क्या ‘एटर्नल डार्कनेस’ को कभी मिलेगा नया जीवन? नाइटडाइव स्टूडियोज की ख्वाहिश और कानूनी पहेली

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वीडियो गेम की दुनिया में, कुछ क्लासिक्स ऐसे होते हैं जिनकी वापसी का इंतजार खिलाड़ी बेसब्री से करते हैं। इन गुमनाम नायकों में से एक है 2002 का मनोवैज्ञानिक हॉरर मास्टरपीस `एटर्नल डार्कनेस: सैनिटीज़ रेकिएम`। यह सिर्फ एक खेल नहीं था, बल्कि एक अनुभव था जिसने अपने समय के मानकों को चुनौती दी। अब, इसे फिर से जीवंत करने की तमन्ना रखता है नाइटडाइव स्टूडियोज, जो पुराने गेम्स को आधुनिक अवतार देने में माहिर है। लेकिन हर कहानी का एक विलेन होता है, और यहां वो है निन्टेंडो के कड़े कॉपीराइट।

नाइटडाइव स्टूडियोज: डिजिटल पुरातत्वविद

नाइटडाइव स्टूडियोज ने खुद को गेमिंग जगत के `डिजिटल पुरातत्वविदों` के रूप में स्थापित किया है। वे उन भूले-बिसरे रत्नों को खोदकर निकालते हैं जो समय की धूल में कहीं खो गए हैं, और उन्हें नई चमक के साथ पेश करते हैं। हाल ही में, `सिस्टम शॉक 2: 25वीं एनिवर्सरी रीमास्टर` और `हेरिटिक + हेक्सेन` जैसे क्लासिक्स को शानदार तरीके से पुनर्जीवित करके उन्होंने गेमर्स का दिल जीत लिया है। स्टूडियो के सीईओ स्टीफन किक, जो खुद एक उत्साही गेमर हैं, की `इच्छा सूची` में कई ऐसे पुराने रत्न हैं जिन्हें वे नया जीवन देना चाहते हैं। इनमें सबसे ऊपर है `एटर्नल डार्कनेस`, एक ऐसा गेम जिसे वे व्यक्तिगत रूप से बहुत पसंद करते हैं।

`गेमक्यूब की दीवार` के पीछे छिपा एक हॉरर

`एटर्नल डार्कनेस` सिर्फ एक हॉरर गेम नहीं था, बल्कि यह अपने समय से कहीं आगे था। 2002 में निन्टेंडो गेमक्यूब पर रिलीज़ हुआ यह गेम, निन्टेंडो द्वारा प्रकाशित पहला `M-रेटेड` गेम था। इसने हॉरर शैली में एक नई दिशा दी। इसके सबसे अनूठे तत्वों में से एक थे इसके `सैनिटी इफेक्ट्स`, जिन्होंने खिलाड़ियों के दिमाग से कुछ इस तरह खेला कि स्क्रीन पर अचानक अजीबोगरीब चीजें दिखना, वॉल्यूम का ऊपर-नीचे होना, या यहां तक कि गेम के सेव डेटा का डिलीट होने का नाटक करना – ये सब चौथे आयाम (fourth wall) को तोड़ने का एक अनूठा और शानदार तरीका था। यह गेम खिलाड़ियों को वास्तविक रूप से असहज महसूस कराता था, जिससे इसे एक कल्ट क्लासिक का दर्जा मिला।

दुर्भाग्य से, इस मास्टरपीस के अधिकार पूरी तरह से निन्टेंडो के पास हैं। स्टीफन किक ने एक साक्षात्कार में अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि यह गेम “हमेशा से गेमक्यूब/निन्टेंडो की दीवार के पीछे बंद रहा है।” यह स्थिति उस गेमर और डेवलपर दोनों की हताशा को दर्शाती है जो एक महान खेल को वापस लाना चाहते हैं, लेकिन कानूनी बाधाओं के कारण ऐसा नहीं कर पाते। यह विडंबना ही है कि एक गेम जिसने `पागलपन` को इतनी खूबसूरती से दर्शाया, वह खुद अब कानूनी पागलपन की बेड़ियों में जकड़ा हुआ है।

अधूरी ख्वाहिशें और कानूनी पहेलियाँ

यह पहली बार नहीं है जब स्टीफन किक को IP अधिकारों के कारण संघर्ष करना पड़ा है। `एटर्नल डार्कनेस` के मूल निर्देशक, डेनिस डियाक ने `शैडो ऑफ द एटर्नल्स` नामक एक आध्यात्मिक सीक्वल बनाने की कई कोशिशें की थीं, लेकिन दो अलग-अलग क्राउडफंडिंग के प्रयास विफल रहे और आखिरकार परियोजना बंद हो गई। किक की इच्छा सूची में सिर्फ `एटर्नल डार्कनेस` ही नहीं है। `द ऑपरेटिव: नो वन लिव्स फॉरएवर` और `नो वन लिव्स फॉरएवर 2: ए स्पाई इन एच.ए.आर.एम.एस. वे` भी ऐसी ही क्लासिक हैं जिनके अधिकारों को सुलझाना पिछले दो दशकों से एक जटिल पहेली बनी हुई है।

हालांकि, नाइटडाइव स्टूडियोज व्यस्त है। उनकी अगली रिलीज़, `आउटलॉज़ + हैंडफुल ऑफ मिशन्स: रीमास्टर`, 20 नवंबर को Xbox One, Xbox Series X|S, PlayStation 4, PlayStation 5, Nintendo Switch, और PC सहित कई प्लेटफॉर्म्स पर आने वाली है। यह दर्शाता है कि टीम भले ही कुछ सपनों को पूरा न कर पा रही हो, लेकिन वे क्लासिक गेम्स को फिर से जीवंत करने के अपने मिशन पर अडिग हैं।

गेम संरक्षण और IP अधिकारों की जटिलता

यह स्थिति सिर्फ `एटर्नल डार्कनेस` तक सीमित नहीं है। गेमिंग इंडस्ट्री में बौद्धिक संपदा (Intellectual Property) के अधिकार अक्सर कलात्मक महत्वाकांक्षाओं और खेल संरक्षण के रास्ते में बड़ी बाधा बन जाते हैं। कई पुराने गेम्स जो नई पीढ़ी के खिलाड़ियों के लिए एक अद्वितीय अनुभव हो सकते हैं, वे कानूनी उलझनों के कारण फिर कभी नहीं दिख पाते। पुरानी गेम्स को नए हार्डवेयर पर चलाना या उन्हें आधुनिक रूप देना एक जटिल कानूनी लड़ाई बन जाती है, जहां कई बार खिलाड़ी और डेवलपर्स, दोनों ही हताश रह जाते हैं। यह इस बात पर सोचने को मजबूर करता है कि क्या कंपनियों को केवल मुनाफे से परे, गेमिंग इतिहास को संरक्षित करने की नैतिक जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए।

क्या उम्मीद की कोई किरण है?

तो क्या `एटर्नल डार्कनेस` कभी अपनी नींद से जागेगा और नए खिलाड़ियों को अपनी `विचित्र` दुनिया से रूबरू कराएगा? स्टीफन किक और नाइटडाइव स्टूडियोज की इच्छा सूची में यह गेम भले ही सबसे ऊपर हो, लेकिन इसकी चाबी अभी भी निन्टेंडो के पास है। गेमिंग की दुनिया उम्मीदों पर टिकी है, और कौन जानता है, शायद किसी दिन `गेमक्यूब की दीवार` टूट जाए और हम फिर से `एटर्नल डार्कनेस` के डर और सनक का अनुभव कर सकें। तब तक, यह गेम एक खूबसूरत लेकिन अनदेखा सपना बनकर ही रहेगा, जिसे कुछ जुनूनी लोग बार-बार याद करते रहेंगे।