चेतेश्वर पुजारा पिछले एक दशक से ज्यादा लंबे अरसे से भारतीय टेस्ट क्रिकेट में एक्टिव हैं। मजबूत डिफेंस से लैस उनकी बल्लेबाजी के चलते उन्हें टीम की नई दीवार माना गया। हालांकि इसी मजबूती ने पिछले पांच सालों में उन्हें कुछ मौकों पर हाशिए पर भी पहुंचाया, जब उनकी सुस्त रफ्तार बल्लेबाजी ने उन्हें टीम से अलग होने पर मजबूर कर दिया। इन तमाम सरगर्मियों के बीच टीम इंडिया के नंबर तीन बल्लेबाज पुजारा आज एक ऐतिहासिक मोड़ पर खड़े हैं। वह दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के दूसरे मैच में अपने करियर का 100वां टेस्ट मैच खेलेंगे। बेशक, वह भारतीय क्रिकेट के लीजेंड हैं लेकिन उन्हें पता है कि तेजी से बदलते क्रिकेट में प्रासंगिक बने रहने के लिए उन्हें अपनी बल्लेबाजी में कुछ बदलाव करने की जरूरत पड़ सकती है।
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Cheteshwar Pujara
पुजारा को पिछले साल टीम से होना पड़ा था बाहर
पुजारा ने गुरूवार को कहा कि वह टेस्ट में मौजू बने रहने के लिए बल्लेबाजी में लचीलापन लाने की जरूरत को समझ चुके हैं। 100वें टेस्ट की दहलीज पर खड़े पुजारा ने टीम मैनेजमेंट के साथ चर्चा के बाद अपनी बल्लेबाजी में कुछ नए शॉट जोड़े हैं। पिछले साल पुजारा को श्रीलंका के खिलाफ घरेलू सीरीज के दौरान भारतीय टीम से कुछ समय के लिए ड्रॉप कर दिया गया था। तब दावा किया गया था वह अपने खेल को आगे नहीं बढ़ा पा रहे थे जिससे गेंदबाजों पर दबाव आ गया था।
पूरा खेल बदलना संभव नहीं- पुजारा
आस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट के प्री-मैच प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन मुश्किलों के बारे में पूछने पर पुजारा ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से यह चुनौतीपूर्ण था, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आपको मानसिक रूप से मजबूत होने की जरूरत होती है, खुद पर विश्वास रखना होता है। मैं जानता हूं कि मैंने जो कुछ किया है, उससे शुरुआती पांच-सात सालों में सफलता मिली और मैं अपना खेल नहीं बदल सकता, लेकिन निश्चित रूप से आप अपने खेल में सुधार कर सकते हो और अपने खेल में कुछ चीजें जोड़ सकते हो। लेकिन आप अपना पूरा खेल नहीं बदल सकते।’’
पुजारा अभी तक 19 शतक और 7000 से ज्यादा रन बना चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हर खिलाड़ी की शैली अलग होती है। इतने वर्षों में मैंने जो सीखा है, वो अपनी मजबूती पर अडिग बने रहना है और आपको इसका समर्थन करना चाहिए। मैंने पिछले कुछ वर्षों में अपने खेल में कुछ शॉट जोड़े हैं और एक क्रिकेटर के रूप में आगे बढ़ना जारी रखा है।’’
तकनीक में बदलाव के लिए तैयार पुजारा
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बता दें कि पिछले साल भारतीय टीम से बाहर किए जाने के बाद वह इंग्लिश काउंटी क्रिकेट खेलने चले गए और ससेक्स के लिये काफी रन बनाए। वह वापसी करते हुए टीम इंडिया का हिस्सा बने और 100 टेस्ट खेलने वाले 13वें भारतीय बनने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पहले ही राहुल भाई (द्रविड़) और विक्की पाजी (विक्रम राठौर) से बात कर ली थी। मैं हालांकि टीम से बाहर था, मुझे साफ पता था कि कुछ चीजें हैं जिन पर मुझे काम करना है और फिर भारत के लिए खेलने का मौका मिल जाएगा।’’
पुजारा ने आगे कहा, ‘‘बतौर क्रिकेटर मैं व्हाइट बॉल क्रिकेट खेला। इससे मुझे सौराष्ट्र और ससेक्स की ओर से खेलने में मदद मिली जिसमें मैंने तेज गेंदबाजों के खिलाफ स्वीप शॉट्स खेलने की कोशिश की और पैडल स्कूप भी खेला। मैं इन शॉट्स को टेस्ट में लगाना चाहता था। इससे मुझे बांग्लादेश के खिलाफ पिछली सीरीज में भी मदद मिली है। मैं अब थोड़ा अधिक खुले विचारों वाला बन गया हूं और बदलावों को लेकर लचीला होने के साथ तकनीक में बदलाव के लिए तैयार हूं।’’
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने रविवार 26 मार्च की देर से सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट का ऐलान किया, जो 2022-23 के लिए लागू होगा। बीसीसीआई ने अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 तक के लिए खिलाड़ियों के साथ करार किया है। इस बार कुल 26 खिलाड़ियों को अलग-अलग वर्ग में चुना गया है। पिछले साल ये संख्या 27 थी और उससे पहले ये लिस्ट 28 खिलाड़ियों की थी। अगर सिर्फ पिछले साल और इस साल के सालाना करार की बात करें तो इसमें 7 खिलाड़ियों को जगह नहीं मिली है, जो 2021-22 के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट का हिस्सा थे।
बीसीसीआई के इस अनुबंध में एक अच्छी बात ये देखने को मिली है कि संजू सैमसन को मौका दिया गया है, जो सी कैटेगरी का हिस्सा हैं, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि इसमें तूफानी तेज गेंदबाज उमरान मलिक को नहीं चुना गया है, जिन्होंने अक्टूबर 2022 के बाद से अब तक भारत के लिए करीब एक दर्जन इंटरनेशनल मैच खेले हैं। इस तरह की मीडिया रिपोर्ट्स पहली देखी गई हैं कि कम से कम 3 टी20आई मैच सीजन में खेलने वाले खिलाड़ी को इसमें जगह दे दी जाती है, लेकिन उमरान मलिक के मामले में ऐसा नहीं देखा गया, जो इससे बाहर हैं।
उमरान को क्यों नहीं चुना?
भारतीय टीम इस समय आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2023 की तैयारी कर रही है। ये भी पता है कि जसप्रीत बुमराह टीम के लिए टूर्नामेंट नहीं खेल पाएंगे। ऐसे में क्या उमरान मलिक को इस लिस्ट में जगह नहीं मिलनी चाहिए थी, जो लगातार खेले हैं। हालांकि, ऐसा भी नहीं है कि इससे उनको मौका नहीं मिलेगा। उनको टीम में अभी भी चुना जा सकता है, लेकिन सिर्फ मैच फीस ही उनको दी जाएगी।
कौन-कौन बाहर?
भले ही 26 खिलाड़ी इसका हिस्सा हैं, लेकिन तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार, अजिंक्य रहाणे, मयंक अग्रवाल, ईशांत शर्मा, दीपक चाहर, हनुमा विहारी और रिद्धिमान साहा को इसमें जगह नहीं दी गई है। 2021-22 के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में अजिंक्य रहाणे और ईशांत शर्मा बी ग्रेड में शामिल थे, जबकि भुवनेश्वर, मयंक, दीपक, हनुमा और साहा ए ग्रेड का हिस्सा थे।
पुणे: भारतीय क्रिकेटर केदार जाधव अपनी जिंदगी के सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं। उनके बुजुर्ग पिता महादेव जाधव महाराष्ट्र के पुणे से लापता हो गए हैं। महादेव जाधव कथित तौर पर 27 मार्च को सुबह 11:30 बजे के बाद से पुणे के कोथरोड इलाके से गायब हैं। तकरीबन 75 वर्षीय महादेव जाधव ने सुबह 11.30 बजे के करीब रिक्शा लिया, तब से उनका कोई पता नहीं लग रहा है। पुलिस ने परिजन की रिपोर्ट पर गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है। केदार जाधव ने सोशल नेटवर्किंग साइट इंस्टाग्राम पर स्टोरी भी शेयर की है, जिसमें उन्होंने पता एक नंबर भी शेयर किया है। महादेव की तस्वीर वाली इस रिपोर्ट को पुणे के अन्य पुलिस थानों में उनकी तलाश के लिए प्रसारित किया गया था।लापता रिपोर्ट के अनुसार, महादेव जाधव की ऊंचाई 5 फीट 6 इंच है, उनके चेहरे के बायीं तरफ सर्जरी का निशान है, उन्होंने सफेद शर्ट, स्लेटी रंग का ट्राउजर, काली चप्पल, मोजा और चश्मा पहन रखा था। बताया जाता है कि वह मराठी बोलते हैं। उनके दाहिने हाथ की उंगलियों में सोने की दो अंगूठियां हैं। उनके पास कोई मोबाइल फोन नहीं था, वही कुछ रिपोर्ट्स में उनका फोन स्विच ऑफ बताया जा रहा है। अलंकार थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक राजेंद्र सहाणे के नेतृत्व में एक टीम ने लापता व्यक्ति की तलाश शुरू कर दी है। अधिकारी ने अपील की कि महादेव जाधव के बारे में कोई भी जानकारी रखने वाले को पुणे शहर पुलिस से संपर्क करना चाहिए।
राइट हैंड बैटिंग ऑलराउंडर केदार जाधव की बात करें तो वह 38 साल के हैं। दाएं हाथ के लोअर ऑर्डर बल्लेबाज रहे जाधव अपने अजीबोगरीब स्पिन बोलिंग एक्शन के लिए भी मशहूर रहे। 2014 में श्रीलंका के खिलाफ वनडे डेब्यू और 2015 में जिम्बाब्वे के विरुद्ध टी-20 डेब्यू करने वाला यह प्लेयर लंबे वक्त से टीम से बाहर हैं। 2020 में आखिरी इंटरनेशनल मैच खेला था। आईपीएल में भी अब कोई टीम उनपर पहले की तरह भरोसा नहीं जताती।
IPL 2023: आईपीएल 2023 की शुरुआत 31 मार्च से हो रही है। इस बड़ी लीग में दुनियाभर के क्रिकेटर्स अपना जलवा दिखाने को तैयार हैं। लेकिन आईपीएल के शुरुआती मुकाबलों में दक्षिण अफ्रीका के खिलाड़ी नहीं खेल पाएंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि अफ्रीकी खिलाड़ियों को आईसीसी वर्ल्ड कप क्वालीफायर के मैच खेलने हैं। ऐसे में क्विंटन डी कॉक की जगह लखनऊ सुपर जायंट्स की टीम को एक ओपनर की जरूरत होगी।
डी कॉक की जगह कौन करेगा ओपन?
क्विंटन डी कॉक की गैरमौजूदगी में लखनऊ सुपर जायंट्स आईपीएल के आगामी चरण के पहले दो मैचों में वेस्टइंडीज के काइल मेयर्स या दीपक हुड्डा से कप्तान केएल राहुल के साथ पारी का आगाज करा सकता है। दक्षिण अफ्रीका को 31 मार्च और 2 अप्रैल को नीदरलैंड के खिलाफ आईसीसी विश्व कप क्वालीफायर 50 ओवर के दो मैच खेलने हैं जिससे उसके शीर्ष खिलाड़ी पहले दो मैचों में अपनी फ्रेंचाइजी टीमों के लिए नहीं खेल पाएंगे। इससे लखनऊ सुपर जायंट्स (एलएसजी) को अपने नियमित ओपनिंग बल्लेबाज डी कॉक की कमी खलेगी जबकि पहले मैच में उनकी प्रतिद्वंद्वी दिल्ली कैपिटल्स पहले दो मैचों में एनरिक नोर्खिया और लुंगी एनगिडी के बिना मैदान पर उतरेगी।
लखनऊ का पहला मुकाबला दिल्ली से
लखनऊ की टीम 1 अप्रैल को लखनऊ में दिल्ली कैपिटल्स से भिड़ेगी जिसके बाद वह चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ अपने अगले मुकाबले के लिए चेन्नई रवाना होगी। लखनऊ की टीम इसकी जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने पीटीआई से कहा कि डी कॉक की अनुपस्थिति में सर्वश्रेष्ठ विकल्प काइल मेयर्स होंगे जो भी बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं और टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में उनका स्ट्राइक रेट भी 135 के करीब है। इसलिए मेयर्स पहले दो मैचों में राहुल के साथ पारी का आगाज करने के लिए प्रबल दावेदार हैं।
दीपक हुड्डा भी हैं दावेदार
अगर लखनऊ की टीम अपने मध्यक्रम या गेंदबाजी पक्ष को विदेशी खिलाड़ी से मजबूत करना चाहती है तो प्रतिभाशाली हुड्डा कप्तान के साथ नई गेंद का सामना कर सकते हैं। हुड्डा टी20 क्रिकेट में पारी का आगाज करते हुए भारत के लिए शतक जड़ चुके हैं और उन्होंने दिखाया है कि वह पावरप्ले में अपने टैलेंट से दमदार हो सकते हैं। मोहसिन खान अभी टीम की ‘स्ट्रेंथ एंव कंडिशनिंग’ इकाई के साथ ‘रिहैब’ प्रक्रिया में हैं, उनके कम से कम टूर्नामेंट के पहले चरण से बाहर रहने की उम्मीद है लेकिन टीम प्रबंधन को लगता है कि वह दूसरे चरण में उपलब्ध हो सकते हैं।
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