‘हिटमैन’ रोहित शर्मा का ODI भविष्य: कप्तानी के बाद क्या बदलेंगे उनके तेवर?

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भारतीय क्रिकेट में बदलाव की हवा चल रही है। एक युग का अंत हुआ है, जब `हिटमैन` रोहित शर्मा ने ODI कप्तानी छोड़ी। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि कप्तानी का बोझ उतरने के बाद उनका खेल कैसा रहेगा। यह सिर्फ एक कप्तान का बदलाव नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट के एक दिग्गज के भविष्य से जुड़ा सवाल है।

हाल ही में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने शुभमन गिल को ODI टीम का नया कप्तान घोषित कर एक साहसिक फैसला लिया। इस निर्णय ने रोहित शर्मा के नेतृत्व वाले दौर पर विराम लगा दिया, जिसने अपने आप में कई यादगार पल और उपलब्धियां देखी थीं। यह निर्णय क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बन गया है, खासकर रोहित के प्रशंसकों के बीच, जो अब उनके व्यक्तिगत प्रदर्शन और टीम में उनकी भूमिका को लेकर चिंतित हैं।

एक कप्तान के रूप में रोहित की विरासत: आक्रामक तेवर की कहानी

इसमें कोई दो राय नहीं कि कप्तान के तौर पर रोहित ने अपनी बल्लेबाजी से एक मिसाल कायम की थी, खासकर आक्रामक शुरुआत देने के मामले में। आंकड़ों की मानें तो, चाहे वह 2023 का विश्व कप हो या 2025 की चैंपियंस ट्रॉफी, शीर्ष पांच भारतीय बल्लेबाजों में उनका स्ट्राइक रेट सबसे बेहतरीन रहा है। यह दर्शाता है कि वह सिर्फ रन बनाने वाले खिलाड़ी नहीं थे, बल्कि टीम को एक तेज और विस्फोटक शुरुआत देने वाले रणनीतिकार भी थे। उनका यह निडर अप्रोच टीम के लिए टोन सेट करता था और अक्सर विपक्षी गेंदबाजों को दबाव में डाल देता था।

उथप्पा की चिंता: कप्तान से खिलाड़ी बनने का मनोवैज्ञानिक प्रभाव

लेकिन यह बदलाव क्या रोहित के खेल को प्रभावित करेगा? पूर्व भारतीय क्रिकेटर और रोहित के साथ खेल चुके रॉबिन उथप्पा ने इसी बात पर एक गंभीर चिंता जताई है। उनका मानना है कि कप्तानी छूटने के बाद रोहित अपनी आक्रामक शैली छोड़ सकते हैं और अधिक सतर्क हो सकते हैं। उथप्पा ने अपने एक साक्षात्कार में कहा, “रोहित शर्मा वह खिलाड़ी हैं जिन्होंने एक दिवसीय क्रिकेट में भी अपनी आक्रामकता बढ़ाई है। पिछले तीन-चार सालों में उन्होंने बहुत तेज गति से खेला है, और मुझे लगता है कि यह उनके लिए एक तरह का परिवर्तन रहा है।”

उथप्पा ने आगे जोड़ा, “यह कप्तान के रूप में अगुवाई करने की उनकी इच्छा का परिणाम था। लेकिन अब, वह शायद थोड़ा और सतर्क होंगे, क्योंकि एक कप्तान को ड्रॉप करना खिलाड़ी को ड्रॉप करने से ज़्यादा मुश्किल होता है।” यह बयान उस मनोवैज्ञानिक बदलाव की ओर इशारा करता है जो किसी भी खिलाड़ी के खेल पर गहरा असर डाल सकता है।

`योग्यता के आधार` पर चयन: दिग्गजों पर दबाव

यह भी ध्यान देने योग्य है कि चयनकर्ताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि रोहित और विराट कोहली जैसे वरिष्ठ खिलाड़ियों का चयन अब पूरी तरह से `योग्यता के आधार` पर होगा। यह घोषणा इन दिग्गजों पर प्रदर्शन का एक अतिरिक्त दबाव डालती है। अब टीम में अपनी जगह बनाए रखने के लिए उन्हें हर मैच में अपनी क्षमता साबित करनी होगी, जहां पहले कप्तानी की बैज उनके लिए एक तरह की सुरक्षा कवच का काम करती थी। क्रिकेट की दुनिया में यह एक कड़वी सच्चाई है कि फॉर्म ही असली `बादशाह` होता है, भले ही आपका नाम कितना भी बड़ा क्यों न हो।

उम्र और फिटनेस की चुनौती: 2027 विश्व कप की ओर

2027 विश्व कप तक रोहित शर्मा 40 साल के हो जाएंगे। केवल एक फॉर्मेट (ODI) में सक्रिय रहने के कारण, लगातार फॉर्म और फिटनेस बनाए रखना उनके लिए एक बड़ी चुनौती होगी। इस उम्र में, युवा और फुर्तीले खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करना आसान नहीं होता। हालांकि, रोहित अपनी फिटनेस को लेकर गंभीर दिख रहे हैं। पूर्व सहायक कोच अभिषेक नायर ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर बताया कि रोहित ने 10 किलो वजन कम किया है, जो उनकी प्रतिबद्धता और लंबे समय तक खेलने की इच्छा को दर्शाता है। यह एक सकारात्मक संकेत है कि वह केवल नाम के भरोसे नहीं बैठे हैं, बल्कि मैदान पर अपने प्रदर्शन से जवाब देने को तैयार हैं।

ऑस्ट्रेलिया सीरीज: अग्निपरीक्षा का मैदान

19 अक्टूबर से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू हो रही तीन मैचों की ODI सीरीज में रोहित शर्मा सात महीने बाद नीली जर्सी में वापसी करेंगे। यह सीरीज उनके लिए एक अग्निपरीक्षा होगी। यह सिर्फ वापसी नहीं होगी, बल्कि एक खिलाड़ी के रूप में उनकी नई भूमिका का पहला इम्तिहान भी होगा। इस सीरीज में उनका प्रदर्शन न केवल उनके व्यक्तिगत भविष्य को आकार देगा, बल्कि भारतीय टीम की आगामी रणनीतियों पर भी इसका असर पड़ सकता है।

रोहित शर्मा का भविष्य अब उनके बल्ले के प्रदर्शन, उनकी फिटनेस और नए कप्तान शुभमन गिल के साथ उनके तालमेल पर निर्भर करेगा। क्या वह फिर से बिना कप्तानी के दबाव के `हिटमैन` के अपने पुराने, विस्फोटक अवतार में लौटेंगे? या यह उनके करियर में एक नए अध्याय की शुरुआत होगी, जहां वह एक अलग भूमिका में टीम के लिए योगदान देंगे? समय ही बताएगा। भारतीय क्रिकेट प्रशंसक बेसब्री से उनके अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं, यह देखने के लिए कि यह लीजेंड अपने करियर की इस नई चुनौती का सामना कैसे करता है।