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Indian Ambassador to the US Taranjit Singh Sandhu
India-America: अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा कि भारत का नवाचार दुनियाभर में उत्पादों और सेवाओं को किफायती बनाता है तथा स्थिरता लाने के प्रयासों में योगदान देता है। न्यूयॉर्क में शुक्रवार को डिजिटल माध्यम से ‘नवाचार के लिए भारत-अमेरिका साझेदारी’ विषय पर आधारित एक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए संधू ने कहा कि नए विचार और नवाचार भारत में एक मजबूत उद्यमशील संस्कृति को जन्म भी दे रहे हैं। सम्मेलन का आयोजन नॉर्थ-ईस्टर्न यूनिवर्सिटी और भारत के महावाणिज्य दूतावास द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। संधू ने कहा कि भारत-अमेरिका साझेदारी में नवोन्मेष की दुनिया को गति देने की अनूठी ताकत है। उन्होंने कहा, “हमने स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को अधिक लचीला बनाने और नयी व उभरती प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल करने की दिशा में पहले से ही निवेश कर रखा है। रणनीतिक साझेदार के रूप में हमारे पास नवाचार, निर्माण और समृद्धि हासिल करने के लिए एक स्पष्ट रोडमैप है।”
‘नवाचार में उत्कृष्टता लाने , उसे गति देने में सफल रहे’
संधू ने कहा, “हम अपने नवाचार में उत्कृष्टता लाने और उसे गति देने में सफल रहे हैं। मिसाल के तौर पर हम अपनी आबादी का टीकाकरण करने के प्रयासों के तहत दो अरब से अधिक खुराक लगा चुके हैं। हम टीकों का उत्पादन बढ़ाने में भी कामयाब रहे हैं। किसी भी फार्मा विशेषज्ञ से पूछें, वह आपको बताएगा कि यह कार्य कितना कठिन था।” संधू ने कहा कि भारत का सामाजिक-आर्थिक योजनाओं को लागू करने के मामले में समान दृष्टिकोण था, चाहे वह किसी भी वर्ग के लिए 44 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोलना हो, 1,300 करोड़ से अधिक लोगों को विशिष्ट पहचान संख्या या आधार नंबर प्रदान करना हो या 90 करोड़ रसोई गैस कनेक्शन वितरित करना हो। उन्होंने कहा, “भारतीय नवाचार दुनियाभर में उत्पादों और सेवाओं को किफायती बनाता है।”
संधू ने किया दावा
संधू ने दावा किया कि भारतीय फार्मा उद्योग वास्तव में अपने तरीके से अमेरिका में स्वास्थ्य सेवा को किफायती बना रहा है। उन्होंने रोटावायरस टीके का जिक्र किया, जो अमेरिका में 60 डॉलर प्रति खुराक की दर से तैयार हुआ था। संधू ने कहा, “हमने भारत में रोटावायरस टीके का बड़े पैमाने पर एक डॉलर प्रति खुराक की कीमत पर उत्पादन किया।” उन्होंने कहा, “जयपुर फुट प्रोस्थेटिक्स (कृत्रिम पैर) इसका एक और प्रमुख उदाहरण है। अमेरिका में एक कृत्रिम अंग की कीमत लगभग 10 से 12 हजार डॉलर है, जबकि ‘जयपुर फुट’ सिर्फ 70 डॉलर में उपलब्ध है।” संधू ने कहा, “भारत के नवाचार और विचार स्थिरता लाने के प्रयासों में बड़े पैमाने पर योगदान दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक समुदाय से ‘मिशन लाइफ’ यानी ‘पर्यावरण के लिए हितकर जीवनशैली” अपनाने का आह्वान किया है।”
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सिंगापुर: सिंगापुर के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक ‘श्री थेंदयुथापानी मंदिर’ में अभिषेक समारोह में बृहस्पतिवार को करीब 12,000 हिंदू श्रद्धालु शामिल हुए। इस मंदिर को सरकार ने वर्ष 2014 में राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया था। श्री थेंदयुथापानी मंदिर का निर्माण वर्ष 1859 में किया गया था और इसका थाईपुसम से घनिष्ठ संबंध है। यह समारोह भगवान मुरुगन को समर्पित है जिन्हें हिंदू धर्म में साहस, शक्ति और सदगुण का प्रतीक माना जाता है।सरकार की ओर से वर्ष 2014 में इस मंदिर को सिंगापुर का 67वां राष्ट्रीय स्मारक घोषित किये जाने के बाद से मंदिर में यह पहला अभिषेक समारोह आयोजित किया गया। उत्सव की परंपरागत पदयात्रा के दौरान मंदिर अंतिम गंतव्य स्थल होता है और प्रत्येक 12 वर्ष में एक बार अभिषेक समारोह आयोजित किया जाता है। समारोह के पहले हिस्से की शुरुआत सात बजे सुबह एक बड़े तंबू में हुई जहां पुजारियों ने पाठ किया और पवित्र जल से आशीर्वाद दिया। ‘द स्ट्रेट टाइम्स’ अखबार की खबर के मुताबिक इसके बाद कुम्भाभिषेकम किया गया जिसके तहत गोपुरम (मंदिर के प्रवेश द्वार का स्तंभ) के शीर्ष से पवित्र जल प्रवाहित किया गया और इस दौरान श्रद्धालुओं ने अरोकारा (भगवान मुरुगन की स्तुति में श्रद्धालुओं द्वारा की जाने वाली प्रार्थना) का उच्चारण किया गया। ‘श्री थेंदयुथापानी मंदिर’ का प्रबंधन करने वाले ‘चेट्टियार टेंपल सोसायटी’ के अध्यक्ष एम. सामीनाथन ने कहा कि भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं को भोजन उपलब्ध कराने के लिए 1000 स्वयंसेवियों को लगाया गया है।
अभिषेक में कानून और गृह मामलों के मंत्री के षणमुगम के अलावा संस्कृति, समुदाय और युवा मंत्री और कानून के द्वितीय मंत्री एडविन टोंग और जोआन पेरेरिया शामिल हुए। प्रधानमंत्री ली सीन लूंग भी समारोह में शामिल होने वाले थे, लेकिन कोविड-19 संक्रमण के कारण वह शामिल नहीं हो सके।
नाटो ने तुर्किये पर स्वीडन की सदस्यता को लेकर दबाव बढ़ा दिया है। नाटो महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने कहा है कि 11-12 जुलाई को लिथुआनिया में होने वाले शिखर सम्मेन के दौरान स्वीडन की सदस्यता की पुष्टि करना चाहते हैं। इसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन से बात की है।
अमेरिका ने सूडान में हिंसा रोक पाने में विफल रहने पर सूडानी अधिकारियों और दूसरे पक्षों के खिलाफ प्रतिबंध का ऐलान किया है। जिन अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा है, वे अमेरिका का वीजा नहीं पा सकेंगे। अमेरिका और सऊदी अरब कई दिनों से सूडान में शांति वार्ता की मध्यस्थता कर रहे थे।