कोहली और रोहित की ‘अंतिम हुंकार’: ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ से पहले रणभूमि में दिग्गज

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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आगामी वनडे सीरीज़, जो 29 अक्टूबर से शुरू हो रही है, सिर्फ़ एक और क्रिकेट प्रतियोगिता नहीं है। यह भारतीय क्रिकेट के दो सबसे बड़े नामों – विराट कोहली और रोहित शर्मा – के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। हाल ही में दोनों दिग्गजों ने ऑस्ट्रेलिया पहुंचने के तुरंत बाद नेट्स में पसीना बहाया, और उनका यह अभ्यास सत्र केवल शारीरिक तैयारी से कहीं बढ़कर एक बड़ा संदेश देता है।

क्रिकेट की दुनिया में, जहाँ हर दिन नए सितारे उगते हैं, वहीं कुछ खिलाड़ी ऐसे होते हैं जिनकी चमक कभी फीकी नहीं पड़ती। कोहली और रोहित उन्हीं में से हैं। चैंपियंस ट्रॉफी के बाद पहली बार 50 ओवर के फॉर्मेट में एक साथ दिख रहे इन खिलाड़ियों ने लगभग 30 मिनट तक नेट्स में जमकर बल्लेबाजी की। यह सिर्फ़ गेंद को बल्ले से मारना नहीं था; यह दृढ़ता, अनुभव और आने वाली चुनौती के प्रति सम्मान का प्रदर्शन था। रोहित को मुख्य कोच गौतम गंभीर के साथ लंबी बातचीत करते देखा गया, जो शायद रणनीतियों और टीम के भविष्य को लेकर थी। यह दिखाता है कि इन दिग्गजों का योगदान केवल मैदान पर प्रदर्शन तक ही सीमित नहीं, बल्कि रणनीतिक मार्गदर्शन तक भी फैला हुआ है।

पिछले साल टी20 विश्व कप जीतने के बाद टी20 से और इस साल की शुरुआत में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा के बाद, कोहली और रोहित का ध्यान अब पूरी तरह से वनडे क्रिकेट पर केंद्रित है। यह एक दिलचस्प बदलाव है – एक समय में तीनों फॉर्मेट पर राज करने वाले खिलाड़ी अब अपनी ऊर्जा एक ही फॉर्मेट में झोंक रहे हैं। लेकिन यह परिवर्तन उनके करियर के `अंतिम नृत्य` की ओर भी इशारा कर रहा है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह सीरीज़ “डाउन अंडर” में उनकी आखिरी उपस्थिति हो सकती है, और 2027 विश्व कप में उनकी भागीदारी भी उनकी मौजूदा फॉर्म और फिटनेस पर निर्भर करेगी। यह एक ऐसी वास्तविकता है जिससे कोई भी खिलाड़ी नहीं बच सकता, चाहे वह कितना भी महान क्यों न हो।

हालांकि, नए कप्तान शुभमन गिल ने इन दोनों सुपरस्टारों के अनुभव का पूरा समर्थन किया है। यह एक स्वस्थ बदलाव का प्रतीक है, जहाँ युवा नेतृत्व अनुभवी कंधों पर भरोसा करता है। नेट्स सत्र के बाद, कोहली को गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्केल के साथ बातचीत करते और फिर तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह के साथ हल्के-फुल्के पल साझा करते देखा गया। यह सिर्फ़ एक खेल नहीं, बल्कि एक परिवार है, जहाँ अनुभव बाँटा जाता है और अगली पीढ़ी को तैयार किया जाता है।

भारतीय टीम अभी भी अपने प्रशिक्षण सत्र जारी रखेगी, जिसमें शुक्रवार और शनिवार को भी अभ्यास शामिल है। यह सिर्फ़ मैचों की तैयारी नहीं, बल्कि एक युग के समापन और एक नए युग की शुरुआत के बीच संतुलन बनाने का प्रयास है। कोहली और रोहित का यह अभ्यास सत्र सिर्फ़ खुद को तैयार करने के लिए नहीं, बल्कि पूरी टीम को यह संदेश देने के लिए है कि मैदान पर उतरने से पहले हर बूंद पसीना बहाना कितना ज़रूरी है। उनकी मौजूदगी सिर्फ़ स्कोरबोर्ड पर रन नहीं जोड़ती, बल्कि ड्रेसिंग रूम में आत्मविश्वास और मैदान पर प्रेरणा भरती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि ये दिग्गज अपनी `अंतिम हुंकार` से कैसा जादू बिखेरते हैं।