क्रिकेट की पिच पर हंसी-मजाक और भारतीय बल्लेबाजों का दबदबा: शुभमन गिल के ‘टॉस-जीत’ रिकॉर्ड और शानदार प्रदर्शन की कहानी

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वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट के पहले दिन, भारतीय क्रिकेट में एक दुर्लभ घटना हुई। एक ऐसा पल जिसने मैदान पर हंसी और मैदान के बाहर चर्चा को जन्म दिया, और फिर टीम ने अपनी चिर-परिचित आक्रामक शैली में दबदबा बनाया। यह कहानी है भारतीय कप्तान शुभमन गिल के टॉस जीतने के “सूखे” के खत्म होने की, और उसके बाद मैदान पर भारतीय बल्लेबाजों के शानदार प्रदर्शन की।

आखिरकार… टॉस का `मालिक` बना गिल!

क्रिकेट के मैदान पर टॉस जीतना सिर्फ भाग्य की बात नहीं, बल्कि अक्सर एक महत्वपूर्ण रणनीतिक बढ़त होती है। लेकिन भारतीय टेस्ट कप्तान शुभमन गिल के लिए यह एक अबूझ पहेली बनी हुई थी। पिछले सात मैचों से गिल टॉस हारते आ रहे थे – इंग्लैंड दौरे पर पांच, और इस वेस्टइंडीज श्रृंखला के पहले टेस्ट में भी। कल्पना कीजिए, कप्तान लगातार टॉस हार रहा हो, तो टीम का माहौल कैसा होता होगा? शायद उम्मीदें कम, तैयारी पक्की कि `हमें ही पहले गेंदबाजी करनी होगी!`

और फिर, दूसरा टेस्ट आया। शुक्रवार की सुबह, गिल ने सिक्का उछाला और… आखिरकार, भाग्य उनके पक्ष में आया! टॉस जीतकर गिल ने जैसे ही अपनी टीम की ओर देखा, पूरा भारतीय खेमा खुशी से झूम उठा। यह सिर्फ एक टॉस नहीं था, यह सात मैचों के सूखे के खत्म होने का जश्न था।

गंभीर और बुमराह की `रन अप` वाली खिंचाई

इस ऐतिहासिक टॉस जीत के बाद मैदान पर जो पल सामने आया, वह किसी कॉमेडी शो से कम नहीं था। टीम के दिग्गज खिलाड़ी और मुख्य कोच, गौतम गंभीर, ने शुभमन गिल की तरफ देखते हुए मजाकिया लहजे में कहा, “जस्सी ने तो रन अप मार्क कर लिया था!” उनका इशारा जसप्रीत बुमराह की ओर था, जो आमतौर पर पहले गेंदबाजी करने के लिए अपने रन-अप को पहले ही माप लेते हैं। गंभीर की इस टिप्पणी पर खुद बुमराह ने भी हामी भरते हुए चुटकी ली, “यहां तक कि मियां (मोहम्मद सिराज) ने भी अपना रन-अप मार्क कर लिया था।”

यह वाक्य बताता है कि टीम के गेंदबाजों को कितनी आदत हो चुकी थी कि उन्हें ही पहले गेंदबाजी करनी होगी। यह एक मजेदार पल था जिसने टीम के अंदर के दोस्ताना माहौल और हंसी-मजाक को उजागर किया, खासकर ऐसे समय में जब टीम लगातार जीत रही हो। यह दर्शाता है कि क्रिकेट सिर्फ रनों और विकेटों का खेल नहीं, बल्कि टीम भावना और हल्के-फुल्के पलों का भी नाम है।

हंसी-मजाक के बाद, मैदान पर भारतीय बल्लेबाजों का दबदबा

हालांकि टॉस का पल हल्का-फुल्का था, लेकिन उसके बाद मैदान पर जो हुआ वह पूरी तरह से गंभीर और प्रभावशाली था। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का गिल का फैसला पूरी तरह से सही साबित हुआ। भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज के गेंदबाजों पर पूरी तरह से शिकंजा कस लिया और पहले दिन का खेल खत्म होने तक 2 विकेट के नुकसान पर 318 रन का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया।

दिन के मुख्य आकर्षण:

  • युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने अपना शानदार फॉर्म जारी रखते हुए करियर का सातवां टेस्ट शतक जड़ा। वे दिन का खेल खत्म होने तक 173 रन बनाकर नाबाद थे, और वेस्टइंडीज के गेंदबाजों के लिए एक चुनौती बने हुए थे।
  • नंबर 3 पर बल्लेबाजी करने उतरे साई सुदर्शन ने चयनकर्ताओं के भरोसे पर खरे उतरते हुए 87 रनों की शानदार और संयमित पारी खेली। यह उनके टेस्ट करियर की एक महत्वपूर्ण पारी थी।
  • केएल राहुल ने भी 38 रन का उपयोगी योगदान दिया।
  • कप्तान शुभमन गिल खुद दिन के अंत तक 20 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद थे, यशस्वी जायसवाल के साथ एक मजबूत साझेदारी की नींव रख रहे थे।

वेस्टइंडीज के लिए फिर एक मुश्किल दिन

वेस्टइंडीज के लिए यह एक और कठिन दिन साबित हुआ, खासकर पहले टेस्ट में करारी हार के बाद। उनके गेंदबाजों को विकेट लेने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। बाएं हाथ के स्पिनर जोमेल वारिकन (20 ओवर में 60 रन देकर 2 विकेट) ही एकमात्र गेंदबाज रहे जिन्होंने भारतीय बल्लेबाजों को कुछ हद तक चुनौती दी और दोनों विकेट अपने नाम किए। हालांकि, उनके प्रयास भी भारत के मजबूत बल्लेबाजी प्रदर्शन के सामने फीके पड़ गए।

निष्कर्ष: भारत का मजबूत इरादा

कुल मिलाकर, वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट का पहला दिन भारतीय टीम के लिए शानदार रहा। एक तरफ कप्तान शुभमन गिल की टॉस जीत पर टीम के साथियों का दोस्ताना मजाक, तो दूसरी तरफ मैदान पर बल्लेबाजों का दबदबा। यह दिखाता है कि भारतीय टीम न केवल जीत के लिए दृढ़ है, बल्कि अपने खेल का आनंद भी लेती है। पहले दिन के खेल के बाद भारत ने मैच पर अपनी मजबूत पकड़ बना ली है और वेस्टइंडीज के लिए आगे की राह काफी कठिन नजर आ रही है।