उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के साथ संवाददाताओं को संबोधित कर रहे मुख्यमंत्री शिंदे ने इन टिप्पणियों का विरोध करने के लिए ठाकरे से ‘हिम्मत’ दिखाने को कहा.
शिंदे ने कहा कि ठाकरे नीत पार्टी ने पिछले सप्ताह लोकसभा सदस्य के रूप में राहुल गांधी को अयोग्य ठहराए जाने के विरोध में कांग्रेस का समर्थन करने के साथ ही सारी सीमाएं लांघ दीं.
गौरतलब है कि 2019 में चुनावी रैली के दौरान की गई एक टिप्पणी को लेकर दायर मानहानि के फौजदारी मुकदमे में गुजरात के सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को 23 मार्च को दो साल कैद की सजा सुनाई थी. अगले ही दिन उन्हें सजा सुनाए जाने के दिन से लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया.
शिंदे ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ऐसे में जब आप (ठाकरे) कहते हैं कि सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे, आप क्या करने वाले हैं. आपको हिम्मत दिखाने की जरूरत है.”
शिंदे ने कहा कि शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने 2004 में सावरकर के खिलाफ तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के बयान पर उनके खिलाफ ‘जोडा मारा अभियान ‘(चप्पल मारो अभियान) चलाया था.
शिंदे ने आरोप लगाया, ‘‘जो हिन्दुत्व की बात करते हैं, उनके विधायक कह रहे हैं कि सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे, वह राजनीति और महा विकास आघाड़ी के लिए चुप हैं. यह दोहरा मानदंड है.” रविवार को एक रैली में ठाकरे ने कहा था कि वह सावरकर को अपना ‘‘आदर्श” मानते हैं और गांधी से उनका ‘अपमान’ करने से बचने को कहा.
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