इटली बास्केटबॉल का विजय मार्च: फोंटेचियो की रिकॉर्ड-तोड़ पारी से बोस्निया ढेर

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यूरोपियन बास्केटबॉल चैंपियनशिप में इटली ने बोस्निया-हर्ज़ेगोविना पर एक शानदार और संघर्षपूर्ण जीत दर्ज की है, जिसमें सिमोन फोंटेचियो का प्रदर्शन असाधारण रहा। यह सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि क्वालीफिकेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो इटली की दृढ़ता और टीम भावना को दर्शाता है।

एक नाटकीय शुरुआत और कोच का अप्रत्याशित निष्कासन

मैच की शुरुआत इटली के लिए उतनी आसान नहीं थी जितनी उम्मीद की गई थी। बोस्निया-हर्ज़ेगोविना की टीम ने अपनी शारीरिक शक्ति का प्रदर्शन करते हुए इटली को शुरुआत में ही परेशान किया। निकोला नूरकिक जैसे खिलाड़ियों की उपस्थिति ने इटली के डिफेंस के लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं, जिससे बोस्नियाई टीम को रक्षात्मक रीबाउंड्स और पेंट एरिया में भारी अंक बटोरने का मौका मिला। ऐसा लग रहा था मानो इटली की `अज़ुर्री` टीम अपनी लय ढूंढने में संघर्ष कर रही थी।

ठीक इसी उथल-पुथल के बीच, तीसरे क्वार्टर की शुरुआत में एक नाटकीय मोड़ आया। इटली के मुख्य कोच, पोज़ेको, तकनीकी फाउलों के ढेर के कारण कोर्ट से निष्कासित कर दिए गए। आमतौर पर, ऐसे पल किसी टीम का मनोबल तोड़ सकते हैं, लेकिन इटली के खिलाड़ियों ने इसे शायद एक चुनौती के रूप में लिया। यह कहना उचित होगा कि कभी-कभी, कोच का `रणनीतिक बलिदान` ही टीम को वह चिंगारी दे जाता है जिसकी उसे सबसे ज्यादा जरूरत होती है – या शायद उन्हें बस शांत मन से खेलने की आजादी मिल गई

सिमोन फोंटेचियो: एक अजेय स्कोरिंग मशीन

हालांकि, इस सभी संघर्ष और नाटक के बीच एक खिलाड़ी ऐसा था जो अपनी चमक बिखेर रहा था – सिमोन फोंटेचियो। वह पूरी तरह से `ऑन फायर` थे, और उनका प्रदर्शन किसी भी रक्षा के लिए अजेय था। हाफ-टाइम तक उन्होंने 21 अंक बनाए थे, लेकिन अंत तक उनका कुल स्कोर 39 तक पहुंच गया (जिसमें 10 में से 7 थ्री-पॉइंटर्स शामिल थे)। यह उनके करियर का, और संभवतः टूर्नामेंट का, एक नया व्यक्तिगत और पूर्ण रिकॉर्ड था। उन्होंने मानो पूरी टीम को अपने कंधों पर उठा लिया, खासकर पहले क्वार्टर में जब उन्होंने लगातार 10 अंक बनाए और इटली को गति दी।

फोंटेचियो की कलात्मकता और सटीकता ने बोस्नियाई रक्षा को ध्वस्त कर दिया। चाहे वह दाहिने फेंट से बाईं ओर जाकर शानदार डंक मारना हो, या महत्वपूर्ण क्षणों में सटीक थ्री-पॉइंटर्स दागना हो, फोंटेचियो हर मोर्चे पर खरे उतरे। उनकी यह ऐतिहासिक पारी ही इटली की जीत का मुख्य आधार बनी।

टीम वर्क और लचीलेपन का प्रदर्शन

सिर्फ फोंटेचियो ही नहीं, अन्य खिलाड़ियों ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। निकोलो मेल्ली ने कप्तान के रूप में अपनी भूमिका बखूबी निभाई। कोच के निष्कासन के बाद, मेल्ली ने टीम को शांत किया और उन्हें फिर से संगठित किया। उनके ठोस प्रदर्शन ने टीम को स्थिरता प्रदान की। डोमिनिक थॉम्पसन (14 अंक) और मार्को स्पिस्सु (14 अंक) ने भी महत्वपूर्ण स्कोरिंग की और टीम के लिए आवश्यक गहराई प्रदान की।

इटली ने यह दिखाया कि वे संघर्षों का सामना कर सकते हैं। भले ही उनका डिफेंस हमेशा सटीक नहीं था और उन्होंने बोस्निया के खिलाफ काफी अंक पेंट एरिया में गंवाए, फिर भी वे लगभग सौ अंक बनाने में कामयाब रहे। यह उनकी आक्रामक क्षमता और कभी हार न मानने वाले रवैये का प्रमाण है। स्पिस्सु ने अपनी जीत के बाद मुस्कुराते हुए कहा, “जो भी हमें देख रहा है, मैं उसे एक चुम्मा भेजता हूँ।”

बोस्निया की रणनीति और इटली की निर्णायक बढ़त

बोस्निया के लिए, नूरकिक को खेल के केंद्रीय भाग में बेंच पर रखने का निर्णय महंगा साबित हुआ। जब तक वह कोर्ट पर थे, उन्होंने इटली के लिए मुश्किलें खड़ी कीं, लेकिन उनकी अनुपस्थिति ने इटली को अपनी लय खोजने और आक्रामक खेल खेलने का मौका दिया। तीसरे क्वार्टर में, मेल्ली के नेतृत्व में इटली ने खुद को संगठित किया और एक निर्णायक बढ़त बनाई। स्पिस्सु के थ्री-पॉइंटर्स और थॉम्पसन के असिस्ट ने इस बढ़त को मजबूत किया, जिससे इटली 30वें मिनट तक 72-61 से आगे हो गया।

अंतिम क्वार्टर में भी इटली ने अपनी पकड़ बनाए रखी। फोंटेचियो ने 31 अंकों के अपने अधिकतम स्कोर को पार करते हुए टीम को और आगे बढ़ाया। बोस्निया ने वापसी की कोशिश की, लेकिन इटली की दृढ़ता ने उन्हें सफल नहीं होने दिया। पायजोला के थ्री-पॉइंटर्स और फोंटेचियो के निर्णायक शॉट्स ने बोस्निया की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

भविष्य की राह

96-79 की यह जीत इटली के लिए केवल दो अंक नहीं है, बल्कि यूरोपियन चैंपियनशिप में उनकी योग्यता की ओर एक बड़ा कदम है। टीम ने दिखाया है कि वे दबाव में प्रदर्शन कर सकते हैं, चुनौतियों का सामना कर सकते हैं और एक अजेय भावना के साथ खेल सकते हैं। सिमोन फोंटेचियो जैसे खिलाड़ी का फॉर्म में होना इटली के लिए एक बड़ा वरदान है, और यह जीत उन्हें आने वाले मैचों के लिए अत्यधिक आत्मविश्वास प्रदान करेगी। इटली की यह `अज़ुर्री` टीम अब बड़े सपनों की ओर देख रही है, और इस प्रदर्शन के बाद वे निश्चित रूप से टूर्नामेंट में एक खतरनाक प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभरे हैं।

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