वीडियो गेम की दुनिया में `लाइव-सर्विस` गेम्स का चलन पिछले कुछ सालों से ज़ोरों पर है। इन गेम्स ने खिलाड़ियों को अंतहीन मनोरंजन, नए अपडेट्स और लगातार जुड़ने का वादा किया। यह ऐसा था जैसे एक गेम को खरीदो और वह कभी खत्म ही न हो – एक सपना जो कई पब्लिशर्स के लिए `सोने का अंडा` देने वाली मुर्गी बन गया। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि यह मुर्गी शायद उतनी सुनहरी नहीं रही। उद्योग के एक अनुभवी दिग्गज, हेरोल्ड रायन, जो कभी `हेलो` और `डेस्टिनी` जैसे लाइव-सर्विस टाइटल्स को आगे बढ़ाने वाली कंपनी बंगी (Bungie) के सीईओ थे, अब एक चौंकाने वाला सच बता रहे हैं: हर गेम को लाइव-सर्विस होने की ज़रूरत नहीं है।
लाइव-सर्विस का `बुलबुला` और उसकी वास्तविकता
हाल के समय में, कई हाई-प्रोफाइल लाइव-सर्विस गेम्स जैसे `सुसाइड स्क्वाड: किल द जस्टिस लीग` (Suicide Squad: Kill the Justice League) और `कॉनकॉर्ड` (Concord) ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया। वे या तो बुरी तरह विफल रहे या लॉन्च के कुछ ही समय बाद बंद हो गए। रायन का कहना है कि उपभोक्ता अब अपने बटुए से बोल रहे हैं। वे स्पष्ट संदेश दे रहे हैं कि यह मॉडल हर गेम के लिए उपयुक्त नहीं है, और न ही हर खिलाड़ी के लिए। यह एक दिलचस्प विडंबना है कि जिस मॉडल को रायन ने खुद अपनी पूर्व कंपनी में आगे बढ़ाया, आज वह उसी पर सवाल उठा रहे हैं। आंकड़े भी बताते हैं कि बहुत कम लाइव-सर्विस गेम्स ही कुल गेमिंग समय का एक बड़ा हिस्सा ले पाते हैं, जबकि बाकी संघर्ष करते रहते हैं। यह ठीक वैसा ही है जैसे किसी पार्टी में कुछ ही लोग सेंटर ऑफ़ अट्रैक्शन बन जाते हैं और बाकी भीड़ का हिस्सा बनकर रह जाते हैं।
हेरोल्ड रायन का नया दृष्टिकोण
बंगी छोड़ने के बाद, हेरोल्ड रायन ने `प्रोबेबलीमॉन्स्टर्स` (ProbablyMonsters) नामक एक कंपनी की स्थापना की, जो गेम डेवलपर्स को उनके शुरुआती चरणों में सहायता करती है। दिलचस्प बात यह है कि उनकी कंपनी ने हाल ही में अपने पहले दो गेम्स की घोषणा की है – एक रोगलाइक एक्शन गेम `स्टॉर्म लैंसर्स` (Storm Lancers) और एक मनोवैज्ञानिक हॉरर गेम `आयर: ए प्रोलॉग` (Ire: A Prologue)। इनमें से कोई भी लाइव-सर्विस मॉडल पर आधारित नहीं है। इससे भी अधिक विडंबना यह है कि ProbablyMonsters कभी `कॉनकॉर्ड` के डेवलपर Firewalk Studios की मालिक थी, जिसे उन्होंने 2023 में सोनी को बेच दिया था। और जैसा कि हम जानते हैं, सोनी ने 2024 में `कॉनकॉर्ड` को बंद कर दिया और स्टूडियो भी बंद हो गया। शायद यहीं से रायन को यह अनुभव हुआ कि एक बिजनेस मॉडल को गेम बनाने का एकमात्र कारण नहीं बनाया जा सकता। उनका स्पष्ट मत है कि एक टिकाऊ करियर और उद्योग के लिए, सिर्फ बिजनेस मॉडल के आधार पर गेम बनाना सही नहीं है।
खिलाड़ियों की बदलती पसंद
रायन के अवलोकन से यह भी पता चलता है कि 2K के `माफिया: द ओल्ड कंट्री` (Mafia: The Old Country) जैसे गेम्स की कीमत $50 क्यों रखी गई, क्योंकि पब्लिशर को लगता है कि एक ऐसे दर्शक वर्ग की भूख है जो कम महंगे, अधिक रेखीय (linear) गेम्स पसंद करते हैं जिन्हें खेलने के लिए असीमित समय की प्रतिबद्धता की ज़रूरत नहीं होती। यह उन खिलाड़ियों के लिए एक ताज़ा हवा की तरह है जो एक कहानी शुरू करना और उसे खत्म करना चाहते हैं, बिना इस चिंता के कि उन्हें `फियर ऑफ मिसिंग आउट` (FOMO) के तहत हर दिन लॉग इन करना होगा या लगातार पैसा खर्च करना होगा। आख़िरकार, हर कोई अपने मनोरंजन को एक `दूसरी नौकरी` में बदलना नहीं चाहता।
बंगी की अपनी चुनौतियां और रायन की आशा
बात बंगी की करें, तो कंपनी भी हाल ही में बड़े बदलावों से गुज़री है, जिसमें बड़े पैमाने पर छंटनी और 2024 में एक बड़ा स्टूडियो पुनर्गठन शामिल है। बंगी का अगला गेम, `मैराथन` (Marathon), एक लाइव-सर्विस टाइटल है जिसे सोनी को उम्मीद है कि `कॉनकॉर्ड` जैसी नियति का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह गेम पहले सितंबर में रिलीज़ होने वाला था, लेकिन अनिश्चित काल के लिए विलंबित हो गया है। रायन बंगी में चल रही उथल-पुथल पर टिप्पणी करते हुए कहते हैं कि “ऐसा लगता है कि वे बिल्कुल उसी जगह पर हैं जहाँ उद्योग में लगभग हर कोई है, जहाँ पहले काम करने वाली और विश्वसनीय चीजें अब उतनी विश्वसनीय नहीं रहीं।” यह एक कड़वी सच्चाई है जो पूरे गेमिंग उद्योग को झेलनी पड़ रही है।
रायन की आशा है कि डेवलपर्स को अपने गेम्स के लिए एक `टिकाऊ बिजनेस मॉडल` मिल सके जो खिलाड़ियों को खुश करे और स्टूडियो को `बिल चुकाने` के लिए पर्याप्त राजस्व लाए। उनका सीधा-सा विचार है: “हर कोई उद्योग का नंबर एक सबसे सफल गेम नहीं हो सकता, लेकिन मुझे लगता है कि हम सभी सफल गेम्स शिप कर सकते हैं।” यह एक यथार्थवादी और व्यावहारिक दृष्टिकोण है, जो अति-महत्वाकांक्षा के बजाय स्थिरता पर ज़ोर देता है।
निष्कर्ष: गेमिंग के भविष्य का संतुलन
वीडियो गेम उद्योग एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। यह सिर्फ सुंदर ग्राफिक्स या जटिल गेमप्ले के बारे में नहीं है, बल्कि इस बात के बारे में भी है कि खिलाड़ी क्या चाहते हैं और उन्हें क्या मूल्य मिलता है। हेरोल्ड रायन जैसे दिग्गजों का यह स्पष्ट दृष्टिकोण, जो खुद इस मॉडल के गढ़ रहे हैं, इस बात का प्रमाण है कि उद्योग आत्मनिरीक्षण कर रहा है। शायद अब समय आ गया है जब गेम डेवलपर्स और पब्लिशर्स को यह समझने की ज़रूरत है कि एक गेम को सफल बनाने के लिए सिर्फ उसे `लाइव-सर्विस` टैग देना ही काफी नहीं है। असली जादू तो खिलाड़ियों के दिलों को जीतने और उन्हें एक ऐसा अनुभव देने में है जो वास्तव में मायने रखता है – चाहे वह कुछ घंटों का सिंगल-प्लेयर एडवेंचर हो या कई सालों तक चलने वाला ऑनलाइन ब्रह्मांड। असली चुनौती बिजनेस मॉडल चुनने में नहीं, बल्कि सही गेम और सही दर्शकों को एक साथ लाने में है। आखिरकार, गेमिंग एक कला है, व्यवसाय नहीं – कम से कम, पहले।