दो दिन, दो हार। यह इतालवी पुरुषों की राष्ट्रीय बास्केटबॉल टीम के लिए एथेंस में आयोजित एक्रोपोलिस टूर्नामेंट का निष्कर्ष रहा। जहाँ लातविया के बाद ग्रीस ने भी अज़ूरी (इतालवी टीम) को 76-74 के करीबी अंतर से मात दी, वहीं यह सिर्फ एक दोस्ताना मैच था, जो शायद कहीं अधिक महत्वपूर्ण बातें सिखा गया। कोच जियानमार्को पोज़ेक्को की टीम, जो आगामी यूरोपीय चैंपियनशिप के लिए अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे रही है, के लिए यह हार एक कड़वी गोली की तरह हो सकती है, लेकिन हर कड़वी गोली में अक्सर सुधार का अमृत छिपा होता है। क्या यह सिर्फ थकान थी, या रणनीति में कुछ मूलभूत खामियाँ? आइए गहराई से जानें।
शुरुआती तेज़ी: जब लगा सब ठीक है
मैच की शुरुआत धीमी रही, पहले दो मिनट तक कोई भी टीम स्कोर नहीं कर पाई। लेकिन फिर, सिमोन फोंटेक्चियो ने दो शानदार थ्री-पॉइंटर्स के साथ इटली को 6-3 की बढ़त दिलाई, जिससे यह संकेत मिला कि लातविया के खिलाफ पिछले मैच की तुलना में आज माहौल अलग है। निकोलो मेली ने भी थ्री-पॉइंट लाइन से योगदान दिया, जिससे इटली ने अपनी बढ़त मजबूत की। पहले क्वार्टर के अंत तक, इटली 20-16 से आगे था। यह देखकर ऐसा लग रहा था कि अज़ूरी टीम अपनी पिछली गलतियों से सीख चुकी है। दूसरे क्वार्टर में भी इटली ने अपनी ऊर्जा और आक्रमण जारी रखा। नियांग की जबरदस्त शारीरिक शक्ति और अकेले की बेहतरीन डिफेंस ने टीम को नई ऊर्जा दी। हाफ टाइम तक इटली ने 40-30 की आरामदायक बढ़त बना ली थी, जिसमें फोंटेक्चियो की एक और थ्री-पॉइंटर ने निर्णायक भूमिका निभाई। सब कुछ सही दिशा में लग रहा था, मानो इटली ने अपनी लय पा ली हो।
तीसरा क्वार्टर: गलतियों का बवंडर और ग्रीस का पलटवार
लेकिन बास्केटबॉल सिर्फ पहले और दूसरे क्वार्टर का खेल नहीं है। तीसरे क्वार्टर में, इटली की टीम अचानक लड़खड़ा गई। मानो किसी अदृश्य शक्ति ने उनके पैरों से ज़मीन खींच ली हो। यह वह दौर था जब इटली ने अत्यधिक टर्नओवर (कुल 18) किए और 27-12 का एक नकारात्मक रन दिया, जिसने मैच का रुख पूरी तरह बदल दिया। ग्रीस ने इन इतालवी गलतियों का भरपूर फायदा उठाया। उनके खिलाड़ियों, विशेष रूप से डोर्सी और कलाइतज़ाकिस ने आक्रामक खेल दिखाया और तेजी से बढ़त बनाई। इटली का आक्रमण विफल होता दिख रहा था, और रक्षा पंक्ति भी ढीली पड़ गई। कुछ ही मिनटों में, इटली की 10 अंकों की बढ़त 48-51 की कमी में बदल गई। इस क्वार्टर के अंत तक, इटली 52-57 से पीछे था, और उन्हें मैच में वापसी के लिए एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा था।
चौथा क्वार्टर: संघर्ष जारी रहा, पर जीत दूर रही
चौथे क्वार्टर में, इटली ने हार न मानने वाला अपना चरित्र दिखाया। स्पिसू ने दो महत्वपूर्ण थ्री-पॉइंटर्स और एंटी-स्पोर्टिव फाउल से मिले फ्री-थ्रो से टीम को फिर से मैच में लाने की कोशिश की, जिससे अंतर घटकर केवल दो अंक (71-73) रह गया। यह ऐसा क्षण था जब उम्मीदें फिर से जाग उठीं। लेकिन बास्केटबॉल के देवता शायद उस दिन ग्रीस के साथ थे। मेली का एक निर्णायक थ्री-पॉइंटर, जो मैच का रुख बदल सकता था, रिंग पर लगकर वापस आ गया। अंतिम सेकंड में, ग्रीस ने फ्री-थ्रो से अपनी बढ़त पक्की की। फोंटेक्चियो का एक और थ्री-पॉइंटर अंतिम हूटर बजने के बाद आया, जो जीत के लिए बहुत देर हो चुकी थी। 74-76 की यह हार, इटली के जुझारूपन के बावजूद, एक कड़वा अनुभव थी।
सीख और भविष्य की राह
यह टूर्नामेंट, और विशेष रूप से ग्रीस के खिलाफ यह मैच, इटली के लिए यूरोपीय चैंपियनशिप से ठीक पहले एक महत्वपूर्ण `वेक-अप कॉल` साबित हुआ है। कुछ प्रमुख बातें जो सामने आईं:
- अत्यधिक टर्नओवर: 18 टर्नओवर जैसी गलतियाँ बड़े मैचों में भारी पड़ सकती हैं। इस पर तुरंत काम करने की ज़रूरत है।
- निरंतरता का अभाव: पहले हाफ की शानदार लय को पूरे मैच में बनाए न रख पाना एक गंभीर चुनौती है। तीसरे क्वार्टर का पतन इसका सबसे बड़ा प्रमाण है।
- नियांग का उदय: सैंड्रो नियांग का प्रदर्शन एक सकारात्मक संकेत है। उनकी शारीरिक शक्ति और ऊर्जा यूरोपीय चैंपियनशिप में टीम के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।
- टीम का चरित्र: हारने के बावजूद टीम ने हार नहीं मानी और अंत तक संघर्ष किया, जो किसी भी बड़ी प्रतियोगिता के लिए एक महत्वपूर्ण गुण है।
- गैलिनारी की अनुपस्थिति: डैनिलो गैलिनारी का मैच से बाहर रहना, भले ही यह कोच का निर्णय था, टीम की आक्रमण शक्ति को प्रभावित करता है। उनकी वापसी से टीम को काफी फायदा होगा।
कोच पोज़ेक्को को अब इन कमजोरियों को दूर करने और सही टीम संतुलन खोजने पर ध्यान केंद्रित करना होगा। यह हार, भले ही दोस्ताना मैच में हो, इटली को अपनी रणनीतियों पर फिर से विचार करने और यूरोपीय चैंपियनशिप के लिए एक मजबूत टीम तैयार करने का अवसर देती है। टीम ने चरित्र दिखाया, जो बड़ी प्रतियोगिताओं में बहुत मायने रखता है। अब नज़रें साइप्रस में होने वाले यूरोपीय चैंपियनशिप पर हैं, जहाँ इटली फिर से ग्रीस का सामना करेगा।
यह सिर्फ एक शुरुआत है। वास्तविक चुनौती अभी आनी बाकी है। और इटली, अपनी समृद्ध बास्केटबॉल विरासत के साथ, जानता है कि हर हार सिर्फ जीत की सीढ़ी का एक और पायदान होती है। आगामी चैंपियनशिप में, इटली को न केवल अपने विरोधियों से, बल्कि अपनी पिछली गलतियों से भी बेहतर प्रदर्शन करना होगा। यह एक रोमांचक यात्रा होगी, और हम यह देखने के लिए उत्सुक हैं कि अज़ूरी टीम कैसे इन पाठों को सीखकर आगे बढ़ती है।