थिति स्पष्ट करती है कि किसी भी बड़े क्लब में नियमों का सम्मान करना कितना महत्वपूर्ण है, और कोई भी खिलाड़ी, चाहे वह कितना भी प्रतिभाशाली क्यों न हो, अनुशासन से ऊपर नहीं हो सकता। डी ज़ेरबी ने अपनी गरिमा बनाए रखने के लिए एक `साहसिक निर्णय` लिया है, जो अंततः क्लब के मूल्यों को मजबूत करता है।
फ़ुटबॉल से परे: हर कार्यस्थल में अनुशासन का महत्व
यह घटना सिर्फ फ़ुटबॉल की दुनिया तक सीमित नहीं है, बल्कि हर कार्यस्थल में अनुशासन, पेशेवर आचरण और सम्मान के महत्व को दर्शाती है। खिलाड़ियों को यह समझना होगा कि वे सिर्फ व्यक्तिगत सितारे नहीं, बल्कि एक टीम का हिस्सा हैं, जहाँ हर सदस्य की जिम्मेदारी और मर्यादा होती है। और शायद, कुछ `एजेंट-माता-पिता` को भी यह समझना होगा कि कभी-कभी, अपने बच्चे को अपने दम पर गलतियों से सीखने देना और अपने कृत्यों की जिम्मेदारी लेने देना ही उनके करियर के लिए सबसे अच्छी `सलाह` होती है।