विदेश मंत्री के तौर पर जयशंकर की सऊदी अरब की पहली यात्रा
भारत के कच्चे तेल का 18 प्रतिशत से अधिक आयात सऊदी अरब से होता है
सऊदी अरब में लगभग 22 लाख भारतीय हैं
Indo-Saudi Cooperation: भारत और सऊदी अरब के बीच रणनीतिक संबंधों के महत्व को रेखांकित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि सहयोग साझा विकास, समृद्धि, स्थिरता, सुरक्षा और विकास का वादा करता है। जयशंकर सऊदी अरब के साथ भारत के संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए तीन दिवसीय यात्रा पर शनिवार को यहां पहुंचे। विदेश मंत्री ने रविवार सुबह रियाद में ‘प्रिंस सऊद अल फैसल इंस्टीट्यूट ऑफ डिप्लोमैटिक स्टडीज’ में राजनयिकों को संबोधित किया।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘आज सुबह रियाद में ‘प्रिंस सऊद अल फैसल इंस्टीट्यूट ऑफ डिप्लोमैटिक स्टडीज’ में राजनयिकों को संबोधित किया। ऐसे समय जब दुनिया विभिन्न मुद्दों का सामना कर रही है, भारत-सऊदी रणनीतिक संबंधों के महत्व को रेखांकित किया।’’ जयशंकर ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘हमारा सहयोग साझा विकास, समृद्धि, स्थिरता, सुरक्षा और विकास का वादा करता है।’’ विदेश मंत्री के तौर पर जयशंकर की सऊदी अरब की यह पहली यात्रा है। यात्रा के दौरान, जयशंकर सऊदी अरब के अपने समकक्ष शहजादे फैसल बिन फरहान अल सऊद के साथ भारत-सऊदी अरब रणनीतिक भागीदारी परिषद के ढांचे के तहत स्थापित राजनीतिक, सुरक्षा, सामाजिक और सांस्कृतिक सहयोग समिति (पीएसएससी) की पहली मंत्रिस्तरीय बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे।
भारत सऊदी के संबंध सदियों पुराने
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और सऊदी अरब के बीच सदियों पुराने आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक संबंधों के साथ सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। भारत के कच्चे तेल का 18 प्रतिशत से अधिक आयात सऊदी अरब से होता है। वित्त वर्ष 22 (अप्रैल-दिसंबर) के दौरान, द्विपक्षीय व्यापार का मूल्य 29.28 अरब डॉलर था। इस अवधि के दौरान, सऊदी अरब से भारत का आयात 22.65 अरब डॉलर का था और सऊदी अरब को निर्यात 6.63 अरब डॉलर का था।
रियाद में बसे 22 लाख भारतीय
रियाद में भारतीय दूतावास के अनुसार सऊदी अरब में लगभग 22 लाख भारतीय हैं जो यहां सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान भी दोनों देशों का शीर्ष नेतृत्व निकट संपर्क में रहा। दोनों देशों के बीच हमेशा से बेहद मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं।
पाकिस्तान को जलन
भारत और सऊदी अरब के बीच के मजबूत रिश्ते को देखते हुए पाकिस्तान को हमेशा से जलन होती रही है। इस बार भी दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय साझा सहयोग और विकास, समृद्धि, स्थिरता व सुरक्षा के मुद्दे पर वार्ता होने से पाकिस्तान परेशान हो गया है। पाकिस्तान को लगता है कि सऊदी अरब उसे उतना भाव नहीं देता, जितना कि भारत को।
एक बार फिर अमेरिका में गोलीबारी की खबर सामने आ रही है। मामला टेनेसी राज्य के एक स्कूल है जहां एक लड़की शूटर ने हमला किया है। इस दौरान 6 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं। वहीं पुलिस ने शूटर को भी मार गिराया गया है। संदिग्ध ने एक साइड दरवाजे से प्रवेश द्वार के माध्यम से इमारत में प्रवेश किया था।
अधिकारियों ने कहा कि नैशविले के एक निजी ईसाई स्कूल में सोमवार को हुई गोलीबारी में संदिग्ध की मौत हो गई है। वहीं नैशविले अग्निशमन विभाग ने ट्विटर पर कहा कि कई मरीज हैं लेकिन उनकी स्थिति तत्काल स्पष्ट नहीं है।
आर्कन्सास राज्य में भी हुई थी फायरिंग
इससे पहले अमेरिका के आर्कन्सास राज्य की पुलिस ने कहा कि रविवार रात को गोलीबारी की दो अलग-अलग घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गयी तथा पांच लोग घयल हो गए। लिटल रॉक पुलिस विभाग ने ट्विटर पर एक बयान में कहा कि आपात सेवाओं को रात नौ बजकर 25 मिनट पर गोलीबारी की सूचना मिली।
जांच में जुटी पुलिस
घटना में दो लोगों को चोटें आयीं, लेकिन वो जानलेवा नहीं थीं। पुलिस ने बताया कि कुछ देर बाद नजदीकी इलाके में गोलीबारी की दूसरी घटना हुई, जिसमें पांच अन्य लोगों को गोली मारी गई। इनमें से दो लोगों की मौत हो गयी। गोलीबारी की दोनों घटनाएं एशर एवेन्यू के पास स्थित इलाकों में हुईं, लेकिन पुलिस ने अभी इनके आपस में जुड़े होने कोई जानकारी नहीं दी है। पुलिस ने बताया कि दोनों घटनाओं की जांच की जा रही है।
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कंगाल पाकिस्तान पर चौतरफा मार, अब जीवन रक्षक दवाओं की कमी से जूझ रहा जिन्ना का देश
कराचीः कंगाल पाकिस्तान में खाने से लेकर पेट्रोल, बिजली और हर जरूरत की वस्तुओं की किल्लत बनी हुई है। पाकिस्तान का सरकारी खजाना खाली हो चुका है। अब तो हालत यह हो गई है। जिन्ना के इस कंगाल देश में जीवन रक्षक दवाओं की भी कमी हो गई है।
पाकिस्तान की दवा नियमितता प्राधिकरण (डीआरएपी) की मूल्य निर्धारण नीति और रुपये में गिरावट के कारण पाकिस्तान में अधिकांश आयातित और महत्वपूर्ण दवाओं की अत्यधिक कमी हो गई है, मीडिया रिपोर्ट में सोमवार को यह जानकारी दी गई। द न्यूज ने बताया, फार्मासिस्ट और जैविक उत्पादों के आयातक अब्दुल मन्नान ने कहा- डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी मुद्रा के अत्यधिक मूल्यह्रास और पाकिस्तान की ड्रग रेगुलरिटी अथॉरिटी (डीआरएपी) की विवादास्पद दवा मूल्य निर्धारण नीति के कारण, उनकी कीमतें कई गुना बढ़ गई हैं और आयातकों के लिए उन्हें डीआरएपी द्वारा दी गई मौजूदा कीमतों पर लाना आर्थिक रूप से अव्यवहारिक हो गया है।
दवाओं के आपूर्तिकर्ताओं और अधिकारियों ने कहा कि सार्वजनिक और निजी दोनों स्वास्थ्य सुविधाओं को आयातित टीकों, कैंसर उपचारों, प्रजनन दवाओं और एनेस्थीसिया गैसों की कमी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि विक्रेताओं ने डॉलर-रुपये की असमानता के कारण अपनी आपूर्ति बंद कर दी है।
द न्यूज ने बताया कि फिलहाल, सबसे महत्वपूर्ण दवा जो स्वास्थ्य सुविधाओं को नहीं मिल रही है, वह हेपरिन है, जो कुछ हृदय संबंधी प्रक्रियाओं के बाद इस्तेमाल किया जाता है। इसी तरह, विभिन्न प्रकार के कैंसर के उपचार के लिए आइसोफ्लुरेन, सेवोफ्लुरेन के साथ-साथ मोनोक्लोनल एंटीबॉडी जैसी कुछ महत्वपूर्ण संवेदनाहारी गैसों के साथ-साथ मानव क्रोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) और मानव रजोनिवृत्ति संबंधी गोनाडोट्रोपिन (एचएमजी) जैसे प्रजनन उत्पादों को भी डॉलर-रुपये की असमानता और डीआरएपी की मूल्य निर्धारण नीति के कारण स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही है।
हालांकि अधिकांश ओरल दवाएं जिनमें सिरप, टैबलेट और इंजेक्शन शामिल हैं, स्थानीय रूप से उत्पादित की जाती हैं, लेकिन भारत, चीन, रूस, यूरोपीय देशों के साथ-साथ अमेरिका और तुर्की से पाकिस्तान सभी टीकों, कैंसर रोधी दवाओं और उपचारों, हार्माेन, प्रजनन दवाओं के साथ-साथ अन्य उत्पादों सहित अधिकांश जैविक उत्पादों का आयात करता है।
बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायल के विवादित न्यायिक सुधार कानून को निलंबित कर दिया है। इसे अब इजरायली संसद में दोबारा चर्चा के लिए पेश किया जाएगा। इस कानून के विरोध में इजरायल में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। रिजर्व सैनिक और इजरायली दूतावासों ने भी विरोध में हड़ताल की है।