भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आगामी T20I सीरीज सिर्फ एक और क्रिकेट श्रृंखला नहीं, बल्कि भारतीय टीम के लिए एक गहरा रणनीतिक अभ्यास है। कप्तान सूर्यकुमार यादव ने कैनबरा में पहले T20I से पहले अपनी `सूर्य`नीति का अनावरण किया है, जो आने वाले मैचों के लिए टीम के इरादों को स्पष्ट करती है।
जसप्रीत बुमराह: पावरप्ले का `ब्रह्मास्त्र` और अनुभव का धनी
सूर्यकुमार ने जोर देकर कहा कि पांच मैचों की इस श्रृंखला में पावरप्ले ओवर निर्णायक साबित होंगे। और इस महत्वपूर्ण चरण में टीम के सबसे बड़े `ब्रह्मास्त्र` जसप्रीत बुमराह की उपस्थिति भारतीय खेमे के लिए किसी वरदान से कम नहीं। “बुमराह का होना हमेशा टीम के लिए एक संपत्ति रहा है, खासकर ऑस्ट्रेलिया जैसे आक्रामक प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ,” उन्होंने कहा।
बुमराह का ऑस्ट्रेलिया में खेलने का अनुभव अनमोल है, और वह जानते हैं कि यहां की उछाल भरी पिचों पर कैसे बेहतरीन प्रदर्शन किया जाए। एक गेंदबाज जो पावरप्ले में कम से कम दो ओवर डालने की जिम्मेदारी उठाता है, वह न केवल आत्मविश्वास देता है बल्कि विपक्षी बल्लेबाजों के लिए भी एक गंभीर चुनौती पेश करता है। यह ऐसे है जैसे आप शतरंज में अपने सबसे मजबूत मोहरे को पहले ही चाल में इस्तेमाल कर लें – विरोधी को सोचने पर मजबूर कर दे कि आगे क्या होगा!
विश्व कप की तैयारी: एक बड़ा मिशन
यह श्रृंखला अगले साल होने वाले T20 विश्व कप की तैयारियों की एक महत्वपूर्ण कड़ी मानी जा रही है। टीम संयोजन में बहुत अधिक बदलाव की उम्मीद नहीं है, क्योंकि दक्षिण अफ्रीका दौरे पर भी टीम ने एक तेज गेंदबाज, एक ऑलराउंडर और तीन स्पिनरों के साथ खेला था, जो ऑस्ट्रेलिया की उछाल भरी पिचों के समान परिस्थितियों के अनुकूल है। सूर्यकुमार ने स्पष्ट किया, “हम इसे किसी विदेशी दौरे के रूप में नहीं देख रहे हैं, बल्कि विश्व कप की तैयारी के एक हिस्से के रूप में देख रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड या दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में हमेशा चुनौतीपूर्ण परिस्थितियां होती हैं, लेकिन इन परिस्थितियों के अनुकूल ढलना और रन बनाना ही सफलता की कुंजी है। यह क्रिकेट का वह सुनहरा नियम है जिसे `नॉन-नेगोशिएबल` कहा जाता है – यानी इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता।
फील्डिंग पर `तीसरी आंख` और निरंतर प्रयास
हाल के कुछ मैचों में टीम की फील्डिंग में कुछ कमियों को स्वीकार करते हुए, सूर्यकुमार ने बताया कि खिलाड़ी इस पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं। वैकल्पिक अभ्यास सत्र होने के बावजूद, सभी खिलाड़ी फील्डिंग का अभ्यास करने आए, जो टीम के समर्पण को दर्शाता है। “यह खेल का हिस्सा है, लेकिन इसके बाद आप क्या करते हैं, यह अधिक महत्वपूर्ण है,” उन्होंने कहा। `सर्वश्रेष्ठ फील्डिंग यूनिट` बनने का लक्ष्य अभी दूर हो सकता है, लेकिन खिलाड़ियों का इरादा और प्रयास सराहनीय है। कप्तान के अनुसार, अगर प्रयास पूरी ईमानदारी से हो, तो एक कैच छूट भी जाए तो कोई बड़ी समस्या नहीं, बशर्ते इरादा सही हो।
“अच्छा सिरदर्द”: चयन की चुनौती
भारतीय टीम में प्रतिभा की भरमार है, और यह कप्तान के लिए एक “अच्छे सिरदर्द” से कम नहीं। तेज गेंदबाज, स्पिनर, और शीर्ष से सातवें नंबर तक कहीं भी बल्लेबाजी करने में सक्षम खिलाड़ियों की उपलब्धता, अंतिम एकादश का चयन वाकई मुश्किल बना देती है। हालांकि, सूर्यकुमार ने इस पर जोर दिया कि हर खिलाड़ी टीम के अंतिम लक्ष्य को जानता है: भारत के लिए जीत हासिल करना। “यह मायने नहीं रखता कि कौन खेल रहा है या कौन नहीं, लक्ष्य सिर्फ भारत को जीत दिलाना है।” उन्होंने रिंकू सिंह का उदाहरण दिया, जिन्हें एशिया कप के फाइनल तक मौका नहीं मिला, लेकिन जब जरूरत पड़ी, तो उन्होंने निर्णायक बाउंड्री लगाकर मैच जिताया। यह टीम की गहराई और `कभी भी, किसी को भी मौका मिल सकता है` की मानसिकता को दर्शाता है।
कप्तान का भरोसा: शिवम दुबे की `कड़ी मेहनत`
सूर्यकुमार ने अपने खिलाड़ियों पर अटूट विश्वास व्यक्त किया, विशेष रूप से शिवम दुबे पर, जिन्होंने एशिया कप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। “मैंने उन पर इतना भरोसा दिखाया कि एशिया कप के फाइनल में उनसे दो बार गेंदबाजी करवाई। मैं उनके साथ 8-10 साल से खेल रहा हूं, इसलिए मैं जानता हूं।” उनकी बात में एक हल्की-सी व्यंग्य भरी मुस्कान भी झलकती है कि कैसे कुछ खिलाड़ी `छुपे रुस्तम` साबित होते हैं जब उन पर विश्वास जताया जाता है। दुबे की कड़ी मेहनत और स्पष्ट योजनाएं ही उनकी सफलता का राज हैं, और कप्तान को उन पर पूरा भरोसा है। आखिरकार, जब योजनाएं स्पष्ट हों और तैयारी पुख्ता, तो फिर चिंता किस बात की?
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच यह टी20ई श्रृंखला क्रिकेट प्रेमियों के लिए मनोरंजन का एक बड़ा डोज़ होने वाली है। लेकिन भारतीय टीम के लिए, यह सिर्फ़ रनों और विकेटों का खेल नहीं, बल्कि एक बड़े सपने – विश्व कप विजय – की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सूर्यकुमार की अगुवाई में, टीम एक मजबूत रणनीति और अटूट आत्मविश्वास के साथ मैदान में उतरने को तैयार है। तो, अपनी सीट बेल्ट बांध लीजिए, क्योंकि यह सिर्फ़ एक खेल नहीं, बल्कि एक रोमांचक यात्रा का आगाज़ है!
