कोलंबो का मैदान, महिला क्रिकेट का महासंग्राम: भारत ने पाकिस्तान को 88 रनों से पटका, कायम किया अटूट वर्चस्व

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भारत और पाकिस्तान, जब ये दो नाम क्रिकेट के मैदान पर आमने-सामने होते हैं, तो सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि भावनाओं का एक अनूठा संगम देखने को मिलता है। आईसीसी महिला विश्व कप के एक ऐसे ही मुकाबले में, श्रीलंका के कोलंबो में भारतीय महिला टीम ने अपने चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 88 रनों से करारी शिकस्त दी। यह सिर्फ एक जीत नहीं थी, बल्कि वनडे क्रिकेट में पाकिस्तान के खिलाफ भारत का 12-0 का अजेय रिकॉर्ड कायम रखने का एक और दमदार अध्याय था। इस मैच में सिर्फ क्रिकेट ही नहीं, बल्कि कई ऐसे दिलचस्प और नाटकीय पल भी थे, जिन्होंने इसे और यादगार बना दिया।

भारतीय बल्लेबाजी: संघर्ष के बाद सम्मानजनक स्कोर

मैच की शुरुआत ही थोड़ी अजीबोगरीब थी। टॉस के गलत फैसले ने पाकिस्तान को पहले गेंदबाजी का मौका दिया, और शायद यह गलती ही उनके लिए महंगी साबित हुई। कोलंबो की धीमी पिच पर भारतीय बल्लेबाजों को संघर्ष करना पड़ा, लेकिन हरलीन देओल (65 गेंदों पर 46 रन) की संयमित पारी ने टीम को स्थिरता दी। इसके बाद, रिचा घोष ने महज 20 गेंदों पर तूफानी 35 रन बनाकर भारतीय पारी को अचानक से रफ्तार दे दी। उनकी इस धमाकेदार पारी में तीन चौके और दो छक्के शामिल थे, जिसने भारत को 247 रनों के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। सलामी बल्लेबाज प्रतिका रावल (31) ने भी तेज शुरुआत दी, लेकिन स्मृति मंधाना (23) एक बार फिर पावरप्ले के भीतर ही आउट हो गईं, जिससे ऊपरी क्रम पर दबाव बढ़ा। पाकिस्तानी गेंदबाजों, खासकर डायना बैग (4/69) और फातिमा सना (2/38) ने कसी हुई गेंदबाजी से भारतीय बल्लेबाजों को बांधे रखा, लेकिन अंत में रिचा का `पावर-प्ले` भारतीय टीम के काम आया।

पाकिस्तानी पीछा: नाटक और पतन

248 रनों का लक्ष्य पीछा करने उतरी पाकिस्तानी टीम की शुरुआत बेहद खराब रही, और इसकी वजह बनी एक अविश्वसनीय रन-आउट। सलामी बल्लेबाज मुनीबा अली (2) लेग-बिफोर अपील से बची थीं, लेकिन गेंद के खेल में रहते हुए वे क्षण भर के लिए अपनी क्रीज से बाहर निकल गईं। भारतीय क्षेत्ररक्षक दीप्ति शर्मा की मुस्तैदी देखिए! उन्होंने बिजली की तेजी से सीधा थ्रो मारकर स्टंप बिखेर दिए। मुनीबा का बल्ला हवा में था, और अंपायर के फैसले के खिलाफ पाकिस्तानी कप्तान फातिमा सना की दलीलें भी काम नहीं आईं। यह सिर्फ रन-आउट नहीं, बल्कि पाकिस्तान के लिए खराब भाग्य का पहला संकेत था। इसके बाद, युवा तेज गेंदबाज क्रांति गौड़ (3/20) ने अपने पहले ही ओवर में लगातार दो झटके दिए, जिससे पाकिस्तान का स्कोर 26 रन पर 3 विकेट हो गया। सिदरा अमीन (106 गेंदों पर 81 रन) ने नतालिया परवेज (33) के साथ मिलकर 69 रनों की साझेदारी करके थोड़ी उम्मीद जगाई, लेकिन यह सिर्फ तूफान से पहले की शांति थी। एक बार जब यह साझेदारी टूटी, तो पाकिस्तानी पारी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई।

गेंदबाजी का जादू: भारत का दबदबा

भारतीय गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया। क्रांति गौड़ ने शीर्ष क्रम को ध्वस्त किया, जबकि स्पिनरों ने मध्य क्रम और निचले क्रम को समेटने का काम बखूबी किया। कोलंबो की धीमी पिच पर, जहां बल्लेबाजी मुश्किल थी, भारतीय गेंदबाजों ने अपनी लाइन और लेंथ से पाकिस्तानी बल्लेबाजों को कोई मौका नहीं दिया। सिदरा अमीन की जुझारू पारी के बावजूद, पाकिस्तान 159 रनों पर ऑलआउट हो गया, जिससे भारत को 88 रनों की बड़ी जीत मिली।

क्रिकेट से परे: मैच के अनोखे रंग

क्रिकेट के मैदान पर प्रतिद्वंद्विता भले ही हमेशा से रही हो, लेकिन इस मैच में `अप्रत्याशित` चीजें भी खूब देखने को मिलीं। भारतीय टीम ने टॉस या मैच के बाद `नो-हैंडशेक` की नीति जारी रखी, जो पुरुषों के एशिया कप में पहले से चली आ रही है। टॉस में हुई `अजीबोगरीब` गलती और फिर एक बल्लेबाज का `अनोखा` रन-आउट, इसके बाद मैदान पर कीड़े-मकोड़ों के हमले के कारण 15 मिनट का खेल रुकना – ये सब ऐसे पल थे जिन्होंने मैच को सिर्फ एक क्रिकेट मुकाबले से कहीं ज्यादा मनोरंजक बना दिया। क्या पता, शायद क्रिकेट के देवता भी इस महामुकाबले में थोड़ा मसाला ढूंढ रहे थे!

यह जीत भारतीय महिला क्रिकेट के बढ़ते वर्चस्व का एक और प्रमाण है। पाकिस्तान के खिलाफ वनडे में 12-0 का रिकॉर्ड सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत की कहानी है। हरलीन देओल की समझदारी, रिचा घोष की विस्फोटक बल्लेबाजी और क्रांति गौड़ की घातक गेंदबाजी ने यह सुनिश्चित किया कि कोलंबो में तिरंगा शान से लहराए। यह मैच सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि भारतीय महिला टीम की जुझारू भावना और क्रिकेट के मैदान पर हर चुनौती का सामना करने की उनकी क्षमता का प्रतीक बन गया है। अब नजरें अगले विश्व कप पर हैं, जहां भारतीय महिला टीम इस लय को बरकरार रखते हुए इतिहास रचने के लिए पूरी तरह तैयार है।