क्रिकेट प्रेमियों के लिए कानपुर का ग्रीन पार्क स्टेडियम एक बार फिर बल्लेबाजी के रोमांचक उत्सव का गवाह बना। भारत ए और ऑस्ट्रेलिया ए के बीच खेले गए पहले अनौपचारिक वनडे मुकाबले में भारतीय बल्लेबाजों ने ऐसा तूफान मचाया कि मेहमान टीम के गेंदबाज केवल दर्शक बनकर रह गए।
बुधवार को शुरू हुए इस मुकाबले में, जिसे पिछले दिन बारिश के कारण रद्द करना पड़ा था, भारत ए को पहले बल्लेबाजी का मौका मिला। और इस मौके को भारतीय बल्लेबाजों ने दोनों हाथों से भुनाया, खासकर कप्तान श्रेयस अय्यर और युवा सनसनी प्रियांश आर्य, जिन्होंने अपने-अपने शतकों से मैदान पर आग लगा दी।
ओपनिंग जोड़ी का आक्रामक आगाज
भारत ए की पारी की शुरुआत बेहद विस्फोटक रही। पंजाब किंग्स के साथी खिलाड़ी प्रभसिमरन सिंह और प्रियांश आर्य ने पारी का मोर्चा संभाला और शुरुआत से ही ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों पर हमला बोल दिया। दोनों ने मिलकर 135 रनों की धमाकेदार ओपनिंग साझेदारी की, जिसने बड़े स्कोर की नींव रखी। प्रभसिमरन सिंह ने भी अपनी 56 रनों की तेज पारी में मात्र 53 गेंदें खेलीं, जिससे टीम को गति मिली। उनके आउट होने के बाद, क्रीज पर आए श्रेयस अय्यर ने इस लय को बरकरार रखा, बल्कि इसे और तेज कर दिया।
प्रियांश आर्य का युवा जोश और पहला शतक
प्रियांश आर्य, जिन्होंने अपनी युवा प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए बल्लेबाजी की, ने ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण को तहस-नहस कर दिया। उनकी 101 रनों की शानदार पारी मात्र 84 गेंदों पर आई, जिसमें 11 चौके और 5 गगनचुंबी छक्के शामिल थे। यह प्रियांश की एक मजबूत दस्तक थी, जो भविष्य के लिए एक बड़े सितारे का संकेत दे रही थी। जिस आत्मविश्वास और शैली के साथ उन्होंने बल्लेबाजी की, वह निश्चित रूप से चयनकर्ताओं की नजरों में उन्हें एक आकर्षक विकल्प बना देगी।
श्रेयस अय्यर का शानदार कमबैक: अनुभव और आक्रामकता का संगम
दूसरे छोर पर, टीम के कप्तान श्रेयस अय्यर ने अपनी क्लास और अनुभव का बेहतरीन नमूना पेश किया। हालिया पीठ की सर्जरी और लाल गेंद के क्रिकेट से छह महीने के ब्रेक की घोषणा के बाद, यह पारी उनके लिए एक बयान की तरह थी। उन्होंने मात्र 83 गेंदों पर 110 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली, जिसमें 132.53 का प्रभावशाली स्ट्राइक रेट था। यह शतक उन सभी को एक शांत संदेश था, जो उनकी फिटनेस और फॉर्म पर सवाल उठा रहे थे। अय्यर ने दिखाया कि सफेद गेंद के क्रिकेट में उनका जादू अभी भी बरकरार है। उनकी बल्लेबाजी में एक निश्चित अधिकार और प्रवाह था, जिसने विरोधी टीम को पूरी तरह से बैकफुट पर धकेल दिया। क्या यह प्रदर्शन उनकी वापसी की आधिकारिक घोषणा थी? शायद, लेकिन एक धमाकेदार तरीके से तो जरूर थी।
पारी का धमाकेदार अंत: पराग और बडोनी का योगदान
अय्यर और प्रियांश के आउट होने के बाद, लगा कि शायद भारतीय पारी की गति धीमी पड़ सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। रियान पराग और आयुष बडोनी ने इस लय को आगे बढ़ाया और अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से ऑस्ट्रेलिया ए के गेंदबाजों को एक भी पल शांति से सांस लेने का मौका नहीं दिया। पराग ने मात्र 42 गेंदों पर 67 रन बनाए, जबकि आयुष बडोनी ने तो और भी तेज खेलते हुए 27 गेंदों पर अर्धशतक जड़ दिया। इन निचले क्रम के बल्लेबाजों के तूफानी प्रदर्शन की बदौलत भारत ए ने बोर्ड पर 413/6 का विशाल स्कोर खड़ा किया, जो वनडे क्रिकेट में किसी भी टीम के लिए एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य है।
भविष्य की उम्मीदें और अय्यर का बयान
यह मैच सिर्फ एक बड़ा स्कोर खड़ा करने तक सीमित नहीं था, बल्कि इसने भारतीय क्रिकेट के लिए कई महत्वपूर्ण संकेत दिए। एक तरफ जहां प्रियांश आर्य जैसे युवा खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया, वहीं दूसरी तरफ श्रेयस अय्यर ने यह साबित किया कि उनका अनुभव और आक्रामकता टीम के लिए कितनी महत्वपूर्ण है। लाल गेंद के क्रिकेट से छुट्टी लेने के बाद, उनकी यह धमाकेदार सफेद गेंद की पारी शायद इस बात का पुख्ता सबूत है कि उनका ध्यान अब सीमित ओवरों के प्रारूप पर केंद्रित है, और इसमें वह पूरी तरह से फिट और तैयार हैं। कानपुर का यह मुकाबला भारतीय ए टीम के लिए एक शानदार शुरुआत थी, जो यह दर्शाती है कि अनुभव और युवा ऊर्जा का सही मिश्रण क्या कमाल कर सकता है।
अब देखना यह होगा कि ऑस्ट्रेलियाई ए टीम इस विशाल लक्ष्य का पीछा कैसे करती है, लेकिन एक बात तो तय है – इस मैच ने भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों को जश्न मनाने का भरपूर मौका दिया है।