लखनऊ की पिच पर जब भारत ए और ऑस्ट्रेलिया ए के बीच दूसरे अनौपचारिक टेस्ट का आगाज़ हुआ, तो क्रिकेट प्रेमियों को पहले ही दिन एक्शन से भरपूर खेल देखने को मिला। मंगलवार को दिन का खेल खत्म होने तक, ऑस्ट्रेलिया ए ने 9 विकेट खोकर 350 रन का सम्मानजनक स्कोर खड़ा कर दिया, लेकिन यह सब एक नाटकीय उतार-चढ़ाव भरी कहानी थी। एक तरफ भारत के युवा स्पिनर मानव सुथार अपनी फिरकी से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को नचा रहे थे, तो दूसरी ओर जैक एडवर्ड्स और कप्तान नाथन मैक्स्वीनी ने अपने बल्ले से जोरदार जवाब दिया।
ऑस्ट्रेलिया ए की लड़खड़ाती शुरुआत और मैक्स्वीनी का धैर्य
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम की शुरुआत कुछ खास नहीं रही। सलामी बल्लेबाज कैंपबेल केलवे मात्र 9 रन बनाकर प्रसिद्ध कृष्णा का शिकार बने। इसके बाद सैम कोन्स्टास ने कुछ अच्छे शॉट्स लगाए और 40 रन की पारी खेली, लेकिन मोहम्मद सिराज ने उन्हें पवेलियन भेज दिया। कप्तान मैक्स्वीनी एक छोर पर टिककर बल्लेबाजी कर रहे थे, लेकिन उन्हें दूसरे छोर से ज्यादा समर्थन नहीं मिल रहा था। ओलिवर पीक और कूपर कोनोली सस्ते में आउट होकर मानव सुथार की पहली दो सफलताओं का गवाह बने, जिससे ऑस्ट्रेलिया ए 150/4 के स्कोर पर थोड़ा लड़खड़ा गई।
मानव सुथार का जादुई स्पेल: फिरकी से मचाया धमाल
यह दिन निश्चित रूप से भारत ए के बाएं हाथ के स्पिनर मानव सुथार के नाम रहा। 28 ओवर में 93 रन देकर 5 विकेट लेना कोई मामूली बात नहीं। उनकी सटीक गेंदबाजी और लगातार दबाव ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को कई बार गलती करने पर मजबूर किया। उन्होंने महत्वपूर्ण समय पर विकेट झटके और ऐसा लगा कि वे अकेले ही ऑस्ट्रेलिया ए की पारी को समेट देंगे। मैक्स्वीनी और जोश फिलिप के बीच एक अर्धशतकीय साझेदारी पनप रही थी, तभी सुथार ने फिलिप को अपना तीसरा शिकार बनाकर इस साझेदारी को तोड़ दिया। बाद में, उन्होंने विल सदरलैंड और कोरी रोकिचियोली को भी आउट कर अपना “फाइफर” (पांच विकेट) पूरा किया। उनकी फिरकी ने यह साफ कर दिया कि भारतीय पिचों पर स्पिन का जलवा हमेशा बरकरार रहता है।
जैक एडवर्ड्स का विस्फोटक पलटवार: शतक से चूके पर टीम को संभाला
जब ऑस्ट्रेलिया ए 214/6 के स्कोर पर संकट में थी, तब जैक एडवर्ड्स ने मोर्चा संभाला। 78 गेंदों में 11 चौके और 1 छक्का लगाकर बनाए गए उनके 88 रन किसी तूफानी पारी से कम नहीं थे। उन्होंने भारतीय गेंदबाजों पर पलटवार किया और तेजी से रन बटोरकर अपनी टीम को मुश्किल से बाहर निकाला। उनका आक्रामक रवैया सिर्फ टीम का स्कोर ही नहीं बढ़ा रहा था, बल्कि भारतीय गेंदबाजों की लय भी बिगाड़ रहा था। हालांकि, वह दुर्भाग्यशाली रहे कि अपने शतक से चूक गए, जब गुरनूर बरार ने उन्हें पवेलियन भेजा। लेकिन तब तक, उन्होंने अपनी टीम को 300 के पार पहुंचा दिया था।
निचले क्रम का लचीलापन और दिन का समापन
एडवर्ड्स को निचले क्रम के बल्लेबाजों से अच्छा साथ मिला। टॉड मर्फी के साथ नौवें विकेट के लिए उनकी 55 रन की साझेदारी बेहद महत्वपूर्ण थी, जिसने ऑस्ट्रेलिया ए को एक मजबूत स्थिति में पहुंचाया। मर्फी (नाबाद) और हेनरी थॉर्नटन ने दिन का खेल खत्म होने तक बिना कोई और विकेट गंवाए 21 रन जोड़कर यह सुनिश्चित किया कि उनकी टीम पहले दिन 350 के आंकड़े तक पहुंच जाए। यह स्कोर दर्शाता है कि भले ही भारत ए के गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया, खासकर मानव सुथार ने, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने हार नहीं मानी और अंत तक संघर्ष किया।
लखनऊ के इस अनौपचारिक टेस्ट के पहले दिन ने दोनों टीमों के लिए मिश्रित भावनाएं छोड़ीं। भारत ए जहां मानव सुथार के शानदार प्रदर्शन से उत्साहित है, वहीं ऑस्ट्रेलिया ए ने मुश्किल परिस्थितियों से निकलकर एक सम्मानजनक स्कोर खड़ा करने में सफलता पाई है। अब गेंद भारत ए के बल्लेबाजों के पाले में है। देखना होगा कि वे इस स्कोर का पीछा कैसे करते हैं और दूसरे दिन का खेल कौन सी टीम के पक्ष में जाता है। यह मुकाबला निश्चित रूप से आने वाले दिनों में और भी रोमांचक होने वाला है!