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INDIA गठबंधन ने 14 न्यूज एंकर के शो के बॉयकॉट का लिया फैसला, BJP ने इमरजेंसी से की तुलना

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विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ की मीडिया से संबंधित समिति की बैठक में यह फैसला किया गया. विपक्षी गठबंधन की मीडिया समिति ने एक बयान में कहा, “13 सितंबर, 2023 को अपनी बैठक में ‘INDIA’ समन्वय समिति द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार, विपक्षी गठबंधन के दल इन 14 एंकर के शो और कार्यक्रमों में अपने प्रतिनिधि नहीं भेजेंगे.”

विपक्षी दलों के गठबंधन से निर्णय वापस लेने का आग्रह करते हुए एनबीडीए ने कहा कि वह ‘इंडिया’ की मीडिया समिति के कुछ पत्रकारों/एंकरों के शो और कार्यक्रमों में अपने प्रतिनिधियों को नहीं भेजने के फैसले से ‘‘व्यथित और चिंतित” है.

एनबीडीए ने कहा, ‘‘विपक्षी गठबंधन की मीडिया समिति के निर्णय ने एक खतरनाक मिसाल कायम की है। भारत की कुछ शीर्ष टीवी समाचार हस्तियों द्वारा संचालित टीवी समाचार शो में भाग लेने से विपक्षी गठबंधन के प्रतिनिधियों पर प्रतिबंध लोकतंत्र के लोकाचार के खिलाफ है.”

पवन खेड़ा ने किया था ट्वीट

कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख और विपक्षी गठबंधन की मीडिया समिति के सदस्य पवन खेड़ा ने कहा, ‘‘रोज शाम पांच बजे से कुछ चैनल पर नफरत की दुकानें सजाई जाती हैं. हम नफरत के बाजार के ग्राहक नहीं बनेंगे. हमारा उद्देश्य है नफ़रत मुक्त भारत.”

खेड़ा ने यह भी कहा, ‘‘बड़े भारी मन से यह निर्णय लिया गया कि कुछ एंकर के शो और कार्यक्रमों में हम भागीदार नहीं बनें. हमारे नेताओं के खिलाफ अनर्गल टिप्पणियां, फेक न्यूज़ से हम लड़ते आए हैं और लड़ते रहेंगे. लेकिन समाज में नफ़रत नहीं फैलने देंगे. मिटेगी नफ़रत, जीतेगी मुहब्बत.”

बीजेपी नेताओं ने फैसले की कड़ी आलोचना

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस कदम की निंदा की. पार्टी के प्रमुख प्रवक्ता और सांसद अनिल बलूनी ने एक बयान जारी कर कहा कि विपक्षी दलों ने अपनी दमनकारी, तानाशाही और नकारात्मक मानसिकता का प्रदर्शन किया है. बलूनी ने कहा कि भाजपा ऐसी विकृत मानसिकता का कड़ा विरोध करती है जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाती है.

उन्होंने कहा, ‘‘आपातकाल के दौरान मीडिया का गला घोंट दिया गया था. इस ‘घमंडिया’ गठबंधन में शामिल दल उसी अराजक और आपातकालीन मानसिकता के साथ काम कर रहे हैं.”बलूनी ने आरोप लगाया कि मीडिया को इस तरह की ‘खुली धमकी’ लोगों की आवाज दबाने के समान है.

हरदीप सिंह पुरी ने भी कांग्रेस को घेरा

बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने विपक्षी दलों के गठबंधन के इस कदम की तुलना आपातकाल से की. उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भारत में नागरिक स्वतंत्रता में कटौती का एकमात्र उदाहरण हमने 1975 में आपातकाल के दौरान देखा है. सनातन धर्म को खत्म करने के लिए खुला आह्वान, पत्रकारों के खिलाफ प्राथमिकी और मीडिया का बहिष्कार आपातकाल के उन अंधकारमय दिनों की राजनीति को दर्शाता है. ये है INDIA अलायंस का असली चेहरा.”

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने साधा निशाना

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि यह कदम उनकी हताशा को दर्शाता है. राजस्थान के भीलवाड़ा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हर दिन कांग्रेस और उनके सहयोगियों के नेता कहते हैं कि वे सनातन धर्म को नष्ट कर देंगे. वो हिंदुओं का अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ते. अब उन्होंने पत्रकारों का भी बहिष्कार करना शुरू कर दिया है और मुकदमे दर्ज कर रहे हैं.”

जेपी नड्डा ने भी दी प्रतिक्रिया

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी कांग्रेस के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने लिखा- “कांग्रेस के इतिहास में मीडिया को धमकाने और अलग विचार रखने वालों को चुप कराने के कई उदाहरण हैं. पंडित नेहरू ने बोलने की आजादी पर रोक लगा दी और उनकी आलोचना करने वालों को गिरफ्तार कर लिया. इंदिरा जी इसे करने के तरीके में स्वर्ण पदक विजेता बनी हुई हैं. उन्होंने प्रतिबद्ध न्यायपालिका, प्रतिबद्ध नौकरशाही का आह्वान किया और भयावह आपातकाल लगाया. राजीव जी ने मीडिया को राज्य के नियंत्रण में लाने की कोशिश की लेकिन बुरी तरह असफल रहे. सोनिया जी के नेतृत्व वाली यूपीए सोशल मीडिया हैंडल पर सिर्फ इसलिए प्रतिबंध लगा रही थी, क्योंकि कांग्रेस को उनके विचार पसंद नहीं थे.”

नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने भी जताई आपत्ति

इस बीच, ‘नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स’ (एनयूजे) ने बहिष्कार को लोकतंत्र पर हमला करार दिया. एनयूजे ने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों ने मीडिया का राजनीतिकरण किया है. ‘इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स’ से जुड़े ‘नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स’ के अध्यक्ष रास बिहारी ने एक बयान में कहा कि विपक्षी दलों का यह फैसला भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में मीडिया पर दमन का एक ‘काला अध्याय’ है.

न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (एनबीडीए) ने विपक्षी गठबंधन द्वारा 14 एंकर के बहिष्कार के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यह प्रेस की स्वतंत्रता को खतरे में डालता है. ये लोकतंत्र के लोकाचार के खिलाफ है. 


 





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नूंह हिंसा: कांग्रेस विधायक मम्मन खान को 2 मामलों में राहत, फिर भी जेल में ही रहेंगे, क्यों?

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नूंह सांप्रदायिक हिंसा के सिलसिले में कांग्रेस विधायक मम्मन खान को बड़ी राहत मिली है। नूंह की अदालत ने दो मामलों में कांग्रेस विधायक मम्मन खान को जमानत दे दी है। फिर भी वह जेल में ही रहेंगे, क्यों?



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लौट आया लुसिफर, पहली झलक में ही जीत ले गया दिल, 63 की उम्र में दुश्मनों को हवा में घुमा रहा एक्टर

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L2E Empuraan First Glimpse in Hindi: लुसिफर 2 की पहली झलक हुई रिलीज

नई दिल्ली:

मलयालम सिनेमा, जिसे अक्सर बौद्धिक रूप से समृद्ध कहानियों का केंद्र माना जाता है, ने पिछले कुछ वर्षों में लगातार शानदार फिल्में बनाई हैं जो अपने में गहराई और मैच्योरिटी समेटे हुए हैं. इस सफलता का एक मुख्य कारण प्रतिभाशाली एक्टर रहे हैं जिन्होंने अपने भरोसेमंद और यथार्थवादी एक्टिंग से मलयालम फिल्मों को विश्व स्तर पर ऊंचा उठाया है. मोहनलाल, जिन्हें प्यार से ‘कम्प्लीट एक्टर’ के नाम से जाना जाता है, मलयालम सिनेमा के बहुमुखी अभिनेताओं में से एक हैं. इंडस्ट्री में चार दशकों से अधिक और 350 से ज्यादा फिल्मों के साथ वह मलयालम सिनेमा सुपरस्टार हैं. उनकी अभिनय क्षमता और बॉक्स ऑफिस पर उनकी अटूट पकड़ उन्हें आज भी मलयालम सिनेमा के सबसे महंगे एक्टर में से एक बनाती है. फिल्म की इस पहली झलक में विवेक ओबेरॉय और मंजू वारियर भी नजर आ रहे हैं. इस तरह इस पहली झलक में मोहनलाल के एक्शन को देखा जा सकता है. 

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एक्टर से डायरेक्टर बने पृथ्वीराज सुकुमारन 2019 की सुपरहिट फिल्म लुसिफर के पार्ट के साथ बतौर डायरेक्टर वापसी करने को तैयार हैं. ‘लुसिफर (L2E: Empuraan)’ शीर्षक से मोहनलाल और पृथ्वीराज एक बार फिर साथ आने वाले हैं. इस फिल्म को आशीर्वाद सिनेमाज के एंटनी पेरम्बवूर और लाइका प्रोडक्शंस के जीकेएम तमिल कुमारन मिलकर बना रहे हैं. लाइका प्रोडक्शंस के चेयरमैन सुबास्करन केरल जिसे गॉड्स ओन कंट्री भी कहा जाता है के दर्शकों के लिए फिल्म बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं. उनका कहना है कि यह एक शुरुआत होगी और मलयालम दर्शकों के लिए मजबूत कहानियां पेश की जाएंगी. 



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चंद्रयान-3 के बाद अब भारत के पहले सूर्य मिशन से भी आई खुशखबरी, ISRO को मिली बड़ी सफलता

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Aditya L1 Mission: चंद्रयान-3 मिशन में मिली सफलता के बाद भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य-एल1 को लेकर इसरो ने शनिवार को खुशखबरी दी है। अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया है कि अब उसका यान पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से सफलतापूर्वक बाहर जा चुका है। अब तक आदित्य-एल1 ने पृथ्वी से मिलाकर 9.2 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी पूरी कर ली है। बेंगलुरु मुख्यालय वाली राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने ‘एक्स’ पर एक बयान में कहा, ”आदित्य-एल1 पृथ्वी से 9.2 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुका है। अब यह सन-अर्थ लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल1) की ओर अपना रास्ता तलाश रहा है। यह दूसरी बार है जब इसरो किसी अंतरिक्ष यान को पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र के बाहर भेज सका। पहली बार मंगल ऑर्बिटर मिशन में भेजा था।

इसरो ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि आदित्य-एल1 सौर मिशन अंतरिक्ष यान ने डेटा एकत्र करना शुरू कर दिया है जो वैज्ञानिकों को पृथ्वी के आसपास के कणों के व्यवहार का विश्लेषण करने में मदद करेगा। इसमें कहा गया है कि एल1 के आसपास एकत्र किया गया डेटा सौर हवा और अंतरिक्ष मौसम की घटनाओं की उत्पत्ति, अनिसोट्रॉपी में अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा।  पीएसएलवी-सी57 रॉकेट द्वारा आदित्य-एल1 का प्रक्षेपण 2 सितंबर को इसरो द्वारा सफलतापूर्वक पूरा किया गया था। आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान सूर्य का अध्ययन करने के लिए कुल सात अलग-अलग पेलोड ले गया है। 

इसमें से चार सूर्य से प्रकाश का निरीक्षण करेंगे और शेष तीन प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के इन-सीटू मापदंडों को मापेंगे। बता दें कि आदित्य एल1 में दो मुख्य पेलोड हैं, विजिबल एमिशन लाइन कोरोनोग्राफी (वीईएलसी) और सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (एसयूआईटी)। लैग्रेंज प्वाइंट पर पहुंचने के बाद, वीईएलसी पेलोड रोजाना 1,440 तस्वीरें भेजेगा। इसलिए इस पेलोड को आदित्य-एल1 का काफी अहम पेलोड माना जा रहा है। आदित्य-एल1 को लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 (एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा। यह सूर्य के चारों ओर उसी सापेक्ष स्थिति में चक्कर लगाएगा और इसलिए लगातार सूर्य को देख सकता है। 



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