इटली के कोच पॉज़्ज़ेक्को चाहते हैं यूरोबास्кет में पोलोनारा की उपस्थिति

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इटली की राष्ट्रीय बास्केटबॉल टीम के मुख्य कोच जियानमार्को पॉज़्ज़ेक्को के मन में इस समय एक खास इच्छा है, जो टीम के एक अहम खिलाड़ी अकिली पोलोनारा से जुड़ी है। कोच पॉज़्ज़ेक्को ने हाल ही में अपनी यह आशा व्यक्त की है कि आने वाले यूरोबास्केट टूर्नामेंट के दौरान पोलोनारा किसी न किसी रूप में टीम के साथ मौजूद रहें। यह सिर्फ एक कोच की इच्छा नहीं, बल्कि एक साथी के प्रति गहरे समर्थन और टीम की भावना का प्रतीक है।

अकिली पोलोनारा का संघर्ष

वर्तमान में, अकिली पोलोनारा एक कठिन स्वास्थ्य लड़ाई लड़ रहे हैं। वे स्पेन के वालेंसिया शहर में मायलॉइड ल्यूकेमिया (एक प्रकार का रक्त कैंसर) का इलाज करा रहे हैं। इस गंभीर बीमारी का निदान उन्हें इटालियन लीग के सेमीफाइनल मुकाबलों के दौरान हुआ था। इस अप्रत्याशित स्थिति के कारण, उनका इस समय बास्केटबॉल कोर्ट पर सक्रिय रूप से खेलना संभव नहीं है। लेकिन यह टीम के लिए सिर्फ एक खिलाड़ी की अनुपस्थिति से बढ़कर है, यह एक साथी की गैरमौजूदगी है।

पॉज़्ज़ेक्को का भावनात्मक दृष्टिकोण

एक हालिया साक्षात्कार में, कोच पॉज़्ज़ेक्को ने पोलोनारा और उनके प्रति अपनी भावनाओं के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने कहा, “पोलोनारा? मेरा तो बस यही सपना है कि वह यूरोबास्केट में हमारे साथ, स्टाफ के हिस्से के रूप में रहें।” यह बयान उनकी गहरी भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाता है। पॉज़्ज़ेक्को ने इस बात पर विशेष ज़ोर दिया कि अगर अकिली टीम के साथ आ पाते हैं, तो यह पूरी टीम के लिए और खुद अकिली के लिए भी एक “बहुत मजबूत संकेत” होगा – एक तरह से यह बताने जैसा होगा कि चाहे कुछ भी हो जाए, हम साथ हैं। कोच ने यह भी बताया कि वे रोज़ाना अकिली से बातचीत करते हैं, जो उनके और खिलाड़ी के बीच के मजबूत बंधन को दर्शाता है। यह सपना, शायद थोड़ा महत्वाकांक्षी लगे, पर यह दिखाता है कि खेल मैदान से बाहर भी रिश्ते कितने मायने रखते हैं।

टीम की तैयारी और मानवीय पहलू

इटली की टीम यूरोबास्केट के लिए अपनी तैयारियों में व्यस्त है। टूर्नामेंट का ग्रुप स्टेज साइप्रस में खेला जाना है और टीम अपने नियमित कोचिंग स्टाफ के साथ मैदान में उतरेगी। ऐसे समय में जब फोकस खेल रणनीति और तैयारी पर होता है, कोच पॉज़्ज़ेक्को का यह बयान खेल के उस मानवीय पक्ष को सामने लाता है, जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। यह बताता है कि परिणाम चाहे जो भी हो, टीम के सदस्यों का एक-दूसरे के प्रति समर्थन और एकजुटता ही सबसे बड़ी ताकत है। ल्यूकेमिया जैसी जानलेवा बीमारी से जूझ रहे एक खिलाड़ी के लिए यह भावनात्मक सहारा किसी भी जीत से कम नहीं है।

संक्षेप में कहें तो, जियानमार्को पॉज़्ज़ेक्को का अकिली पोलोनारा को टीम के साथ रखने का यह सपना केवल एक इच्छा नहीं, बल्कि आशा, समर्थन और अटूट टीम भावना का प्रतीक है। जबकि पोलोनारा अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दे रहे हैं, टीम और उनके कोच का यह गहरा जुड़ाव बताता है कि बास्केटबॉल परिवार मुश्किल घड़ी में भी एक साथ खड़ा है।