Women Under-19 World Cup: भारतीय महिला टीम ने अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया है। भारतीय टीम ने फाइनल में इंग्लैंड को 7 विकेट से हराकर पहला खिताब जीता। इस पूरे टूर्नामेंट में टीम के हर एक खिलाड़ी का प्रदर्शन कमाल का रहा। वहीं टूर्नामेंट के खत्म होने के बाद अब आईसीसी ने वर्ल्ड कप की अपनी टीम का ऐलान किया है। इस टीम में भारत के तीन खिलाड़ियों को जदगह मिली है।
आईसीसी ने किया टीम का ऐलान
भारत की ट्रॉफी विजेता कप्तान शेफाली वर्मा, उनकी ओपनिंग जोड़ीदार श्वेता सहरावत और लेग स्पिनर पार्शवी चोपड़ा को टूर्नामेंट की आईसीसी अंडर-19 महिला टी20 विश्व कप टीम में शामिल किया गया है। शेफाली पूरे टूर्नामेंट में बल्ले और सर्वश्रेष्ठ रणनीति से शीर्ष पर रहीं। वह बल्ले से और अधिक प्रदर्शन करना पसंद करती लेकिन जिस गति से उसके रन आए (193.25 पर) उन्होंने उसकी भरपाई कर दी। यूएई के खिलाफ उन्होंने 34 गेंदों में 78 रनों की तूफानी पारी खेली, जिसमें 12 चौके और चार छक्के आए थे। वह 172 रनों के साथ टूर्नामेंट में तीसरी सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी थीं। गेंद से शेफाली ने 7 मैचों में केवल 5.04 की इकॉनमी रेट से चार विकेट लिए।
श्वेता का प्रदर्शन रहा शानदार
टूर्नामेंट में श्वेता स्टार खिलाड़ी थी क्योंकि भारत पहले अंडर19 महिला टी20 विश्व कप के विजेता के रूप में उभरी, जो महिला क्रिकेट में देश की पहली ट्रॉफी लेकर आईं। भारतीय उप-कप्तान ने टूर्नामेंट की शुरुआत दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नाबाद 92 रनों की शानदार पारी खेली, जिससे बाकी टूर्नामेंट के लिए माहौल तैयार हो गया। उन्होंने दो और अर्धशतक (यूएई के खिलाफ नाबाद 74 और न्यूजीलैंड के खिलाफ नाबाद 61) बनाए और अंत में टूर्नामेंट में सबसे अधिक रन बनाने वाली खिलाड़ी के रूप में 99 के औसत और 139.43 के स्ट्राइक रेट से 297 रन बनाए। टूर्नामेंट में एक अविश्वसनीय प्रदर्शन के साथ, श्वेता से शानदार प्रदर्शन जारी रखने और भविष्य में सीनियर टीम में आने की उम्मीद की जाएगी।
पार्शवी ने गेंद से किया कमाल
पार्शवी ने टूर्नामेंट की धीमी शुरुआत की, भारत के पहले तीन मैचों में केवल दो विकेट लिए। हालांकि, उन्होंने टूर्नामेंट के अंत में इसकी भरपाई कर दी और 6 मैचों में 11 विकेट लेकर दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज बन गईं। अंतिम सुपर सिक्स मैच में, पार्शवी श्रीलंका के लिए खतरनाक गेंदबाज साबित हुईं। उन्होंने 4/5 के आंकड़े के साथ वापसी की। इसके बाद उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल जीत में 3/20 और फाइनल में 2/13 से जीत हासिल की, जिसमें इंग्लैंड की शीर्ष स्कोरर रयान मैकडोनाल्ड-गे का विकेट शामिल था।
टूर्नामेंट की टीम में इंग्लैंड की कप्तान ग्रेस स्क्रिवेंस को कप्तान के रूप में नियुक्त किया गया है, जिन्होंने प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का पुरस्कार भी लिया, और हमवतन, लेग स्पिनर हन्ना बेकर और सीम गेंदबाज एली एंडरसन शामिल हैं। टूर्नामेंट की टीम बनाने वाली अन्य खिलाड़ी न्यूजीलैंड की बल्लेबाज जॉर्जिया प्लिमर, श्रीलंका की हरफनमौला देवमी विहंगा, बांग्लादेश की बड़े-हिटिंग बल्लेबाज शोरना एक्टर, दक्षिण अफ्रीका की विकेटकीपर कराबो मेसो, ऑस्ट्रेलिया की तेज गेंदबाज मैगी क्लार्क और पाकिस्तान की बाएं हाथ के स्पिनर एनोशा नासिर हैं।
टीम इंडिया के स्टार क्रिकेटर विराट कोहली इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2023 की तैयारियों में जुट चुके हैं। विराट कोहली ने आईपीएल 2023 से पहले एक फोटो शेयर की है, जिसमें अनुष्का और वामिका भी हैं।
IPL 2023 Impact player at IPL 2023 : आईपीएल 2023 में कई सारे बदलाव आपको देखने के लिए मिलेंगे। इसमें सबसे ज्यादा चर्चा जिस नए नियम की हो रही है, वो है इम्पैक्ट प्लेयर रूल। ये नियम ऐसा है कि एक झटके में मैच का पांसा पलट सकता है। अब आईपीएल में प्लेइंग इलेवन नहीं, बल्कि प्लेइंग इलेवन 12 बोलना ज्यादा बेहतर होगा। क्योंकि अब 12 खिलाड़ी खेलते हुए नजर आएंगे। वैसे तो इम्पैक्ट प्लेयर रूल ऑप्शनल होगा, यानी कप्तान चाहें तो इसका इस्तेमाल करें और चाहें तो न भी करें। लेकिन ये ऐसा नियम है, जो ज्यादातर मैचों में होता हुआ नजर आएगा। हालांकि पहले ये खबरें आ रही थीं कि इम्पैक्ट प्लेयर रूल पारी के 14वें ओवर से पहले पहले इस्तेमाल में लाना होगा, साथ ही एक टीम दो पारियों में से किसी भी एक पारी में इसका इस्तेमाल कर सकेंगी, लेकिन अब इसको लेकर तस्वीर साफ हो गई है। इससे कप्तानों ने काफी राहत की सांस ली होगी।
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Harshal patel and Virat kohli
आईपीएल 2023 में कप्तान टॉस के बाद कर सकेंगे अपनी प्लेइंग इलेवन का ऐलान
बीसीसीआई की ओर से इस बार आईपीएल में इम्पैक्ट प्लेयर रूल शुरू होने जा रहा है। इससे पहले कि हम आपको बताएं कि इम्पैक्ट प्लेयर रूल क्या है, उससे पहले ये जान लीजिए कि इस बार के आईपीएल में कप्तानों के पास ऑप्शन होगा कि वे टॉस के बाद अपनी प्लेइंग इलेवन का ऐलान करें। इससे पहले होता ये था कि जब टॉस होने वाला होता था, उससे पहले ही कप्तानों को अपनी प्लेइंग इलेवन दूसरे कप्तान के साथ शेयर करनी होती थी। ऐसे में टॉस होने के बाद अगर कप्तान चाहे तो भी अपनी प्लेइंग इलेवन में प्लेइंग कंडीशन के हिसाब से बदलाव नहीं कर सकता। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। दोनों टीमों के कप्तान जब टॉस के लिए जाएंगे, जो उनके हाथ में दो शीट होगी। टॉस से पहले उन्हें नहीं बताना होगा कि उनकी आज की टीम कैसी रहेगी। लेकिन जैसे ही टॉस हो जाएगा और ये साफ हो जाएगा कि कौन सी टीम पहले बैटिंग कर रही है, दो में से एक शीट कप्तान विरोधी वाली टीम के कप्तान को सौंप देगी। इससे ये फायदा होगा कि टीम पहले बैटिंग करेगी तो एक प्लेइंग इलेवन काम करेगी, वहीं अगर टीम बाद में बैटिंग करेगी तो उसके हिसाब से दूसरी प्लेइंग इलेवन का ऐलान किया जा सकता है।
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IPL Fans
इम्पैक्ट प्लेयर रूल इस तरह से करेगा आईपीएल में काम अब आपको बताते हैं कि इम्पैक्ट प्लेयर रूल कैसे काम करेगा। ये ऐसा नियम है, जो एक टीम को टॉस के बाद XI से एक खिलाड़ी को बदलने के लिए एक पारी में किसी भी समय पर एक इम्पैक्ट प्लेयर लाने की अनुमति देता है। कप्तान ने अगर अपनी प्लेइंग इलेवन में चार विदेशी खिलाड़ी पहले ही शामिल कर लिए हैं तो इम्पैक्ट प्लेयर के तौर पर आने वाला खिलाड़ी भारतीय ही होगा। लेकिन अगर पहले घोषित की गई प्लेइंग इलेवन में तीन विदेशी खिलाड़ी हैं तो कप्तान चाहे तो भारतीय खिलाड़ी और चाहे तो विदेशी खिलाड़ी को इम्पैक्ट प्लेयर के तौर पर शामिल कर सकता है। ऐसा नियम इसलिए लाया गया है ताकि भारतीय प्लेयर्स को ज्यादा से ज्यादा मैच खेलने का मौका मिल सके। पहले खबरें इस तरह की आ रही थी कि पारी के 14 वें ओवर से पहले कभी भी टीमें इसका इस्तेमाल कर सकती हैं, लेकिन अब पता चला है कि पारी के 20 ओवर में किसी भी वक्त किसी भी पारी में इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। यानी पहले से 20 ओवर तक कभी भी ये प्रयोग में लाया जा सकता है। हालांकि इतना जरूर है कि प्लेइंग इलेवन के ऐलान के वक्त टीमों को अपने उन चार चार प्लेयर्स के नाम देने होंगे जो इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकते हैं। उन चार में से किसी एक खिलाड़ी को कभी भी खेलने के लिए मैदान में भेजा जा सकता है। बाकी तीन खिलाड़ी नहीं खेल पाएंगे। हां, ये भी ध्यान रखना होगा कि एक टीम इम्पैक्ट प्लेयर रूल का इस्तेमाल मैच के दौरान केवल एक ही बार कर सकेगी।
दुनिया हिला देंगे वाली टीम इस बार कह रही है, ‘जरा हटके जरा बचके ये है मुंबई मेरी जान’। पांच बार की चैंपियन टीम को अपना पुराना रुतबा हासिल करना है, तो उसे इस बार जान लड़ा देनी होगी। पिछली बार यह टीम फिसड्डी साबित हुई थी। मुंबई को पॉइंट्स टेबल में सबसे नीचे से शिखर पर पहुंचने के अभियान को नया अंदाज देना होगा। वैसे उस पर इस बार एक और प्रेशर होगा। मुंबई इंडियंस विमिंस टीम विमिंस प्रीमियर लीग चैंपियन बनी है, तो फैंस मेंस टीम से भी वही उम्मीद करेंगे। हालांकि,टीम में 4 खिलाड़ी ऐसे हैं, जो टीम की कमजोर नस साबित हो सकते हैं…
ईशान किशन में नहीं दिख रही आग
कैमरून ग्रीन की ही तरह भारी भरकम राशि पर ईशान किशन भी टीम में शामिल हुए हैं। किशन ने बांग्लादेश में वनडे क्रिकेट में ऐतिहासिक दोहरा शतक जड़ा था। इसके बाद से वह रन बनाने के लिए जूझ रहे हैं। मुंबई इंडियंस को इस छोटे कद के बल्लेबाज से बड़े प्रदर्शन की उम्मीद है। अगर यह बल्लेबाज फेल हुआ तो मुंबई इंडियंस की हालत खराब हो सकती है।
कौन टर्न कराएगा गेंद? पीयूष चावला साबित होंगे बड़ी कमजोरी
टीम का स्पिन अटैक बेहद कमजोर माना जा रहा है। बड़े स्पिनर के तौर पर लेग स्पिनर पीयूष चावला हैं जिन्होंने अपना पिछला आईपीएल 2021 में खेला था और तब उन्हें सीएसके की ओर से सिर्फ एक मैच खेलने को मिला था।
रोहित शर्मा से ज्यादा है सैलरी, क्या कर पाएंगे कमाल?
टीम ने इस साल की शुरुआत में नीलामी में कैमरून ग्रीन के लिए 17.50 करोड़ रुपये खर्च किए। वह टीम में कायरन पोलार्ड की कमी को दूर करेंगे। पोलार्ड टीम के बल्लेबाजी कोच बन गए हैं। अगर ग्रीन फ्लॉप हुए तो रोहित शर्मा से अधिक पैसे देना फ्रेंचाइजी को भारी पड़ सकता है।
रोहित शर्मा की फॉर्म बेहद खराब, पिछले सीनज में एक भी फिफ्टी नहीं
1 एक भी फिफ्टी नहीं लगा सके थे रोहित शर्मा पिछले सीजन में, उनके आईपीएल करियर में ऐसा पहली बार हुआ था। इस सीजन रोहित शर्मा की बल्लेबाजी और कप्तानी की भी कठिन परीक्षा होगी। आईपीएल की सफलता को देखकर ही उनको टीम इंडिया का भी कप्तान बनाया गया था। उनकी अगुआई में पिछले साल खेले टी20 वर्ल्ड कप में भारत खिताबी जीत नहीं हासिल कर सका था। कप्तान रोहित पिछले कुछ समय से रन बना रहे हैं लेकिन अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदल पा रहे हैं। ईशान किशन का भी पिछले कुछ समय में अंतरराष्ट्रीय मैचों में प्रदर्शन खास नहीं रहा है, जबकि सूर्यकुमार यादव पर वनडे सीरीज में फेल होने के बाद भारी दबाव होगा।