इटली की विश्व कप 2026 राह: गोल, जुनून और नार्वे को पछाड़ने की चुनौती

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फीफा विश्व कप 2026 क्वालीफायर में इटली की यात्रा किसी रोलरकोस्टर से कम नहीं रही है। उतार-चढ़ाव, नाटकीय जीत और हर गोल के लिए संघर्ष – यह सब इटालियन फुटबॉल के प्रशंसकों के लिए एक दिल दहला देने वाला अनुभव रहा है। खासकर जब बात विश्व कप जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में सीधी योग्यता हासिल करने की हो, तो दांव और भी ऊँचे हो जाते हैं।

इटली के खिलाड़ी विश्व कप क्वालीफायर मैच में जश्न मनाते हुए

इटली के खिलाड़ी इज़राइल के खिलाफ महत्वपूर्ण जीत का जश्न मनाते हुए।

इज़राइल पर नाटकीय जीत: एक बचाव की कहानी

हाल ही में इज़राइल के खिलाफ हुई मुठभेड़ ने पूरे फुटबॉल जगत को दांतों तले उंगलियां दबाने पर मजबूर कर दिया। 5-4 की जीत, जो टोनाली के 91वें मिनट के विजयी गोल से सुनिश्चित हुई, वास्तव में `पागलपन भरा` मैच था। यह ऐसा मुकाबला था जहाँ दोनों टीमों ने रक्षा पंक्ति में असावधानी और आक्रामक खेल का एक अनूठा मिश्रण प्रदर्शित किया। इस जीत से पहले, एस्तोनिया पर 5-0 की शानदार विजय के साथ, अज़ूरी ने अपने गोल अंतर को महत्वपूर्ण रूप से सुधारा है। जहाँ कभी गोल अंतर -1 था, अब वह +5 हो गया है, जिसने टीम को ग्रुप I में दूसरे स्थान पर धकेल दिया है। इज़राइल के भी 9 अंक हैं, लेकिन इटली का गोल अंतर बेहतर है, जो इस दौड़ में एक महत्वपूर्ण बढ़त प्रदान करता है।

नार्वे की बाधा और सीधी योग्यता की दौड़

हालांकि दूसरे स्थान पर होना अच्छा है, लेकिन सीधी विश्व कप योग्यता के लिए यह पर्याप्त नहीं है। ग्रुप विजेता ही सीधे क्वालीफाई करता है, जबकि दूसरे स्थान वाली टीमों को प्लेऑफ के कठिन मार्ग से गुजरना पड़ता है। इस समय, नार्वे 12 अंकों और +11 के प्रभावशाली गोल अंतर के साथ शीर्ष पर काबिज है। इटली उनसे 3 अंक पीछे है, और आगामी चार मैचों में उन्हें हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी। 16 नवंबर को सान सिरो में नार्वे के खिलाफ होने वाला सीधा मुकाबला निर्णायक साबित हो सकता है। यह सिर्फ जीत-हार का सवाल नहीं है, बल्कि गोलों का भी सवाल है – क्योंकि बराबर अंकों की स्थिति में, गोल अंतर ही अंतिम निर्णय कारक होगा, न कि सीधे मुकाबले का परिणाम। नार्वे का +11 का गोल अंतर एक बड़ी चुनौती है, जिसे इटली को पाटना होगा।

गट्टूसो का मिशन: गोल करें, रक्षा सुधारें

इटली के मुख्य कोच गट्टूसो के लिए यह समय कम और काम ज़्यादा है। उनकी टीम को न केवल लगातार जीत हासिल करनी है, बल्कि अधिक से अधिक गोल भी करने हैं। साथ ही, रक्षा पंक्ति में हुई गलतियों को सुधारना भी उनकी प्राथमिकता है। इज़राइल के खिलाफ हुए मैच ने टीम की आक्रामक क्षमता को तो उजागर किया, लेकिन रक्षात्मक कमजोरियों को भी सामने ला दिया। एक प्रशंसक ने तो यहां तक कह दिया कि “गट्टूसो के हृदय रोग विशेषज्ञ को सूचित कर दें!”, जो टीम के अप्रत्याशित प्रदर्शन पर एक व्यंगात्मक टिप्पणी है। निश्चित रूप से, यह सिर्फ खिलाड़ियों का नहीं, बल्कि कोच के धैर्य और रणनीति का भी इम्तिहान है। उन्हें एक ऐसी टीम तैयार करनी होगी जो संतुलन बनाए रखे – आक्रामक भी हो और रक्षात्मक रूप से भी मजबूत।

आगे की राह: महत्वपूर्ण मुकाबले

इटली के पास अभी चार महत्वपूर्ण मैच बाकी हैं जो उनके विश्व कप भाग्य का निर्धारण करेंगे:

  • 11 अक्टूबर 2025: एस्तोनिया बनाम इटली (अवे)
  • 14 अक्टूबर 2025: इटली बनाम इज़राइल (होम)
  • 13 नवंबर 2025: मोल्डोवा बनाम इटली (अवे)
  • 16 नवंबर 2025: इटली बनाम नार्वे (होम, सान सिरो)

इनमें से हर मैच जीतना इटली के लिए अनिवार्य है। नार्वे को भी अपने आगामी मैचों में कोई गलती नहीं करनी होगी, लेकिन उनकी हार इटली के लिए चीजें आसान कर सकती है। हालांकि, सबसे अच्छी रणनीति यही है कि किसी भी गणना पर भरोसा न करके, सिर्फ मैदान पर प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित किया जाए।

टाई-ब्रेकर मानदंड: हर गोल क्यों मायने रखता है

यह समझना महत्वपूर्ण है कि यदि टीमें समान अंकों पर समाप्त होती हैं, तो टाई-ब्रेकर के नियम क्या हैं। ये नियम दिखाते हैं कि क्यों हर गोल महत्वपूर्ण है:

  • सामान्य गोल अंतर: बनाए गए और खाए गए गोलों के बीच का अंतर। यह पहला और सबसे महत्वपूर्ण मानदंड है।
  • ग्रुप में किए गए गोल: यदि गोल अंतर समान है, तो जिसने अधिक गोल किए हैं, वह आगे होगा।
  • सीधे मुकाबले में अंक: यदि ऊपर के दोनों मानदंड समान हैं, तो सीधे मुकाबले में प्राप्त अंक देखे जाते हैं।
  • सीधे मुकाबले में गोल अंतर: यदि सीधे मुकाबले में भी अंक समान हैं, तो सीधे मुकाबले में गोल अंतर देखा जाएगा।
  • सीधे मुकाबले में किए गए गोल: फिर सीधे मुकाबले में किए गए कुल गोल।
  • सीधे मुकाबले में अवे गोल: अंत में, सीधे मुकाबले में किए गए अवे गोल।

वर्तमान में नार्वे का +11 का गोल अंतर इटली के +5 से कहीं बेहतर है। इसका मतलब है कि नार्वे को पछाड़ने के लिए इटली को न केवल अपने सभी मैच जीतने होंगे, बल्कि बड़े अंतर से भी जीतना होगा, खासकर नार्वे के खिलाफ।

निष्कर्ष: विश्व कप का सपना और इटली की चुनौती

विश्व कप 2026 क्वालीफिकेशन की दौड़ अभी लंबी है, और इटली को सीधी योग्यता के लिए एक कठिन रास्ते पर चलना होगा। इज़राइल के खिलाफ मिली जीत ने टीम को उम्मीद की एक नई किरण दी है, लेकिन नार्वे एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी है। गट्टूसो और उनकी टीम को अपने रक्षात्मक खेल को मजबूत करना होगा और गोल करने की अपनी क्षमता को बरकरार रखना होगा। फुटबॉल में कुछ भी असंभव नहीं है, और इतालवी टीम को अपने “आज्जुरी” (नीले) जर्सी के गौरव के लिए लड़ना होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वे इस रोमांचक दौड़ में नार्वे को पछाड़कर सीधे विश्व कप में अपनी जगह बना पाते हैं, या उन्हें प्लेऑफ के जटिल मार्ग से गुजरना पड़ता है। उम्मीद और जुनून के साथ, इटली का लक्ष्य स्पष्ट है: 2026 में विश्व मंच पर फिर से चमकना।