केएल राहुल बने भारत की दीवार: मुश्किल में संभाली पारी, इंग्लैंड अभी भी हावी

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क्रिकेट के मैदान से आई ताज़ा खबर बताती है कि भारत और इंग्लैंड के बीच चल रहे टेस्ट मैच का एक और दिन उतार-चढ़ाव भरा रहा। यह एक ऐसा दिन रहा जहाँ बारिश और रुकावटों ने खेल को बाधित किया, जिससे केवल 72.3 ओवर ही फेंके जा सके। लेकिन जब भी खेल हुआ, रोमांच भरपूर था, खासकर भारतीय बल्लेबाजों के लिए, जो इंग्लैंड के बड़े स्कोर का पीछा करने उतरे थे।

इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए अपनी पारी 387 रनों के एक मजबूत स्कोर पर समाप्त की। उनकी पारी का मुख्य आकर्षण रहे कप्तान जो रूट, जिन्होंने शानदार बल्लेबाजी करते हुए अपना 37वां टेस्ट शतक जड़कर टीम को एक मजबूत नींव दी। ऐसा लग रहा था मानो वह अपनी लय में वापस आ गए हैं और रनों का अंबार लगाने को तैयार हैं। रूट के अलावा, निचले क्रम में जेमी स्मिथ (51) और ब्रायडन कार्स (56) ने भी बेहद उपयोगी अर्द्धशतकीय पारियां खेलकर इंग्लैंड को एक बड़े स्कोर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी जुझारू बल्लेबाजी ने भारतीय गेंदबाजों को निराश किया, खासकर तब जब भारतीय फील्डरों ने कुछ मौके गंवाए, जिसका फायदा उठाकर जेमी स्मिथ ने महत्वपूर्ण रन बटोरे। कहते हैं ना, क्रिकेट में एक जीवनदान महंगा पड़ सकता है और स्मिथ ने इसे साबित कर दिखाया!

हालांकि, भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने अपनी धारदार और सटीक गेंदबाजी से इंग्लैंड को पूरी तरह हावी नहीं होने दिया। उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए 5 विकेट झटके, जो विदेशी टेस्ट मैचों में उनका 13वां पांच विकेट हॉल है। बुमराह ने अपनी क्लास दिखाते हुए जो रूट, बेन स्टोक्स और जोफ्रा आर्चर जैसे महत्वपूर्ण बल्लेबाजों को पवेलियन भेजकर इंग्लैंड की बल्लेबाजी क्रम की कमर तोड़ी। उनकी गेंदबाजी देखकर लगा जैसे वह अकेले ही किला लड़ा रहे हों और किसी भी बल्लेबाजी क्रम को ध्वस्त करने का माद्दा रखते हैं।

जवाब में उतरी भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने शुरुआत में कुछ आकर्षक शॉट लगाकर अपने इरादे तो साफ कर दिए थे, लेकिन वह अपनी पारी को लंबा नहीं खींच पाए और जल्दी आउट हो गए। शुरुआती झटका लगने के बाद, अनुभवी केएल राहुल और करुण नायर ने मिलकर पारी को संभालने का जिम्मा उठाया। दोनों ने मिलकर 61 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी की, जिसने भारतीय खेमे को थोड़ी राहत दी और इंग्लैंड के शुरुआती दबाव को कम किया। करुण नायर अच्छी लय में दिख रहे थे, संयम से बल्लेबाजी कर रहे थे और उन्होंने डीआरएस का सही इस्तेमाल करके एक जीवनदान भी पाया, लेकिन दुर्भाग्यवश 40 रन बनाकर बेन स्टोक्स की गेंद पर जो रूट के एक बेहतरीन कैच पर आउट हो गए। यह कैच रूट के लिए टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा आउटफील्ड कैच लेने का रिकॉर्ड भी बन गया – वाह, एक ही समय में बल्लेबाजी रिकॉर्ड और फील्डिंग रिकॉर्ड!

करुण नायर के आउट होने के बाद, कप्तान शुभमन गिल क्रीज पर आए, लेकिन उन्हें इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों, खासकर जोफ्रा आर्चर की अतिरिक्त गति का सामना करने में थोड़ी मुश्किल हुई। वह क्रीज पर सहज नहीं दिखे और क्रिस वोक्स की गेंद पर विकेट के पीछे कैच दे बैठे और बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे। युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने आते ही कुछ आक्रामक इरादे दिखाए, जो उनकी स्वाभाविक शैली है।

लेकिन इस पूरी भारतीय पारी में एक छोर पर भारतीय दीवार बनकर खड़े रहे केएल राहुल। उन्होंने बेहद संयम, तकनीक और दृढ़ संकल्प के साथ बल्लेबाजी करते हुए अपना अर्द्धशतक पूरा किया। जब बाकी बल्लेबाज आ-जा रहे थे और पिच पर संघर्ष कर रहे थे, राहुल चट्टान की तरह क्रीज पर डटे रहे। उन्होंने इंग्लैंड के गेंदबाजों को ज्यादा मौके नहीं दिए और टीम को मुश्किल स्थिति से निकालने का प्रयास किया। उनकी यह जुझारू पारी न केवल रन बनाने के लिए महत्वपूर्ण थी, बल्कि ड्रेसिंग रूम में टीम के मनोबल को बनाए रखने के लिए भी बेहद जरूरी थी।

दिन का खेल खत्म होने तक भारत का स्कोर 3 विकेट के नुकसान पर 145 रन था। टीम अभी भी इंग्लैंड के 387 रनों से 242 रन पीछे है। यह स्थिति भारतीय टीम के लिए थोड़ी चुनौतीपूर्ण है और इंग्लैंड का पलड़ा फिलहाल भारी दिख रहा है। लेकिन जब तक केएल राहुल और ऋषभ पंत क्रीज पर हैं, भारतीय फैंस की उम्मीदें बाकी हैं। देखना होगा कि अगले दिन भारतीय बल्लेबाज इस मुश्किल स्थिति का सामना कैसे करते हैं, इस साझेदारी को कितना आगे ले जाते हैं और इंग्लैंड के बड़े स्कोर का कितना मुकाबला कर पाते हैं। यह टेस्ट मैच अभी भी किसी भी ओर जा सकता है, लेकिन भारत को वापसी करने के लिए राहुल जैसे स्थापित बल्लेबाजों से लंबी, बहुत लंबी पारी की जरूरत होगी।