इंदौर के मैदान पर खेले गए महिला वनडे विश्व कप के एक बेहद रोमांचक मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेट टीम ने अपने चिर-प्रतिद्वंद्वी न्यूजीलैंड को 89 रनों के बड़े अंतर से करारी शिकस्त देकर अपने अभियान की धमाकेदार शुरुआत की है। इस शानदार जीत की नींव रखी ऑस्ट्रेलियाई टीम की हरफनमौला खिलाड़ी ऐश गार्डनर ने, जिन्होंने अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से न्यूजीलैंड के गेंदबाजों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने मात्र 83 गेंदों में 115 रनों की तूफानी पारी खेलकर टीम को एक विशाल स्कोर तक पहुंचाया। हालांकि, न्यूजीलैंड की कप्तान सोफी डिवाइन ने भी अपने बल्ले का कमाल दिखाते हुए एक शानदार शतक (112 रन) लगाया, लेकिन यह उनकी टीम को हार से बचाने के लिए पर्याप्त साबित नहीं हुआ। क्रिकेट में यह अक्सर देखने को मिलता है – एक बेहतरीन व्यक्तिगत प्रदर्शन, जो टीम की सामूहिक हार के सामने फीका पड़ जाता है।
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी: एक झटकेदार शुरुआत और गार्डनर का संकटमोचक अवतार
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम ने शुरू से ही आक्रामक रुख अपनाया। सलामी बल्लेबाज फोबे लिचफील्ड ने न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों के शुरुआती स्विंग का सामना करते हुए भी कुछ आकर्षक चौके जड़े और टीम को तेज शुरुआत दिलाई। भले ही अनुभवी एलिसा हीली जल्दी पवेलियन लौट गईं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने पहले 10 ओवर में 81 रन बनाकर अपनी गति बरकरार रखी। ऐसा लग रहा था कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी न्यूजीलैंड के गेंदबाजों को कोई मौका नहीं देगी, लेकिन फिर मध्यक्रम में विकेटों का पतझड़ शुरू हो गया। न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने शानदार वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का मौका नहीं दिया और देखते ही देखते 22 ओवरों में 128 रन पर 5 विकेट गिर चुके थे। एक समय पर मजबूत दिख रही पारी अचानक संकट में घिर गई थी।
यहीं पर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी की गहराई और ऐश गार्डनर की असाधारण प्रतिभा सामने आई। जब टीम को एक ठोस साझेदारी और तेज रनों की सख्त जरूरत थी, तब गार्डनर ने मोर्चा संभाला। उन्होंने ताहलिया मैकग्रा, सोफी मोलिनक्स और किम गार्थ जैसे निचले क्रम के बल्लेबाजों के साथ मिलकर महत्वपूर्ण साझेदारियां कीं और पारी को पटरी पर ले आईं। गार्डनर ने अपनी पारी में धैर्य और आक्रामकता का बेहतरीन मिश्रण पेश किया। उन्होंने पहले अपना अर्धशतक पूरा किया और फिर रफ्तार पकड़ते हुए गेंदबाजों पर पूरी तरह हावी हो गईं। मात्र 83 गेंदों में 115 रनों की उनकी तूफानी पारी में कई शानदार चौके और छक्के शामिल थे, और यह उनके वनडे करियर का दूसरा शतक था। उनकी इस लाजवाब पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया 49.3 ओवर में 326 रनों का एक बेहद चुनौतीपूर्ण और विशाल स्कोर खड़ा करने में सफल रहा, जिसने न्यूजीलैंड के लिए लक्ष्य को पहाड़ जैसा बना दिया। न्यूजीलैंड के लिए ली ताहुहु और जेस केर ने 3-3 विकेट लिए, लेकिन तब तक ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने अपना काम बखूबी कर दिया था।
न्यूजीलैंड का पीछा: सोफी डिवाइन की अकेली, बेअसर जंग
327 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी न्यूजीलैंड की शुरुआत किसी बुरे सपने से कम नहीं थी। उन्होंने अपने दोनों सलामी बल्लेबाज – जॉर्जिया प्लिमर और सूजी बेट्स – को बिना खाता खोले ही गंवा दिया। 0 रन पर 2 विकेट, यह वह स्कोर था जिसे कोई भी टीम अपने विश्व कप अभियान की शुरुआत में देखना पसंद नहीं करेगी। इसके बाद कप्तान सोफी डिवाइन और अनुभवी अमेलिया केर ने पारी को संभालने की कोशिश की। उन्होंने कुछ देर तक विकेट गिरने का सिलसिला रोका और स्कोरबोर्ड को आगे बढ़ाया, लेकिन अमेलिया केर भी 10वें ओवर में डीसी शॉर्ट के खिलाफ कुछ चौके जड़ने के बाद एक ऊंची ड्राइव लगाने की कोशिश में आउट हो गईं।
इसके बाद न्यूजीलैंड की पारी पूरी तरह से कप्तान सोफी डिवाइन के कंधों पर आ गई। डिवाइन ने एक तरफ से मोर्चा संभाले रखा और ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का डटकर मुकाबला किया। उन्होंने अपनी क्लास दिखाते हुए शानदार बल्लेबाजी की और अपना नौवां वनडे शतक पूरा किया, जो एक रन-ए-बॉल 112 रन की पारी थी। यह व्यक्तिगत रूप से एक बेहतरीन और जुझारू प्रदर्शन था, लेकिन दुर्भाग्य से उन्हें दूसरे छोर से पर्याप्त समर्थन नहीं मिल पाया। ब्रुक हॉलिडे, मैडी ग्रीन और इज्ज़ी गेज़ ने छोटे-छोटे योगदान दिए, लेकिन उनमें से कोई भी डिवाइन के साथ लंबी साझेदारी करने या ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों पर दबाव बनाने में सफल नहीं हो सका। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने लगातार अंतराल पर विकेट चटकाते हुए न्यूजीलैंड पर दबाव बनाए रखा। अंततः, डिवाइन भी एनाबेल सदरलैंड का शिकार बनीं और न्यूजीलैंड की पूरी टीम 43.2 ओवर में 237 रन बनाकर ढेर हो गई, जिससे ऑस्ट्रेलिया ने 89 रनों से एक बड़ी जीत दर्ज की।
ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का दबदबा: सटीक और प्रभावी
ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी आक्रमण भी मैच में पूरी तरह से हावी रहा। सोफी मोलिनक्स ने अपनी कसी हुई गेंदबाजी से न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का मौका नहीं दिया और मात्र 25 रन देकर 3 महत्वपूर्ण विकेट झटके। वहीं, एनाबेल सदरलैंड ने भी शानदार गेंदबाजी करते हुए मात्र 26 रन खर्च कर 3 विकेट लिए। उनकी सटीक और प्रभावी गेंदबाजी ने न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों पर लगातार दबाव बनाए रखा और महत्वपूर्ण समय पर विकेट चटकाकर मैच पर ऑस्ट्रेलिया की पकड़ मजबूत की।
आगे की राह: एक मजबूत संदेश और भविष्य की चुनौतियाँ
यह जीत ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेट टीम के लिए एक मजबूत संदेश है कि वे आगामी विश्व कप के लिए पूरी तरह तैयार हैं और ट्रॉफी उठाने की प्रबल दावेदार हैं। ऐश गार्डनर का शतक और टीम का सामूहिक प्रदर्शन यह दर्शाता है कि ऑस्ट्रेलिया के पास हर विभाग में मैच जिताने वाले खिलाड़ी मौजूद हैं। वहीं, न्यूजीलैंड को अपनी बल्लेबाजी में स्थिरता और दबाव में बेहतर प्रदर्शन करने की रणनीति पर गंभीरता से काम करने की जरूरत होगी। सोफी डिवाइन का शानदार शतक निश्चित रूप से उनकी बेहतरीन फॉर्म और नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है, लेकिन क्रिकेट एक टीम गेम है, और जब तक टीम सामूहिक रूप से अच्छा प्रदर्शन नहीं करती, तब तक व्यक्तिगत चमक अक्सर अधूरी रह जाती है। इंदौर का यह मुकाबला महिला क्रिकेट के बढ़ते कद और उसमें मौजूद प्रतिभा का एक बेहतरीन उदाहरण था, जिसने दर्शकों को भरपूर मनोरंजन दिया और यह साबित किया कि महिला क्रिकेट में भी अब रोमांच की कोई कमी नहीं है।
संक्षिप्त स्कोर:
ऑस्ट्रेलिया: 49.3 ओवर में 326 रन (ऐश गार्डनर 115, फोबे लिचफील्ड 45; ली ताहुहु 3-42, जेस केर 3-59)
न्यूजीलैंड: 43.2 ओवर में 237 रन (सोफी डिवाइन 112, इज्ज़ी गेज़ 28; सोफी मोलिनक्स 3-25, एनाबेल सदरलैंड 3-26)
परिणाम: ऑस्ट्रेलिया 89 रनों से जीता।